जब फेडरर ने गुस्से में रैकेट को हेलिकॉप्टर का पंखा बना दिया!
फिर साफ करने पड़े टॉयलेट.

रॉजर फ़ेडरर. टेनिस इतिहास के महानतम प्लेयर्स में से एक. रॉजर ने बीते गुरुवार, 15 सितंबर को रिटायर होने की घोषणा की. और इसके बाद से ही लोग उन्हें याद कर रहे हैं. किसी को रॉजर के खेलने का अंदाज याद आ रहा है, तो कोई उनके सौम्य व्यक्तित्व की तारीफ़ कर रहा है. तो इसीलिए अपन ने सोचा कि आज के सिली पॉइंट में रॉजर पर बात की जाए.
तो चलिए शुरू करते हैं. अक्सर मैं सिली पॉइंट में स्टैट्स वगैरह पर बहुत जोर देता हूं. लेकिन आज स्टैट्स की बात नहीं होगी. क्योंकि रॉजर के स्टैट्स तो सबको गिने हुए हैं. इसलिए आज सिली पॉइंट में रॉजर से जुड़े कुछ क़िस्सों की बात होगी. जो कुछ लोगों को पता होंगे और कुछ को नहीं. तो चलिए, अब शुरू करते हैं.
रॉजर फेडरर ने साल 1998 में डेब्यू किया था. यानी वो साल जब सचिन तेंडुलकर अपने चरम पर थे. इस साल तेंडुलकर ने ढाई हजार से ज्यादा रन बनाए थे. इन रन्स में 12 शतक भी शामिल रहे. हां तो, इसी साल हुआ फेडरर का डेब्यू. और फिर साल 2003 में उन्हें ऐसा ईनाम मिला, जो उन्हें हमेशा याद रहेगा. साल 2003 में फेडरर ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता.
# Roger Federer Cowविम्बल्डन जीतने के बाद जब फेडरर अपने घरेलू टूर्नामेंट स्विस ओपन स्ताद में आए, तो उन्हें एक गाय गिफ्ट की गई. इस बारे में स्विसइंफो से बात करते हुए फेडरर ने कहा था,
'यह पूरी तरह से सरप्राइज़ था. अब मुझे गाय के लिए एक गराज चाहिए था, और मुझे पता ही नहीं था कि ये होता कैसा है.'
और फिर जब वह नौ साल बाद साल 2013 में इस टूर्नामेंट में दोबारा लौटे तो उन्हें फिर से एक गाय गिफ्ट की गई. एक मजेदार बात बताएं? सचिन की तरह फेडरर ने भी काफी कम उम्र में पढ़ाई को टाटा, बाय-बाय खतम बोल दिया था. रॉजर अपने गेम के साथ अपने सौम्य व्यवहार के लिए भी जाने जाते हैं. और उनके इस व्यवहार का भी एक क़िस्सा वर्ल्ड फेमस है.
# Roger Federer Zizouबात साल 2017 की है. इज़ियान अहमद नाम के एक बच्चे ने फेडरर से कहा,
'क्या आप आठ-नौ साल और खेल सकते हैं, जिससे मैं प्रो होने के बाद आपके साथ खेल सकूं?'
जब फेडरर ने हां कहा तो जिज़ू नाम से पुकारे जाने वाले इस बच्चे ने उनसे पूछा,
'क्या ये एक प्रॉमिस है?'
जवाब में फेडरर बोले,
'पिंकी प्रॉमिस'
और फिर पांच साल बाद. साल 2022 में अपने 41वें बर्थडे पर फेडरर ने अपना वादा पूरा किया. ज़िज़ू को स्विटज़रलैंड की राजधानी ज़्यूरिख लाया गया. जहां उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट मिला और फिर तमाम फ़ैन्स के बीच फेडरर ने उनके साथ मैच खेला. दुनिया की सबसे बड़ी पास्ता कंपनी बारिल्ला के साथ कोलैब में हुई इस एक्टिविटी के बाद एक इंटरव्यू में ज़िज़ू ने कहा था,
# Angry Roger Federer'रॉजर फेडरर ने कोर्ट के बाहर मुझसे काफी देर तक बात की, मुझे बहुत सी कहानियां सुनाईं और तमाम सारी टिप्स दीं. यह उनकी ओर से बहुत अच्छी बात थी. मुझे पहले से पता था कि वो सर्वकालिक महान खिलाड़ी हैं. लेकिन इस मीटिंग के बाद मुझे पता चला कि वह सर्वकालिक महान पर्सनालिटी भी हैं. वह बहुत सौम्य और पॉजिटिव हैं. रॉजर फेडरर कोर्ट पर और कोर्ट के बाहर मेरे आइडल हैं.'
ये तो हुई रॉजर फेडरर के अच्छी बातें. अब जाते-जाते आपको इससे उलट क़िस्सा सुनाकर जाते हैं. फेडरर के गुस्से का क़िस्सा. क़िस्सा उस वक्त का है जब वह एक टीनेजर हुआ करते थे और बील की नेशनल टेनिस अकैडमी में खेलते थे. उस दौरान वहां कोर्ट्स को अलग करने के लिए मोटे पर्दे लगाए गए थे. और फेडरर ने एक दफ़ा अपने गुस्से में इन पर्दों को फाड़ डाला. कैसे फाड़ा? इस बारे में एक डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने कहा था,
'पर्दा इतना मोटा था कि मुझे लगा कि इसे फाड़ना असंभव होगा. लेकिन 10 मिनट बाद, मैंने अपना रैकेट फेंका, यह हवा में हेलिकॉप्टर के पंखों की तरह घूमा और पर्दे को ऐसे काटा जैसे कोई चाकू बटर से होकर गुजर जाए. सबने खेलना रोक दिया और मेरी ओर देखने लगे.'
इस हरकत के बाद फेडरर को सजा भी मिली. उन्हें टॉयलेट और ऑफिसेज की सफाई का काम दिया गया. फेडरर ने ये काम किया. और ये वो दौर था जब उनके परिवार को फेडरर पर शर्म आती थी. उनकी माताजी ने तो ये बात पब्लिकली बोली थी कि कभी-कभी उन लोगों को फेडरर पर शर्म आती थी. लेकिन फिर फेडरर ने ये दौर पीछे छोड़ा. और ऐसे प्लेयर बने जिन पर आज पूरी दुनिया को गर्व है.
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