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भारत में आकर ली ट्रेनिंग और इंडिया को ही फंसा दिया

इनकी कहानी में सचिन, विराट और ना जाने क्या क्या है.

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रचिन रविन्द्र. फोटो: PTI
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विपिन
29 नवंबर 2021 (Updated: 29 नवंबर 2021, 03:06 PM IST) कॉमेंट्स
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22 जून 2020 को क्रिकेट की जानी मानी पत्रिका में एक फीचर आर्टिकल पढ़ा. इस आर्टिकल में उन 20 खिलाड़ियों की बात थी जो विराट, वॉर्नर, रोहित, स्टोक्स, विलियमसन के बाद आने वाले दशक के स्टार्स कहें जा रहे हैं. इन्हीं नामों के बीच एक नाम 21 साल के भारतीय मूल के किवी क्रिकेटर का था. रचिन रविन्द्र. वो रचिन जिन्होंने कानपुर टेस्ट के आखिरी दिन 91 गेंद खेलकर किवी टीम को हार के मुंह से निकाल लिया. रचिन के नाम की कहानी सुनी कि पापा सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ के फैन थे तो बच्चे का नाम दोनों नामों को मिलाकर रचिन रख दिया.
रचिन की पहचान किवी होने से कहीं ज़्यादा भारतीय लगती है. खुद भारतीय मूल से हैं, ट्रेनिंग का एक बड़ा हिस्सा भारत में गुज़रा, फेवरेट क्रिकेटर भी भारतीय ही हैं, फेवरेट मैच भी भारत का ही है. खैर, फिर भी कानपुर में खेले गए पहले मैच में उन्होंने भारतीय टीम से जीत छीन ली. इस आर्टिकल में आज हम आपको रचिन से जुड़ी कितनी ही ऐसी ढेर सारी बातें बताएंगे. पापा के साथ सुबह छह बजे शुरू करते थे ट्रेनिंग: रचिन रविन्द्र कितनी हार्ड ट्रेनिंग करके न्यूज़ीलैंड टीम तक पहुंचे इसका अंदाज़ा उनकी इस कहानी से लगाया जा सकता है. बताया जाता है कि वो हर रोज़ सुबह छह बजे अपने पिता के साथ ट्रेनिंग करने जाया करते थे. जिसके बाद वो फिर से ट्रेनिंग के लिए टीम जिम में आकर पसीना बहाते थे. जिम के बाद वो ट्रेनिंग सेशन में पहुंच जाते. लेकिन फिर भी रचिन की दिन की ट्रेनिंग खत्म नहीं होती. टीम का ट्रेनिंग सेशन पूरा करने के बाद वो फिर से अपने पिता के साथ ट्रेनिंग करने चल देते थे. अनंतपुर में भी हुई रचिन की ट्रेनिंग: सुबह छह बजे वाली ट्रेनिंग के बाद सफर आगे बढ़ा. वो ट्रेनिंग के लिए भारत आ गए. रचिन ने क्रिकेट की बारीकियां अब भारत में सीखी. आंध्र प्रदेश में बेंगलुरू से करीब 200 किमी दूर एक शहर है. नाम- अनंतपुर. यहां पर एक क्रिकेट एकेडमी है. अनंतपुर स्पोर्ट्स एकेडमी. हर साल यहां विदेशी खिलाड़ी ट्रेनिंग लेने आते हैं. रचिन भी ट्रेनिंग लेने के लिए यहां पहुंचे. इस स्पोर्ट्स एकेडमी के कोच केएस शहाबुद्दीन हैं. जो कि आंध्रा के फर्स्ट-क्लास ऑल-राउंडर रहे हैं. दरअसल इस एकेडमी में हर साल सर्दियों में न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट क्लब हट हॉक्स से खिलाड़ी ट्रेनिंग के लिए आते हैं. इस एकेडमी को एक ट्रस्ट चलाता है और उन्होंने बाकायदा यहां खेल गांव बसाया हुआ है. बस इसी ट्रेनिंग में रचिन रविन्द्र आए और भारतीय पिचों के लिए तैयारी में जुट गए. ये वो ही एकेडमी है जिसमें जिमी नीशम भी ट्रेनिंग लेकर जा चुके हैं.
Anantpur Sports Academy
अनंतपुर स्पोर्ट्स एकेडमी

इस एकेडमी में ट्रेनिंग लेने के बाद तो रचिन ने क्रिकेट की और भी बारीकियां सीख लीं. वो 2019 से न्यूज़ीलैंड की ए टीम का एक अहम हिस्सा बन गए हैं. जिसके बाद पहले T20 और अब टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार डेब्यू कर लिया है. किस भारतीय के फैन हैं रचिन? रचिन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो भारतीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंडुलकर को अपना हीरो मानते हैं. वो अपने डैड से बचपन से उनकी कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं. इतना ही नहीं रचिन जब भी यूट्यूब पर सचिन की बैटिंग देखते तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते.
सिर्फ सचिन ही रचिन के आइडल नहीं है. बल्कि उनका फेवरेट मैच भी भारत से ही जुड़ा है. साल 2012 का भारत और श्रीलंका के बीच होबार्ट का मैच विराट कोहली के शतक के लिए याद किया जाता है. सभी जानते हैं उस मुकाबले में विराट कोहली ने किस तरह से लसिथ मलिंगा पर अटैक किया था.
आपने वो मैच कितनी बार देखा होगा? दो बार, चार बार या ज़्यादा से ज़्यादा 10 बार. लेकिन रचिन रविन्द्र ने विराट कोहली की उस मैच की 133 रनों की पारी को कम से कम 100 बार देखा है. रचिन ने उस मैच को अपना फेवरेट मैच बताया है. साथ ही ये भी कहा कि
'हम सभी युवाओं के लिए विराट की उस पारी में बहुत बड़ी सीख है. उस मैच से हमें ये सीखना चाहिए कि कभी भी किसी गेंदबाज़ से घबराना नहीं होता.'
रचिन रविन्द्र ने 2021 में किवी टीम के लिए T20 डेब्यू किया है. और टेस्ट डेब्यू करने के बाद वो किवी टीम के लिए विश्वकप जीतना चाहते हैं और एक वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज़ बनना चाहते हैं.

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