The Lallantop
Advertisement

जय शाह पर रिएक्ट करने से पहले साल 1990-91 याद कर लो डियर पाकिस्तान!

ये हुआ, जैसे को तैसा.

Advertisement
Jay Shah, Asia Cup, INDvsPAK
जय शाह ने पाकिस्तान को सही जवाब दिया है (PTI/AP फोटो)
19 अक्तूबर 2022 (Updated: 19 अक्तूबर 2022, 22:06 IST)
Updated: 19 अक्तूबर 2022 22:06 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

जय शाह. एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष और BCCI के सेक्रेटरी. शाह जबसे BCCI में आए हैं, चर्चा में बने ही रहते हैं. 18, अक्टूबर, मंगलवार को हुई BCCI की सालाना मीटिंग के बाद उनका एक बयान भी खूब चर्चा में है. शाह ने कहा था कि भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप खेलने के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी.

इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कह डाला कि एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान की जगह कोई न्यूट्रल वेन्यू करेगा. और उनके इस बयान के बाद से ही क्रिकेट की दुनिया में बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तान वाले काफी दुखी हैं. ऐसी चर्चा चल रही है कि उनके साथ गलत हो रहा है. जय शाह को ऐसा नहीं करना चाहिए था. आज सिली पॉइंट में हम इसी मसले पर चर्चा करेंगे. और देखेंगे कि क्यों जय शाह ने कुछ गलत ना करते हुए भी थोड़ा तो गलत किया है.

# मुद्दा क्या है?

मंगलवार, 18 अक्टूबर को हुई BCCI की सालाना जनरल मीटिंग के बाद जय शाह ने कहा,

'एशिया कप 2023 एक न्यूट्रल वेन्यू पर खेला जाएगा. मैं ये बात बतौर ACC प्रेसिडेंट कह रहा हूं. हम वहां (पाकिस्तान) नहीं जा सकते, और वो यहां (भारत) नहीं आ सकते. पहले भी ऐसा हो चुका है, एशिया कप को न्यूट्रल वेन्यू पर खेला गया है.'

इससे लगभग एक साल पहले हुई ACC की मीटिंग में एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपी गई थी. 15 अक्टूबर 2021 को क्रिकबज़ पर छपी विजय टैगोर की रिपोर्ट के मुताबिक,

'जय शाह की अध्यक्षता वाली ACC मीटिंग में यह पाया गया कि एशिया कप को होस्ट करने का नंबर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का है. और PCB ने अपने हाल के स्टैंड पर कायम रहते हुए घोषित किया कि वे इस इवेंट को किसी न्यूट्रल वेन्यू पर नहीं होस्ट करेंगे. यह पाकिस्तान में ही खेला जाएगा. ऐसा समझा जाता है कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया. BCCI और PCB दोनों के सोर्सेज ने इस फैसले की पुष्टि की.'

असल में 2023 का एशिया कप श्रीलंका में होना था. लेकिन बाद में PCB और श्रीलंका क्रिकेट ने टूर्नामेंट आयोजित करने के अधिकारों की अदला-बदली कर ली. श्रीलंका ने 2022 का एशिया कप UAE में होस्ट किया. जबकि पाकिस्तान को 2023 एशिया कप होस्ट करने के अधिकार मिल गए.

पाकिस्तान बहुत खुश था. इसी खुशी में उन्होंने 20 दिसंबर 2021 को सुबह-सुबह एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में PCB ने अपने देश में होने वाले आगामी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच का शेड्यूल जारी किया था. इसमें साल 2023 में होने वाला 50 ओवर्स का एशिया कप भी शामिल था.

लेकिन इस ट्वीट के एक साल के अंदर ही हालात बदल चुके हैं. अब BCCI सेक्रेटरी और ACC प्रेसिडेंट जय शाह के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी. और पाकिस्तान को एशिया कप किसी न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित करना होगा. ये तो हुआ मुद्दा. अब आगे बढ़ते हुए देखते हैं कि BCCI सही कर रहा है या गलत.

# एशिया कप का बहिष्कार

पाकिस्तान की ओर से देखें तो लगता है कि BCCI गलत कर रहा है. इतने साल बाद पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी हुई है. BCCI को ऐसा नहीं करना चाहिए. लेकिन इतिहास देखेंगे तो इसमें कुछ नया नहीं दिखेगा. एशिया कप में बहिष्कार वाला खेल कई दफ़ा खेला जा चुका है. और इस खेल में भारत और पाकिस्तान दोनों ही शामिल रहे हैं.

पाकिस्तान ने 1990-91 में हुए एशिया कप का बहिष्कार किया था. टूर्नामेंट का यह चौथा एडिशन भारत में खेला गया. और दोनों देशों के बीच के राजनीतिक रिश्तों का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने इसमें भाग लेने से मना कर दिया था. इसके बाद एशिया कप के 1993 एडिशन को रद्द ही कर दिया था. कारण, फिर से राजनीतिक रिश्ते खराब होना. इस बार यह टूर्नामेंट पाकिस्तान में होना था.

यानी इस टूर्नामेंट के बीच में राजनीति के आने में कुछ नया नहीं है. रही बात इस बार की, तो इस बार तो बहिष्कार जैसा कुछ है नहीं. BCCI बस यही चाहती है कि टूर्नामेंट पाकिस्तान की जगह कहीं और खेला जाए. और BCCI के इस रुख के पीछे कहीं ना कहीं पाकिस्तान की हरकतें ही जिम्मेदार हैं. राजनीति या बॉर्डर इशूज पर ना जाते हुए सिर्फ स्पोर्ट्स की बात करें तो भी पाकिस्तान की हरकतें ऐसी ही हैं.

भारत में साल 2022 में चेस ओलंपियाड खेला गया था. पाकिस्तान ने टीम भारत भेजने के बाद, चेन्नई में हुए इस इवेंट से अपना नाम वापस ले लिया था. पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा था,

'भारत ने इस प्रतिष्ठित इंटरनेशनल स्पोर्टिंग इवेंट का राजनीतिकरण किया है. इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) ने चेस ओलंपियाड में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को न्यौता दिया था. इस इवेंट के लिए एक पाकिस्तानी दल ट्रेनिंग भी कर रहा था.'

पाकिस्तान ने यह टूर्नामेंट छोड़ने के पीछे का कारण भारत द्वारा कश्मीर में किए गए टॉर्च रिले को बताया था. बता दें कि ओलंपिक्स की तरह ओलंपियाड से पहले भी टॉर्च रिले होती है. और पाकिस्तान के मुताबिक यह टॉर्च कश्मीर ले जाकर भारत ने इवेंट का राजनीतिकरण कर दिया.

अब ऐसे में अगर BCCI पाकिस्तान जाने से मना कर रही है तो इसमें गलत क्या है? क्या इसे ही जैसे को तैसा नहीं कहते? हालांकि इन तमाम बातों में एक चीज तो गलत है. अगर BCCI को अपना रुख यही रखना था, तो उन्हें ACC की मीटिंग में ही यह साफ कर देना चाहिए था. अगर वो वहीं मना कर देते, तो शायद इतना बवाल ना होता.

एशिया कप 2023 पर जय शाह के बयान के बाद पाकिस्तान ने लिया ये एक्शन

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement