22 अगस्त 2020 (Updated: 21 अगस्त 2020, 04:58 AM IST) कॉमेंट्स
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फास्ट बोलर्स की जब भी बात होती है, तो ज़ेहन में आते हैं वेस्टइंडीज़ के वो पुराने-पुराने तगड़े-तगड़े गेंदबाज़. या फिर पाकिस्तान के हैंडसम और स्टाइलिश बोलर्स. वेस्टइंडीज़ तो उन तगड़े बोलर्स की खेप को बहुत पीछे छोड़ आया है. लेकिन पाकिस्तान आज भी यही दम भरता है कि दुनिया के बेहतरीन फास्ट बोलर्स उन्हीं के पास हैं.
हालांकि इंग्लैंड में खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ के लगातार तीसरे मैच में पाकिस्तानी फास्ट बोलर्स ने उनकी लुटिया डुबो दी. साउथैम्पटन के एजिस बाउल में तीन मैचों की सीरीज़ का तीसरा मैच खेला जा रहा है और मैच के पहले दिन ही इंग्लैंड ने बोर्ड पर सिर्फ 4 विकेट खोकर 332 रन टांग दिए हैं. यानी कि पाकिस्तान की बोलिंग फुल-टू-फ्लॉप.
एक वक्त पर 127 रन पर 4 विकेट खोकर इंग्लैंड मुश्किल में फंस गया था. लेकिन उसके बाद पाकिस्तान के बोलर्स ने वही किया जो पहले टेस्ट में भी देखने को मिला था. शुरुआती विकेटों के बाद विकेट निकालने की क्या ट्रिक है, ये किसी को भी नहीं पता. फिर टीम के साथ चाहें वकार यूनुस हों, या मुश्ताक अहमद. बड़े से बड़े लेजेंड्स भी अपने बोलर्स को ये नहीं समझा पा रहे कि सामने वाली टीम के मिडिल और लोवर ऑर्डर को कैसे समेटना है.
18 साल के नसीम शाह और 20 साल के शाहीन शाह अफरीदी पाकिस्तान टीम के वो अभिमन्यु लगते हैं जिन्हें चक्रव्यूह में घुसना तो आता है, लेकिन वापसी का रास्ता नहीं पता. शुरुआती ओवरों में तो वो अपनी टीम को विकेट दिला देते हैं, लेकिन जब सामने वाली टीम 100-125 रन पार कर लेती है तो फिर इन्हें समझ ही नहीं आता कि अब ये करें तो क्या करें.
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वहीं, मोहम्मद अब्बास साहब के तो क्या ही कहने. कोरोना वायरस का सबसे ज़्यादा असर किसी खिलाड़ी पर पड़ा है तो वो ये ही हैं. एक तो स्पीड नहीं, ऊपर से ICC ने सलाइवा बैन कर दिया. जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती है. उसके बाद उनकी गेंद पर कैच आएगा ये तो भूल ही जाइए. उनके हाथ से छूटी गेंद, विकेटकीपर के दस्तानों तक पहुंच जाए तो बहुत है. पहले दिन के खेल में भी ऐसा कितनी ही बार हुआ कि बल्ले से लगने के बाद गेंद फील्डर से 1-2 मीटर पहले ही गिर गई.
पाकिस्तान की कमियां खूब बता दीं. अब बात कर लेते हैं इंग्लैंड टीम की. 22 साल के जैक क्रॉली ने बीते नवंबर में ही न्यूज़ीलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था.
अब क्रॉली ने साउथैम्पटन के आखिरी टेस्ट में ऐसी बैटिंग की है कि हर किसी दिल जीत लिया. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए शुरू में ही रोरी बर्न्स (6 रन) को खो दिया था. पांचवे ओवर में ही अफरीदी के विकेट लेने के बाद क्रॉली को मैदान से बुलावा आ गया कि आओ और खेलो. बस क्रॉली पांचवे ओवर में ऐसा उतरे कि दिन खत्म हो गया लेकिन उन्हें कोई आउट नहीं कर पाया.
दूसरे एंड पर सिबली (22 रन), कप्तान रूट (29 रन) और ओली पोप (3 रन) सब वापस जा रहे थे. लेकिन क्रॉली ने विकेट को ही घर बना लिया. उन्होंने शानदार बैटिंग की और अपना पहला टेस्ट शतक जमा दिया.
दिन का खेल खत्म हुआ तो वो 171 रन बनाकर नॉट-आउट लौटे. दूसरी तरफ जब दिन के दूसरे सेशन में सिर्फ 126 पर इंग्लैंड के चार विकेट गिर गए थे. ऐसे हाल में आए जोस बटलर. वही बटलर जो आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की जान हैं. कहां तो इस सीरीज़ से पहले उनके टेस्ट प्लेयर होने पर भी सवाल उठ रहे थे और कहां, दिन का खेल खत्म हुआ तो पूरी इंग्लिश टीम उनके लिए तालियां बजा रही थी.
बटलर ने इंग्लैंड की सबसे बड़ी मुसीबत बने खड़े यासिर शाह को जमकर बैटिंग की क्लास दिखाई. उन्होंने भी दिन का खेल खत्म होने तक नॉट-आउट 87 रन बना लिए हैं. पहले दिन चाय से पहले 127 पर चौथा विकेट गिरने के बाद बटलर और क्रॉली ने 205 रन की पार्टनरशिप की और इंग्लैंड को मैच में फेवरेट बनवा दिया.
पहले दिन इंग्लैंड की बैटिंग के अलावा एक चीज़ और अच्छी हुई कि बादल तो घिरे, लेकिन बरखा रानी नहीं आई. यानी कि साउथैम्पटन के मौसम ने पिछले छह दिन के खेल में पहली बार एक बार भी खिलाड़ियों को परेशान नहीं किया.
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