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पुजारा को उनके डेब्यू मैच से ठीक पहले धोनी ने कुर्सी पर क्यों खड़ा किया?

चेतेश्वर पुजारा जब पहली बार टेस्ट टीम में चुने गए तब टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी. डेब्यू मैच में पुजारा के साथ क्या हुआ था, इसके बारे में उन्होंने खुद ही बताया.

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चेतेश्वर पुजारा ने साल 2010 में टेस्ट टीम के लिए डेब्यू किया था. (Photo-AP)
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रिया कसाना
30 मई 2025 (Updated: 30 मई 2025, 06:47 PM IST) कॉमेंट्स
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टीम इंडिया के लिए डेब्यू करना हर भारतीय क्रिकेटर का सपना होता है, लेकिन जब कोई खिलाड़ी पहली बार इस ड्रेसिंग रूम में आता है, तो उसके लिए वो अनुभव बहुत खास और कभी-कभी नर्वस कर देने वाला होता है. दिग्गज बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने इस अनुभव का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में गए, तो उनसे क्या कहा गया था.

पुजारा को साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में चुना गया था. उस समय टीम में ऐसे कई दिग्गज खिलाड़ी थे, जिन्हें देखकर पुजारा ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था. लल्लनटॉप के स्पेशल प्रोग्राम गेस्ट इन द न्यूजरूम में पुजारा ने बताया,

बहुत फ्रेंडली माहौल था. कुछ खिलाड़ी मुझे पहले से थोड़ा बहुत जानते थे. जो भी खिलाड़ी टीम में पहली बार आता है, उसे एक स्पीच देनी होती है. उस समय टीम के कप्तान एम.एस. धोनी थे और कोच गैरी कर्स्टन. टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण और जहीर खान जैसे दिग्गज मौजूद थे. उनके सामने स्पीच देनी थी और मैं बहुत नर्वस था.

धोनी ने कुर्सी पर खड़े होने को कहा

पुजारा ने आगे बताया कि जैसे ही वह ड्रेसिंग रूम में गए, उन्हें कुर्सी पर खड़े होने को कहा गया. उन्होंने कहा,

मेरे पिता ने मुझे इस पल के लिए तैयार किया था. वह हमेशा कहते थे कि जब आप अलग-अलग देशों में क्रिकेट खेलने जाओगे, तो अंग्रेज़ी में बात करनी होगी. बचपन में स्कूल के साथ-साथ अंग्रेज़ी की क्लास भी लगवाई गई थी. पहली स्पीच मैंने इंग्लिश में दी थी. माही भाई ने एक कुर्सी खींची और कहा कि इसके ऊपर खड़े होकर स्पीच देनी है. यही टीम का रिचुअल था. मैंने स्पीच दी.

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सीनियर्स से मिला पूरा समर्थन

पुजारा ने बताया कि करियर की शुरुआत में उन्हें सीनियर्स से काफी समर्थन मिला. उन्होंने कहा,

टीम में सबने बहुत अच्छे से स्वागत किया. कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं दिग्गजों के बीच हूं. जब भी किसी से क्रिकेट को लेकर कोई सवाल किया, सबने बहुत अच्छे से जवाब दिया. कभी भी ऐसा नहीं लगा कि मैं कहीं गलत आ गया हूं.

बताते चलें कि चेतेश्वर पुजारा को इस सीरीज में डेब्यू का भी मिला था. बेंगलुरु में हुए दूसरे टेस्ट मैच में पुजारा को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया था. पहली पारी में वह केवल 4 रन ही बना सके थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने शानदार 72 रन की पारी खेली और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.

 

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