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कैमरन ग्रीन बिके 25.20 करोड़ में, लेकिन मिलेंगे बस 18 करोड़ और टैक्स भी अलग से कटेगा

कैमरन ग्रीन आईपीएल इतिहास के तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं. कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनपर 25 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च किए हैं.

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कैमरन ग्रीन पिछले सीजन में आरसीबी की हिस्सा थे. (Photo)
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रिया कसाना
16 दिसंबर 2025 (Updated: 16 दिसंबर 2025, 04:50 PM IST)
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IPL 2026 के लिए हुए मिनी ऑक्शन में कैमरन ग्रीन  (Cameron Green) के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) ने अपना खजाना लुटा दिया. चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुई बीडिंग वॉर के बाद केकेआर ने 25 करोड़ 20 लाख रुपए में इस ऑस्ट्रेलिया ऑलराउंडर को अपने साथ जोड़ा. वह अब ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर के बाद लीग के तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं. वहीं युवा गेंदबाज मथीशा पथिराना को भी केकेआर ने ही अपने साथ जोड़ा. पथिराना के लिए टीम ने 18 करोड़ रुपए खर्च किए. कैमरन और पथिराना के बिडिंग में भले ही लगभग 7 करोड़ रुपए का अंतर हो लेकिन दोनों को सैलरी बराबर ही मिलेगी.  ग्रीन को 25 करोड़ से ज्यादा में बिकने के बावजू उन्हें मिलेंगे केवल 18 करोड़ रुपए. अगर आप सोच रहे हैं कि वजह टैक्स है तो आप गलत हैं. इसकी वजह है BCCI का विदेशी खिलाड़ियों के लिए बनाया गया  'मैक्सिमम फीस नियम'.

क्या है BCCI का नया नियम

BCCI ने हाल ही में यह नियम लागू किया है. इस नियम के मुताबिक, हाईएस्ट रिटेंशन स्लैब (18 करोड़) और पिछले मेगा ऑक्शन में बिके सबसे महंगे खिलाड़ी पर लगी बोली (ऋषभ पंत- 27 करोड़) में से जो भी कम होगा, मिनी ऑक्शन में विदेशी खिलाड़ी को वही रकम मिलेगी. रिटेंशन स्लैब की रकम 18 करोड़ कम थी इसी कारण इस ऑक्शन में बिकने किसी भी खिलाड़ी को इससे ज्यादा पैसे नहीं मिलेंगे. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह खिलाड़ी कितने में बिका है. बचा हुआ पैसा BCCI के प्लेयर्स वेलफेयर फंड में जाएगा.

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कैमरन ग्रीन पर 25 करोड़ 20 लाख रुपए की बोली लगी. उन्हें केवल 18 करोड़ रुपए मिलेंगे. बचे हुए सात करोड़ 20 लाख रुपए BCCI के खास फंड में जाएंगे. इस फंड का इस्तेमाल ग्रासरूट लेवल पर खिलाड़ियों के उत्थान के लिए किया जाएगा. यह नियम सभी विदेशी खिलाड़ियों पर लागू है. यानी कोई भी विदेशी कितनी भी रकम में बिके उसके खाते में 18 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए नहीं आएंगे.

BCCI क्यों लाई यह नियम

इस नियम के दायरे में भारतीय क्रिकेटर नहीं आते हैं. अगर किसी भारतीय खिलाड़ी पर ऑक्शन में 25 करोड़ रुपये की बोली लगती है तो उसे पूरे 25 करोड़ रुपये ही मिलेंगे. इस नियम को लाने के पीछे की तीन मुख्य वजह है. सबसे अहम है विदेशी खिलाड़ियों को जरूरत से ज्यादा सैलरी पाने से रोकना. कई विदेशी खिलाड़ी मेगा ऑक्शन की जगह मिनी ऑक्शन में खुद को रजिस्टर करवा रहे थे क्योंकि इससे उनके महंगे बिकने की संभावना बढ़ जाती है. इस नियम से यह कोशिश की जा रही है कि भारतीय खिलाड़ियों के साथ कोई नाइंसाफी न हो.

सबसे महंगे खिलाड़ी

ऋषभ पंत - 27 करोड़ रुपए (2025)

श्रेयस अय्यर - 26.75 करोड़ रुपए (2025)

कैमरन ग्रीन - 25.20 करोड़ रुपए (2026)

मिचेल स्टार्क - 24.75 करोड़ रुपए (2024)

वेंकटेश अय्यर - 23.75 करोड़ रुपए (2025)

पैट कमिंस - 20.5 करोड़ रुपए (2024)

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