The Lallantop
Advertisement

बेन स्टोक्स ने बताया, IPL की वजह से आखिरी बार पिता को क्यों नहीं देख पाए थे?

बेन स्टोक्स ने बताया पिता की मौत के बाद क्रिकेट से क्यों हो गई थी नफ़रत.

Advertisement
Ben Stokes. File Photo
बेन स्टोक्स. File Photo
pic
विपिन
23 अगस्त 2022 (Updated: 23 अगस्त 2022, 10:09 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने अपने मानसिक स्वास्थ्य और पैनिक अटैक पर खुलकर बात की है. उन्होंने ये भी बताया कि वो छह महीने के ब्रेक के बाद मैदान पर वापसी करने पर भी एंग्जायटी की दवाओं पर हैं. बेन स्टोक्स ने पिछले साल ही अपने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए क्रिकेट से ब्रेक लेने का फैसला लिया था.

साल 2020 में ब्रेन कैंसर के चलते अपने पिता की मौत के बाद से ही बेन स्टोक्स मानसिक स्वास्थ्य से परेशान थे. जिसकी वजह से उन्हें पैनिक अटैक्स भी आते थे.

क्रिकेट के मैदान पर वापसी के बाद बेन स्टोक्स ने इसी साल जुलाई के महीने में वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. बेन स्टोक्स ने हालिया बातचीत में बताया है कि जब उन्होंने ब्रेक लिया तो उन्हें क्रिकेट के प्रति गहरी नाराजगी महसूस हुई क्योंकि वह अपने मरते हुए पिता से उतना नहीं मिल पा रहे थे जितना वह चाहते थे.स्टोक्स ने कहा,

'जब आखिरी बार मैंने अपने पिता को देखा तब मैं इंडियन प्रीमियर (IPL) लीग के लिए न्यूज़ीलैंड से निकल रहा था. वो चाहते थे कि मैं जाउं, क्योंकि वो मुझे राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलता देख काफी खुश होते थे. लेकिन क्रिकेट के चलते ही मैं आखिरी बार अपने पिता को नहीं देख पाया था. इसी वजह से मुझे क्रिकेट से नफरत हो गई थी.'

उन्होंने आगे कहा,

'इसलिए जब मैंने ब्रेक लिया तो क्रिकेट से दूर होने के लिए मेरे पास एक वजह थी. मैं वास्तव में खेल पर गुस्सा था क्योंकि यह तय कर रहा था कि मैं अपने पिता को कब देख सकता था.'

बेन स्टोक्स ने इस बातचीत में अपनी एंग्जायटी की दवाओं पर भी बात की. उन्होंने कहा,

'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह की चीज़ों से निपटने के लिए दवाई खानी होगी. मैं यह कहने में शर्मिंदा नहीं हूं क्योंकि मुझे उस समय मदद की ज़रूरत थी.'

उन्होंने कहा,

'मैं फिर से खेलने लगा हूं इसका मतलब ये नहीं है कि मैं दवाओं से हूं. मैं अब भी कभी-कभी डॉक्टर से बात करता हूं. और मैं अब भी हर रोज़ दवाइयां लेता हूं. यह एक प्रक्रिया है.'

बेन स्टोक्स ने इस बातचीत में मानसिक स्वास्थ्य से परेशान लोगों को खुलकर बात करने के लिए भी प्रेरित किया है. उनका मानना है कि ऐसी चीज़ों पर बिना डरे खुलकर बात करनी चाहिए. 

पाकिस्तान के खिलाफ़ पचासे से कैसे बंद होगा हेटर्स का मुंह?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement