केएल राहुल-वेंकटेश प्रसाद के बीच छिड़ी जंग में एजेंडा क्या है?
कैसे शुरू हुई ये वॉर?

केएल राहुल को लेकर वेंकटेश प्रसाद और आकाश चोपड़ा भिड़े पड़े हैं. राहुल पर इन दोनों ने पूरी फुर्सत में रिएक्शन दिए हैं. और इनके रिएक्शंस की चेन में कहीं बीच से फंसे लोगों के लिए हम लाए हैं आज की हमारी बड़ी ख़बर. इसे देख आपको पूरा मामला समझ आ जाएगा.
साल 2023 की 9 जनवरी. वेंकटेश प्रसाद ने राहुल की आलोचना में पहला ट्वीट किया. कट टू 23 जनवरी. वेंकी ने राहुल को शादी की बधाई दी. फिर शुरू हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी. पहले मैच में राहुल 71 गेंद पर 20 रन बनाकर आउट हो गए. भारत ये मैच जीत लिया. लेकिन 11 फरवरी को रिजल्ट आते ही वेंकटेश ने राहुल के खिलाफ़ एक मुहिम छेड़ दी. उन्होंने लंबे-चौड़े ट्वीट किए. इन ट्वीट्स की शुरुआत कुछ ऐसे हुई,
'मेरे मन में केएल राहुल के टैलेंट और क़ाबिलियत के लिए बहुत सम्मान है. लेकिन बदकिस्मती से उनका प्रदर्शन बेहद खराब है. आठ साल के इंटरनेशनल करियर में 46 टेस्ट खेलते हुए सिर्फ 34 का औसत बेहद साधारण है. मुझे ऐसा कोई खिलाड़ी याद नहीं आता जिन्हें इतने मौके दिए गए हों. कई खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म के साथ इंतज़ार कर रहे हैं.'
वेंकटेश इतने पर ही नहीं रुके. उन्हें इस दौरान ये भी कह दिया कि राहुल का चयन पक्षपात का बड़ा उदाहरण है. इसके बाद वेंकटेश प्रसाद लगातार राहुल पर निशाना साधने लगे. 17 फरवरी से दिल्ली में दूसरा टेस्ट शुरू हुआ. टेस्ट के दूसरे दिन भारत की पारी में वो 17 रन बनाकर आउट हो गए. उनके आउट होते ही वेंकटेश प्रसाद ने फिर ट्वीट किया. राहुल को निशाना बनाते हुए उन्होंने शिखर धवन, मयंक अग्रवाल, सरफ़राज़ खान जैसे दिग्गजों के स्टैट्स शेयर कर उन्हें राहुल से बेहतर बताया.
इतना ही नहीं उन्होंने हमारे-आपके बचपन में खेले खिलाड़ियों के औसत भी साझा कर दिए. वेंकटेश ने लिखा,
'राहुल का लगातार टीम में शामिल होना इंसाफ से विश्वास उठाता है. शिव सुंदर दास में बहुत पोटेंशियल था, ऐसा ही सदागोपन रमेश के साथ भी था. दोनों का बल्लेबाज़ी औसत 38 का था. लेकिन उन्हें 23 से ज्यादा टेस्ट मुकाबलों में मौके नहीं मिले. ऐसे में राहुल को लगातार मौके देने का मतलब ये है कि भारत में टैलेंट की कमी है लेकिन ऐसा है नहीं. पिछले पांच सालों की 47 पारियों में उनका बल्लेबाज़ी औसत सिर्फ 27 का रहा है.'
वेंकटेश ने इसके बाद यहां तक कह दिया कि राहुल टॉप-2 छोड़िए. देश के टॉप-10 ओपनर्स से भी बाहर हैं. 18 फरवरी तक वेंकटेश प्रसाद लगातार केएल राहुल की खराब फॉर्म का हवाला देते हुए ट्वीट्स कर रहे थे. फिर 19 फरवरी को इस मामले में आकाश चोपड़ा की एंट्री हुई. आकाश चोपड़ा ने वेंकटेश प्रसाद के पिछले 20 साल वाले ट्वीट को कोट करते हुए लिखा,
'वेंकी भाई टेस्ट मैच चल रहा है. क्यों ना कम से कम दोनों पारियों के खत्म होने का इंतज़ार किया जाए. हम सभी एक ही टीम में हैं, टीम इंडिया. मैं आपको अपने विचार रखने से नहीं रोक रहा, सिर्फ इतना कह रहा हूं कि ये सब कहने की टाइमिंग थोड़ी बेहतर हो सकती थी. आखिरकार, हमारा गेम टाइमिंग का ही तो है.'
वेंकटेश ने आकाश के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा,
'ईमानदारी से कहूं तो कोई फर्क नहीं पड़ता है, आकाश. मेरे विचार से ये बहुत ही उचित आलोचना है चाहे वो दूसरी पारी में अर्धशतक ही क्यों ना बना लें. मैच के बीच में या मैच के बाद, यहां अप्रासंगिक है. यूट्यूब पर आपके प्यारे वीडियोज के लिए शुभकामनाएं, मैं उनका आनंद लेता हूं.'
इसके कुछ देर बाद 19 फरवरी को ही उन्होंने एक और ट्वीट किया और लिखा,
'कुछ लोगों को लगता है कि मेरी राहुल से कोई निजी दुश्मनी है. जबकि ये बिल्कुल उलटा है. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन इस तरह की फॉर्म में खेलने से उनका आत्मविश्वास कभी नहीं बढ़ने वाला. अब टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह वापस बनाने के लिए राहुल को इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलना चाहिए. क्योंकि डॉमेस्टिक सीज़न खत्म हो गया है. वहां जाकर वो रन्स बनाएं और अपनी जगह वापस पाएं. बिल्कुल पुजारा की तरह, जैसा उन्होंने टीम से ड्रॉप होने के बाद किया था. लेकिन क्या उनके लिए IPL को छोड़ना संभव है?'
इन सबके बीच दिल्ली टेस्ट के आखिरी दिन ही ऑस्ट्रेलिया के साथ आखिरी दो टेस्ट के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया. टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया. यानी केएल राहुल टीम में बरक़रार. हांलाकि उनसे उप-कप्तानी जरूर ले ली गई.
20 फरवरी की सुबह वेंकटेश फिर जागे. इस बार उन्होंने राहुल से जुड़े बहुत से आंकड़े दिखाते हुए लिखा,
'लोगों को ऐसा लगता है कि राहुल का विदेशी दौरों पर रिकॉर्ड शानदार है. लेकिन स्टैट्स तो कुछ और ही बता रहे हैं. विदेश में खेली 56 पारियों में उनका औसत सिर्फ 30 का है. उन्होंने विदेशों में छह शतक ज़रूर बनाए हैं लेकिन कई लो स्कोर्स भी हैं, जिसके चलते उनकी औसत 30 की है.'
वेंकी ने इन ट्वीट्स में और भी कई प्लेयर्स का ज़िक्र किया. उन्हें राहुल से बेहतर बताया. इस दौरान आकाश चोपड़ा से भी सोशल मीडिया पर क्रिकेट फ़ैन्स ने राहुल को लेकर सवाल किए. जवाब में आकाश ने राहुल को डिफेंड करते हुए आंकड़े दिखाए.
लेकिन इसी कड़ी में आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक ऐसा वीडियो शेयर कर दिया. जिसके बाद आकाश और वेंकटेश के बीच तीखी बहस हो गई. आकाश चोपड़ा ने वीडियो बहुत ही आदर-सत्कार वाले लहज़े के साथ शुरू किया. उन्होंने कहा,
'केएल राहुल पर जब भी कोई ख़बर होती है तो हमारे फॉर्मर इंडिया फास्ट बोलर हैं वेंकटेश प्रसाद जी, वो ट्वीट ज़रूर करते हैं. उनसे मेरी बात भी हुई थी. उन्होंने कहा मैं आपका यूट्यूब वीडियो देखता हूं. मुझे अच्छा लगता है, मुझे लगा चलो यार यूट्यूब के माध्यम से ही मैं अपनी बात रखता हूं.'
यहां तक तो ठीक था. लेकिन आगे बात बिगड़ गई. चोपड़ा ने तमाम सफाई देते हुए कहा,
'अगर किसी का कोई एजेंडा है भी तो सिर्फ नंबर्स के बारे में बात कीजिए. जब भी नंबर्स को आप लेकर आएं तो रिसर्च के साथ आएं. और पर्सनल अगर आपका कुछ है तो प्लीज़ फोन उठाकर कह दो राहुल द्रविड़ को, बता दो, भाई साहब ऐसा कर रहे हो, गलत कर रहे हो. आपको नहीं करना चाहिए.'
आकाश का वीडियो आने के बाद वेंकटेश प्रसाद ने ट्विटर पर इसका भी जवाब दिया. उन्होंने ये दावा किया कि आकाश चोपड़ा ने उनके बयान को बड़ी चालाकी से पेश किया है. इतना ही नहीं वेंकटेश प्रसाद ने आकाश चोपड़ा के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने रहाणे की बजाय रोहित शर्मा को टीम में रखने की बात कही थी. रोहित शर्मा पर आकाश चोपड़ा के पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा,
'जब रोहित 24 साल के थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए उन्हें सिर्फ़ चार साल हुए थे, तब इस तरह का व्यंग्य इस्तेमाल किया जा सकता है और मैं आठ साल के अनुभव वाले 31 साल के केएल राहुल के ख़राब प्रदर्शन पर सवाल नहीं उठा सकता.'
पूर्व क्रिकेटर ने एक के बाद एक क़रीब आधा दर्जन ट्वीट किए और आकाश चोपड़ा के यूट्यूब वीडियो को 'अप्रिय' बताया.
उन्होंने लिखा,
'मेरा किसी खिलाड़ी के ख़िलाफ़ कोई एजेंडा नहीं है, हो सकता है किसी और का हो. मतभेद ठीक हैं, लेकिन विपरीत विचारों को बतौर निजी एजेंडा पेश करके ये कहना कि इसे ट्विटर पर न लाएं, काफ़ी हास्यास्पद है.'
वेंकटेश प्रसाद ने इसके साथ ही ये भी कहा कि उनके मन में केएल राहुल के लिए कोई दुर्भावना नहीं है. चाहे सरफ़राज़ हों या कुलदीप उन्होंने हमेशा मेरिट के आधार पर आवाज़ उठाई है.
आख़िर में वेंकटेश प्रसाद ने ये भी कहा कि आकाश चोपड़ा और उनके बीच कोई खटास नहीं है. वो अपने यूट्यूब चैनल पर जितनी मेहनत झोंक रहे हैं, वो सराहनीय है. लेकिन अलग मत को सिर्फ़ इसलिए एजेंडा बताना क्योंकि ये उनके नैरेटिव से मेल नहीं ख़ाता, बुरा है.
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