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सपना, पूर्वजन्म की याद या बीमारी, आखिर है क्या देजा वू?

इसमें ऐसा लगता है जैसे ये एक्सपीरियंस, घटना हमारे साथ पहले भी हो चुकी है.

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लगभग 30-80 प्रतिशत लोगों को देजा वू महसूस होता है
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31 मार्च 2022 (Updated: 31 मार्च 2022, 17:26 IST)
Updated: 31 मार्च 2022 17:26 IST
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

आप कुछ काम कर रहे हैं, तभी अचानक आपको एक बहुत ही अजीब सी फीलिंग महसूस होती है. ऐसा लगता है जैसे ये सब कुछ पहले भी हो चुका है. कोई आपसे कुछ बोल रहा है, एकदम से आपको लगता है जैसे ये पहले हुआ है. क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? ज़्यादातर लोग कहेंगे हां. क्योंकि ऐसा ज़्यादातर लोगों के साथ होता ही है. इसे कहते हैं देजा वू. आपने ये शब्द कई बार सुना होगा. अब होता क्या है कि हम आमतौर पर इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते. बात आई-गई हो जाती है. हालांकि इसे लेकर मन में सवाल ज़रूर रहते हैं. कई लोगों को लगता है उनके साथ पिछले जन्म में ऐसा हो चुका है जो उन्हें अब दिख रहा है या एहसास हो रहा है. तो क्या वाकई देजा वू आपके पिछले जन्म की कोई याद है या कुछ और? आज इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट्स से. देजा वू क्या होता है? ये हमें बताया राकिब अली ने.
डॉक्टर राक़िब अली, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, बीएलके हॉस्पिटल, दिल्ली
डॉक्टर राक़िब अली, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, बीएलके हॉस्पिटल, दिल्ली


-देजा वू एक फ़्रेंच शब्द है.
-जिसका मतलब है पहले से देखा हुआ.
-अगर देजा वू को साइकोलॉजिकल तौर पर समझें तो देजा वू एक बहुत ही स्ट्रांग फीलिंग है.
-ये बताती है कि शायद ये एक्सपीरियंस, घटना हमारे साथ पहले भी हो चुकी है.
-ये बहुत ही थोड़े समय के लिए महसूस होता है.
-काफ़ी स्ट्रांग इमोशन छोड़कर जाता है.
-जैसे आप ये वीडियो देख रहे हैं और देखते-देखते आपको महसूस हो कि ऐसा पहले हो चुका है, आप ये पहले देख चुके हैं.
-हालांकि असल में आपके साथ ऐसा नहीं हुआ है.
-न ही असल में इसकी कोई याद है.
-ये केवल फीलिंग के लेवल पर महसूस होता है.
-लगभग 30-80 प्रतिशत लोगों को देजा वू महसूस होता है.
Deja Vu: What It Is, When It May Be Cause for Concern – Cleveland Clinic अगर देजा वू को साइकोलॉजिकल तौर पर समझे तो देजा वू एक बहुत ही स्ट्रांग फीलिंग है


-पहली बार ये 8-10 साल की उम्र में महसूस होता है.
-20-25 साल की उम्र में ये पीक पर होता है.
-उसके बाद ये बहुत ही कम महसूस होता है. देजा वू क्यों महसूस होता है? -देजा वू क्यों महसूस होता है, इसके पीछे कई थ्योरी हैं.
-सीधा जवाब इसके बारे में अभी तक एक्सपर्ट्स के पास नहीं है.
-पहली थ्योरी है मेमोरी थ्योरी.
-मेमोरी थ्योरी के हिसाब से हमारा दिमाग शॉर्ट टर्म मेमोरी को अलग रखता है.
-यानी जो चीज़ें अभी घटित हो रही हैं वो अलग स्टोर होती हैं.
-जो पहले हो चुका है, उसकी याद को अलग स्टोर किया जाता है.
-लेकिन अगर इसमें कुछ गड़बड़ हो जाए तो शॉर्ट टर्म मेमोरी, लॉन्ग टर्म मेमोरी से आती हुई प्रतीत होती है.
-दूसरी थ्योरी है जिसे कहा जाता है 3-D हॉलोग्राम थ्योरी.
-इसका मतलब है कि हमारी यादें 3-D हॉलोग्राम की तरह सेव होती हैं.
-अगर कोई चीज़ उस घटना की याद दिलाते हुए मैच हो जाती है.
-तो ऐसा लगता है कि ये पूरी घटना पहले हो चुकी है.
-तीसरी थ्योरी है ड्रीम थ्योरी.
Deja Vu: What Really Happens To Your Body When You Experience This Feeling देजा वू क्यों महसूस होता है, इसके पीछे कई थ्योरी हैं


-इसके हिसाब से हम वो सपने भी देखते हैं जो भविष्य में होने वाली स्थिति को प्रिडिक्ट करते हैं.
-लेकिन हमारा ब्रेन उसको कई बार एक असल याद की तरह स्टोर कर लेता है.
-फिर ऐसा लगता है कि ये अनुभव पहले हो चुका है.
-पर असल में हमनें सपने में कुछ वैसा अनुभव किया होता है, असल में नहीं.
-लेकिन सबसे इंटरेस्टिंग थ्योरी है मैट्रिक्स थ्योरी.
-यानी 'ग्लिच इन द मैट्रिक्स थ्योरी'.
-जिसे बोलते हैं सिम्युलेशन.
-कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हम असल ब्रह्मांड में नहीं, कंप्यूटर से जुड़े हुए ब्रह्मांड में रह रहे हैं.
-जैसा आपने मैट्रिक्स फ़िल्म में देखा था.
-इसके अनुसार देजा वू उस ब्रह्मांड में होने वाले किसी ग्लिच के कारण होता है.
-हालांकि इस थ्योरी के बारे में कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं. मिथक -देजा वू कई लोगों को अनुभव होता है और एकदम से होता है.
-पहले से इसका पता नहीं चलता.
-इसलिए लोग इसे काफ़ी सारी चीज़ों से जोड़ते हैं.
-इसे अद्भुत मानते हैं.
-असाधारण मानने लगते हैं.
Can Science Explain Deja Vu? | Everyday Einstein देजा वू एक नॉर्मल एक्सपीरियंस है, इसलिए इसे दूसरे एक्सपीरियंस जैसे आवाज़ें सुनाई देना या चीज़ें दिखाई देना जो असल में नहीं हैं, उससे न जोड़ें


-आध्यात्मिक तौर पर देखने लगते हैं.
-कुछ लोगों को लगता है कि पिछले जन्म में घटी घटनाएं हमें देजा वू में महसूस होती हैं.
-कुछ लोगों को लगता है कि हमारी आत्मा हमें कोई चेतावनी दे रही है. देजा वू प्रॉब्लम कब बन जाता है? -जब तक हम देजा वू पर बहुत ध्यान नहीं देते हैं.
-इसे नॉर्मल मानते हैं.
-ऐसा कभी-कभी हो रहा है.
-तो ये कोई इशू नहीं है.
-लेकिन एक्सपर्ट्स ने ये देखा है कि जब इंसान ज़्यादा स्ट्रेस में होता है तो देजा वू के एपिसोड भी ज़्यादा होते हैं.
-कई बार ये अनुभव परेशान कर देने वाले होते हैं.
-ख़ासकर जब हम स्ट्रेस में होते हैं.
-इसलिए स्ट्रेस का देजा वू से एक लिंक है.
-देजा वू एक नॉर्मल एक्सपीरियंस है, इसलिए इसे दूसरे एक्सपीरियंस जैसे आवाज़ें सुनाई देना या चीज़ें दिखाई देना जो असल में नहीं हैं, उससे न जोड़ें.
-स्ट्रेस को मैनेज करें.
-क्योंकि देजा वू बहुत ज़्यादा स्ट्रेस का नतीजा हो सकता है.
-अगर आपको देजा वू महसूस होता है तो उससे बहुत ज़्यादा प्रभावित न हों.
-सही समय पर प्रोफेशनल मदद लें.
आपके साथ-साथ आज मुझे अपने सवालों के जवाब भी मिल गए. जैसे राक़िब अली ने बताया, देजा वू क्यों महसूस होता है, इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं. पर हां, स्ट्रेस से ज़रूर इसका गहरा नाता है. पर इसको लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. जैसा आपने सुना, ये लगभग 80 प्रतिशत लोगों को महसूस होता है. इसलिए नो टेंशन.

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