कैंसर के मरीजों की उम्मीद स्टेम सेल डोनेशन होता क्या है?
300 ml ब्लड जिसमें लाल, पीला और सफ़ेद खून बनाने वाला बीज होता है.
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
आपने ब्लड डोनेशन के बारे में सुना होगा. हार्ट डोनेशन के बारे में सुना होगा. लिवर डोनेशन के बारे में सुना होगा. पर क्या आपने स्टेम सेल डोनेशन के बारे में सुना है? हमें सेहत पर मेल आया पंकज का. वो एक नॉन-प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन के लिए काम करते हैं. ये आर्गेनाइजेशन भारत सरकार के साथ मिलकर काम करती है. ये डोनर रेजिस्ट्री में मदद करती है. यानी अगर आप डोनेट करना चाहें, तो इनके साथ रजिस्टर कर सकते हैं. फिर जब किसी पेशेंट को ज़रूरत पड़ेगी तो आपको डोनेट करना पड़ेगा. अब डोनेशन किस चीज़ का? स्टेम सेल्स का.
स्टेम सेल्स वो चीज़ हैं जो इंसान को ब्लड कैंसर तक से बचा सकते हैं. दुःख की बात ये है कि हिंदुस्तान में लोगों को स्टेम सेल्स के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए ज़्यादा लोग डोनेट भी नहीं करते. जिसकी वजह से कई जानें जो बच सकती हैं, वो बच नहीं पातीं. इसलिए पंकज चाहते हैं कि हम स्टेम सेल डोनेशन के बारे में बात करें. लोगों को जागरूक करें कि वो आगे बढ़कर स्टेम सेल डोनेशन करें और किसी की जान बचाएं. तो सबसे पहले ये समझे लीजिए कि स्टेम सेल डोनेशन होता क्या है. स्टेम सेल डोनेशन क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर राहुल भार्गव ने.
डॉक्टर राहुल भार्गव, प्रिंसिपल डायरेक्टर, फ़ोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
-स्टेम सेल डोनेशन यानी आपका 300 ml खून जिसके अंदर वो बीज होता है
-जो लाल खून, पीला खून और सफ़ेद खून बनाता है.
-ये किसी के जीवन को बचा सकता है.
-ये बहुत ही अलग होता है.
-अभी तक आपने किडनी ट्रांसप्लांट सुना होगा.
-लिवर ट्रांसप्लांट सुना होगा.
-हार्ट ट्रांसप्लांट सुना होगा.
-कोरोना के युग में लंग ट्रांसप्लांट सुना होगा.
-पर क्या आपने स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के बारे में सुना है?.
-या स्टेम सेल डोनेशन के बारे में सुना है?
-स्टेम सेल शरीर के अंदर मौजूद बोन मैरो में पाया जाता है.
-स्टेम सेल वहां जुड़े हुए होते हैं.
-साइंस ने काफ़ी तरक्की की, जिससे पता चला कि स्टेम सेल को खून से इकट्ठा किया जा सकता है.
-बोन मैरो ट्रांसप्लांट से लोगों को ठीक किया जा सकता है.
-स्टेम सेल यानी शरीर का 300 ml खून. किन लोगों को स्टेम सेल डोनेशन की ज़रूरत पड़ती है? -स्टेम सेल डोनेशन की ज़रूरत उन लोगों को पड़ती है जो ब्लड कैंसर से ग्रसित हैं.
साइंस ने काफ़ी तरक्की की, जिससे पता चला कि स्टेम सेल को खून से इकट्ठा किया जा सकता है
-इसके अलावा अप्लास्टिक एनीमिया, थैलासीमिया, सिकल सेल जैसी बीमारियों से ग्रसित होते हैं.
-उसको स्टेम सेल ठीक कर सकता है.
-शरीर में दो किडनी, 1 दिल, 1 लिवर और साढ़े चार करोड़ स्टेम सेल्स होते हैं.
-अगर 2 किडनियों में से एक किडनी निकाल ली जाए तो 1 बचती है.
-पर अगर साढ़े चार करोड़ स्टेम सेल्स में से तीन लाख निकाल लिए जाएं तो ये ठीक वैसा है जैसे सागर में से बूंद.
-ये प्रक्रिया बहुत जटिल नहीं है.
-इसमें डोनर को कोई फ़र्क नहीं पड़ता. कौन स्टेम सेल डोनेशन कर सकता है? -उदाहरण के तौर पर किसी इंसान की मां के 7 भाई-बहन थे.
-अगर मां का ट्रांसप्लांट होता तो उन्हें अपने भाई-बहनों से स्टेम सेल्स मिलने का चांस 30-40 प्रतिशत होता है.
-अगर आपका 1 भाई है और आपके बच्चे का कोई भी भाई-बहन नहीं है,
-इसका मतलब अगर बच्चे को स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ती है किसी कारण से
-तो स्टेम सेल कहां से आएंगे?
-ऐसे में स्टेम सेल रेजिस्ट्री से आएंगे.
-एक नई प्रक्रिया शुरू हुई है.
-जिसमें आप अपना 300 ml खून या चीक स्वाब दे सकते हैं.
-उसका DNA निकालकर HLA किया जाएगा.
साढ़े चार करोड़ स्टेम सेल्स में से तीन लाख निकाल लिए जाएं तो ये ठीक वैसा है जैसे समुन्द्र में से बूंद
-HLA करके रेजिस्ट्री में डाल दिया जाएगा.
-शायद अगले 5-7 साल में आपको रेजिस्ट्री से बुलावा आ सकता है.
-ऐसे में आपको वहां जाकर 300 ml अपना खून देना होगा.
-इससे किसी की जान बच सकती है.
-स्टेम सेल डोनेशन और डोनर रेजिस्ट्री में खुद को दाखिल करना बहुत आसान है.
-हम सबको स्टेम सेल डोनर बनने के लिए डोनर रेजिस्ट्री में खुद को शामिल करना चाहिए.
-क्योंकि अमेरिका में 15 लाख से ज़्यादा डोनर हैं.
-हिंदुस्तान की जनसंख्या 140 करोड़ है, यहां केवल साढ़े तीन से चार लाख लोग ही डोनर हैं.
-स्टेम सेल डोनेशन कोई जटिल चीज़ नहीं है.
-डोनर की कोई सर्जरी नहीं होती.
स्टेम सेल डोनेशन और डोनर रेजिस्ट्री में खुद को दाखिल करना बहुत आसान है
-एक मशीन के ज़रिए, जिससे प्लेटलेट निकलता है, वो डोनर के हाथ में मौजूद बड़ी नस में लगाई जाती है.
-3-4 घंटे खून को उसमें रखने के बाद उसमें से स्टेम को इकट्ठा किया जाता है.
-उसको प्रोसेस करके जिसको उसकी ज़रूरत है, उसको दिया जा सकता है.
-हाल-फ़िलहाल में थाइलैंड के एक इंसान ने भारतीय डॉक्टर की जान बचाई.
-स्टेम सेल डोनेशन किया.
-स्टेम सेल डोनेशन आसानी से हाथ के माध्यम से किया जा सकता है.
-हर इंसान स्टेम सेल डोनर बन सकता है.
-उसका HLA कब किसी से मैच कर जाए ये नहीं कह सकते.
-इसलिए स्टेम सेल डोनर बनें.
-आपका 300 ml खून बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से किसी को ब्लड कैंसर, अप्लास्टिक एनीमिया, थैलासीमिया, सिकल सेल जैसी बीमारियों से ठीक कर सकता है.
जैसा कि आपने सुना. स्टेम सेल डोनेशन बहुत आसान है. इसे करने से डोनर को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती. पर हां, आप किसी की जान ज़रूर बचा सकते हैं. आपको केवल अपना 300 ml खून डोनेट करना होता है. आप डोनर रेजिस्ट्री की मदद से ऐसा कर सकते हैं. पर हां, डोनेट करने से पहले ये ज़रूर जांच कर लें कि वो रेजिस्ट्री फ्रॉड तो नहीं.