कुछ साल पहले टेबल के कोने से मेरा पैर टकरा गया. चप्पल पहनी नहीं थी. जो ज़ोरों कीचोट लगी उंगलियों में... उफ्फ्फ़ आज भी सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कुछ ही देरमें उंगलियां नीली-पीली पड़ गईं. भयानक सूज गईं. दर्द तो इतना कि क्या बताऊं. मैनेंसोचा सिकाई कर लेते हैं, आराम मिलेगा. मैनें हॉट वॉटर बैग गर्म किया और सिकाई करनीशुरू कर दी. अब ये सुनकर आप में कई समझदार लोग मुझपर हंस रहे होंगे. पर उस वक़्तमुझे ये नहीं पता था कि किस तरह की चोट पर ठंडी सिकाई करनी चाहिए और किसपर गर्म.मैनें हमेशा मम्मी-पापा को कमर दर्द, पीठ के दर्द में गर्म सिकाई करते हुए देखा था.अब मुझे लगा इस चोट के दर्द को कम करने में भी गर्म सिकाई मदद करेगी. पर हुआ उसकाठीक उल्टा, कुछ घंटों बाद देखा तो उंगलियों में ब्लड क्लॉट हो गए थे. यानी अंदर खूनके थक्के जम गए थे. जब डॉक्टर को बताया तो उसका सबसे पहला सवाल था, 'गर्म सिकाईक्यों की.' खैर, इसके बाद सबक मिल गया.हर इंसान को ये पता होना चाहिए कि किस तरह की चोट पर, कौन सी सिकाई करनी है, कैसेकरनी है और कब तक करनी है. क्योंकि गलत सिकाई करने से दिक्कत और ज़्यादा बढ़ सकती है.तो जानिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं.