जबरन धर्म परिवर्तन, टॉर्चरः तमिलनाडु के स्कूल गर्ल सुसाइड केस में अब तक क्या-क्या सामने आया?
12वीं में पढ़ने वाली स्टूडेंट की 19 जनवरी को सुसाइड से मौत हो गई थी. मामले की जांच CBI को सौंपी गई.
"स्कूल ने मेरे पेरेंट्स से कहा कि मैं ईसाई धर्म में कन्वर्ट हो जाऊं. उन्होंने कहा कि यह मेरी एजुकेशन के लिए ज़रूरी है. हमने मना किया, तब से लगातार वह लोग मुझे हरास कर रहे थे."तमिलनाडु का तंजावुर. 12वीं में पढ़ने वाली एक लड़की की 19 जनवरी को सुसाइड से मौत हो गई. मौत से पहले वो 10 दिन अस्पताल में भर्ती रही. 20 जनवरी को लड़की का वीडियो सामने आया जिसमें वो ऊपर लिखी बात कहती दिख रही थी. वीडियो सामने आने के बाद स्कूल की भीषण आलोचना शुरू हो गई. माता-पिता ने स्कूल को अपनी बेटी की आत्महत्या का ज़िम्मेदार ठहराया. इस मामले में तमिलनाडु सरकार को घेरा जा रहा है, वहीं राजनीतिक दल लड़की को न्याय दिलाने के नाम पर 'ईसाई मिशनरीज़ के ख़िलाफ़' मोर्चा बुलंद कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये मामला 'तंजावुर स्कूलगर्ल सुसाइ केस' के नाम से चर्चित हो गया है. 31 जनवरी को इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंप दी गई है.
क्या है पूरा घटनाक्रम? 10 जनवरी को लड़की के पिता के पास अस्पताल से फ़ोन आया. बताया गया कि उनकी बेटी को एक दिन पहले पेट में तेज़ दर्द हुआ और वह अस्पताल में भर्ती है. पिता अस्पताल पहुंचे. लड़की की हालत बिगड़ने लगी तो उसे 15 जनवरी को तंजावुर मेडिकल कॉलेज में रेफ़र कर दिया. वहां लड़की ने डॉक्टरों के सामने क़ुबूल किया कि हॉस्टल वार्डन के टॉर्चर से परेशान होकर उसने ऐसा कदम उठाया. अस्पताल की तरफ से पुलिस को जानकारी दी गई. लड़की तंजावुर के सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थी. उसके बयान के आधार पर हॉस्टल वार्डन शाकयामारी को 19 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया.#BREAKING
Justice GR Swaminathan had reserved orders on the petition filed by the father of the girl on Jan 28.#MadrasHighCourt
Madras High Court (Madurai Bench) transfers the investigation of the suicide case of Tanjavur girl student to the CBI from Tamil Nadu police.
pic.twitter.com/u8QlHxIOyS
— Live Law (@LiveLawIndia) January 31, 2022
तंजावुर SP जी रावली प्रिया ने कहा,
"लड़की के माता-पिता ने तिरुकट्टुपल्ली पुलिस को 15 जनवरी को मामले की पहली सूचना दी थी. पुलिस ने आईपीसी की धारा 305 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और पॉक्सो की धारा 75 (नाबालिग के साथ क्रूरता पर करना) और 82 (1) (नाबालिग को अनुशासित करने के लिए शारीरिक दंड देना) के तहत मामला दर्ज किया."वीडियो बनाने वाला शख्स भी आरोपी वीडियो सामने आने के बाद स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए. भारतीय जनता पार्टी की ज़िला यूनिट के सदस्यों ने धर्म परिवर्तन वाली बात पर ज़ोर देते हुए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष ए अन्नामलाई ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. साथ में यह भी बताया कि पार्टी की महिला मोर्चा की नेताओं ने एक स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है.
इस बीच वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से सर्कुलेट होने लगा. SP डी रावली प्रिया ने चेतावनी दी कि फोटो, वीडियो या किसी भी माध्यम से लड़की की पहचान जाहिर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने POCSO और IPC की संबंधित धाराओं का हवाला देते हुए बताया कि यह एक अपराध है. उन्होंने कहा,
"लड़की की वीडियो बनाने वाले को भी इस मामले में और आरोपी माना जाएगा."पुलिस की जांच में पता चला कि जिस व्यक्ति ने मृतिका का पहला वीडियो बनाया था, उसका नाम मुथुवल है और वो विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा हुआ है. वो अरियालुर ज़िले का रहने वाला है, लड़की भी वहीं की रहने वाली थी. लड़की से काम करवाती थी वार्डन 27 जनवरी को लड़की का एक दूसरा वीडियो सामने आया. इस वीडियो में लड़की बता रही है कि 'सिस्टर' (इस केस में हॉस्टल की वार्डन) उससे अकाउंट्स का काम करवाती थी, हॉस्टल का दरवाज़ा खोलना-बंद करना और साफ़-सफ़ाई जैसे काम भी करवाती थी. लड़की ने बताया कि दसवीं तक वह क्लास की टॉपर थी, लेकिन इस तरह के अतिरिक्त क़िस्म के कामों की वजह से वह अपनी पढ़ाई पर फ़ोकस नहीं कर पा रही थी. इसके बाद वीडियो बनाने वाला लड़की से कुछ सवाल पूछता है. जैसे उसका नाम क्या है, उसके मां-बाप का नाम क्या है. लड़की बताती है. फिर व्यक्ति लड़की से पूछता है कि क्या स्कूल वाले लड़की को बिंदी लगाने से मना करते थे. इस पर लड़की कहती है कि ऐसा कुछ भी नहीं है. इस मामले में तमिलनाडु सरकार क्या कह रही? मामले की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच में चल रही है. सुनवाई के दौरान एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर टी सेंथिल कुमार ने कहा कि जिस मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किया गया है, उसे फॉरेंसिक जांच के लिए चेन्नई भेज दिया गया है. उन्होंने कहा,
"हमें अभी तक पता नहीं है कि कितने वीडियो शूट किए गए हैं और इसी का पता लगाया जा रहा है."सेंथिल कुमार ने कहा कि राजनैतिक ब्लेम-गेम चल रहा है और भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है. सेंथिल कुमार ने ये भी दावा किया कि जांच सही दिशा में जा रही थी. तुरंत गिरफ़्तारियां की गईं. कुल 63 लोगों से अभी तक पूछताछ की जा चुकी है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जांच की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस ने ये भी दावा किया कि वीडियो बनाने वाला मुथुवल जांच में कॉपरेट नहीं कर रहा है. इस पूरे मामले पर स्कूल क्या कह रहा है? स्कूल की तरफ़ से 'द इमैकुलेट हार्ट ऑफ़ मैरी सोसाइटी' ने एक याचिका में कहा कि लड़की की मौत स्कूल के लिए एक क्षति है. वरिष्ठ अधिवक्ता ज़ेवियर अरुलराज ने कहा कि सोसाइटी द्वारा संचालित संस्थानों के ज़्यादातर छात्र हिंदू हैं, फैकल्टी मेंबर्स में भी हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं. उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
स्कूल की तरफ़ से दायर दस्तावेज़ों में आरोप लगाया गया है कि यह एक बड़ी साजिश है. हॉस्टल वार्डन एक सीनियर सिटिज़न है और जेल में है और एक अन्य वॉर्डेन से पुलिस पूछताछ कर रही है. यह भी आरोप लगाया कि जिस व्यक्ति ने वीडियो शूट किया, वो 'अपराधिक प्रवृत्ति का है और पहले भी ईसाइयों पर हमला कर चुका है.'Arulraj : We are on a media trial. Now every priest, every nun is viewed with suspicion. We have contributed to nation-building through our education service for years. One fourth of school children in Tamil Nadu are from our institutions.#MadrasHC
— Live Law (@LiveLawIndia) January 28, 2022
#TanjavurGirlSuicide
मिशनरी स्कूल की तरफ़ से अदालत में एक कॉन्फिडेंशियल हलफनामा जमा करते हुए वकील ज़ेवियर अरुलराज ने दावा किया है कि लड़की एक मेडिकल कंडीशन से गुज़र रही थी और उसने अपनी सौतेली मां के ख़िलाफ़ चाइल्ड लाइन में शिकायत दर्ज कराई थी. स्कूल का दावा है की लड़की की सौतेली मां उसे प्रताड़ित करती थी और इसी वजह से लड़की ने कई बार छुट्टियों में घर जाने से मना किया है. CBI को सौंपा गया केस लड़की के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट एम कार्तिकेय वेंकटाचलपति ने कहा था कि मृतका का दूसरा वीडियो फोन पुलिस को सौंपे जाने के बाद लीक हुआ. ये पुलिस का जांच पर संदेह पैदा करता है. उन्होंने फोरेंसिक जांच पर भी संदेह जताया.
मृतका के पिता ने कोर्ट में यह अर्जी दी थी की मामले की जांच CB-CID को सौंपी जाए. मृतका के पिता की याचिका के अनुसार उन्हें तंजावुर पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु पुलिस की जांच पर टिप्पणी की. कहा कि पुलिस कन्क्लूज़न पर कूद रही है. बहुत से ज़रूरी बातों की जांच अभी अधूरी है, जैसे कि धर्मांतरण वाला ऐंगल. अदालत ने 31 जनवरी को मामले को CBI को सौंपने का आदेश दिया. NCPCR ने गठित की अपनी जांच टीम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 28 जनवरी को आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार मामले की जांच के लिए आयोग को आवश्यक समर्थन नहीं दे रही है. एक प्रेस रिलीज़ में NCPCR ने कहा कि उसे शिकायत मिली है कि लड़की को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मजबूर किया गया और इस धर्मांतरण के दबाव की वजह से संस्था के अधिकारियों ने उसे यह क़दम उठाने के लिए मजबूर किया.
गांव वालों ने बाहरी लोगों के दख़ल की सूचना दी 28 जनवरी को माइकलपट्टी के निवासियों ने प्रशासन से संपर्क किया और मांग की कि राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों को गांव में पूछताछ करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.Tamil Nadu | A team of NCPCR visits Thanjavur to inquire into the suicidal death of a minor girl in the district. As per NCPR notice, the concerned SP has been asked to be present for the probe; meeting with parents of deceased girl & school authorities also to be done by NCPCR pic.twitter.com/TJUMowZryP
— ANI (@ANI) January 31, 2022
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उस स्कूल के खिलाफ बोलने के लिए कहा जा रहा है. (फोटो - ट्विटर)
माइकलपट्टी में रहने वाले हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों और गांव वालों द्वारा दायर मेमोरेंडा में यह लिखा गया है कि वह 5 पीढ़ियों से सद्भाव में रह रहे हैं और धर्म के नाम पर उनके बीच कभी कोई समस्या नहीं आई.
स्कूल की जिरह करने के लिए पेरेंट्स-टीचर एसोसिएशन, लोकल निवासियों, पूर्व छात्रों और अभी पढ़ रहे छात्रों के माता-पिता ने कलेक्टर को एक अलग याचिका दी है जिसमें स्कूल और वहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए सुरक्षा की मांग की गई. भाजपा की अलग जांच टीम जबरन धर्मांतरण के ऐंगल पर ज़ोर देते हुए बीजेपी की डिस्ट्रिक्ट यूनिट्स और ABVP के कार्यकर्ता पूरे राज्य में प्रदर्शन कर रहे हैं. लड़की के नाम के साथ ट्विटर पर हैशटैग चलाया जा रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई है. इस कमेटी में तेलंगाना की पूर्व सांसद विजयशांति, मध्य प्रदेश की संध्या राय, महाराष्ट्र की चित्रा ताई वाघ और कर्नाटक की गीता विवेकानंद शामिल हैं.
विजय शांति ने सूबे के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा,While travelling to Thanjavur .....
member of parliament @RayShandhya
ji from @BJP4MP
@BJP4Karnataka
mahilamorcha president @GeethaVivekanan
ji @BJP4TamilNadu
GS @SumathiVenkat18
ji
Exe.member @bjpmm4tamilnadu
ji@blsanthosh
@annamalai_k
@Srikantkarunesh
@VanathiBJP
pic.twitter.com/Qfoyuvrdlg
— Chitra Kishor Wagh (@ChitraKWagh) February 1, 2022
"इस मामले में डीएमके धर्म की राजनीति कर रही है. हम यहां एक हिंदू लड़की को न्याय दिलाने आए हैं. राज्य ने अभी तक इस मामले में गिरफ़्तार व्यक्ति की तस्वीरें क्यों नहीं जारी की हैं?"स्कूल में पढ़ने वाली लड़की की मौत का मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है. मामले की जांच अब सीबीआई के पास है. इस केस में कोई भी नई जानकारी आती है तो उसे हम यहां अपडेट करेंगे.