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आंध्र में टोल प्लाज़ा स्टाफ को महिला नेता ने क्यों मारे थप्पड़?

और जानिए, सात साल की बच्ची ने क्या गजब कारनामा किया?

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गुंटूर के एक टोल प्लाज़ा के पास YSRCP की नेता डी रेवती द्वारा स्टाफ से मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. (तस्वीर: वीडियो स्क्रीनशॉट/ANI)
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प्रेरणा
10 दिसंबर 2020 (Updated: 10 दिसंबर 2020, 12:41 PM IST) कॉमेंट्स
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गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने क्यों माफ़ी मांगी?
 स्मृति इरानी की चप्पल ख़बरों में कैसे छा गई?
किसे मिला स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर का खिताब?
इन सबके बारे में जानेंगे, ऑडनारी के स्पेशल न्यूज बुलेटिन WIN, यानी विमेन इन न्यूज में. इस खास प्रोग्राम में हम बात करते हैं महिलाओं की, उनकी जो किसी न किसी वजह से खबर में बनी रहीं. इसी के साथ बढ़ते हैं पहली खबर की ओर-
# टोल टैक्स मांगा तो नेता ने थप्पड़ मार दिया, वीडियो वायरल
आंध्र प्रदेश की पार्टी है YSRCP. राज्य में इन दिनों इसी पार्टी की सरकार है. इसकी एक नेता हैं डी. रेवती. आंध्र प्रदेश वड्डेरा वेलफेयर और डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की चेयरपर्सन हैं. इनका एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में वह टोल प्लाजा के एक स्टाफ को थप्पड़ मारती दिख रही हैं. मामला गुंटूर के काजा टोल का है. ANI के मुताबिक़, रेवती से स्टाफ ने टोल टैक्स मांग लिया था, इससे उनका पारा चढ़ गया.
इस घटना की आलोचना करते हुए आंध्र प्रदेश BJP के सेक्रेटरी रमेश नायडू नोगथु ने कहा,
घमंड का प्रदर्शन है ये. YSRCP के नेता सोचते हैं कि वो सत्ता में हैं तो कुछ भी कर सकते हैं.
बहरहाल इस मामले में मंगलगिरी पुलिस स्टेशन में रेवती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. रेवती ने इस घटना के लिए टोल प्लाजा स्टाफ को ही जिम्मदार बताया है. उन्होंने कहा कि टोल प्लाज़ा स्टाफ के व्यवहार की वजह से ये सब कुछ हुआ था. मैं आंध्र प्रदेश के टॉप पुलिस ऑफिसर से इस बारे में बात करूंगी. # सात साल की बच्ची ने किया गजब कमाल
सात साल की रोरी लोगों को हैरान कर रही हैं. वो इतना वजन उठा लेती हैं कि अच्छा खासा लाइटवेट वेटलिफ्टर शरमा जाए. रोरी ओटावा की रहने वाली हैं. अभी वह सिर्फ 4 फुट लंबी हैं, और 80 किलो वजन उठा लेती हैं.
ब्रिटिश अखबार डेली मेल के अनुसार, रोरी वान उल्फ ने 5 साल की उम्र में वजन उठाने की शुरुआत की थी. वह गईं तो जिमनास्टिक्स की क्लास में थीं, लेकिन वहां रखे वजन को उन्होंने मजाक में उठा लिया. इसकी तरफ जब ट्रेनर का ध्यान गया तो उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू किया गया. वह रोज वजन उठाकर लोगों को हैरान करने लगीं. जब उनसे इतना वजन उठाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बस इतना कहा -
मैं अपने दिमाग को क्लियर करती हूं और वजन उठा लेती हूं.
रोरी को हाल ही में वेटलिफ्टिंग की 11 साल और 13 से साल से कम की कैटेगिरी में 30 किलोग्राम वर्ग में नेशनल यूथ चैंपियन चुना गया है. ऐसा करने वाली वह सबसे कम्र उम्र की चैंपियन बन गई हैं.
उनके पिता कावन कहते हैं -
यह कहना सही होगा कि रोरी दुनिया की सबसे छोटी और ताकतवर लड़की हैं.
कावन का कहना है कि फिलहाल रोरी न सिर्फ सबसे ताकतवर लड़की हैं बल्कि सभी बच्चों में सबसे ताकतवर है. किसी लड़के के नाम पर भी इस तरह का रिकॉर्ड दर्ज नहीं है.
Rori 1 रोरी खुद को वेटलिफ्टर से पहले जिमनास्ट मानती हैं. (तस्वीर: रोरी का instagram)


# उत्तर-पूर्व भारत को मिला पहला ह्यूमन मिल्क बैंक
असम के गुवाहाटी में उत्तर-पूर्व भारत का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक खोला गया है. वहां के सात्रीबारी क्रिश्चियन हॉस्पिटल में इसकी शुरुआत हुई है. ह्यूमन मिल्क बैंक में महिलाएं अपना दूध दान कर सकेंगी. जिस तरह ब्लड बैंक में खून डोनेट किया जाता है. यहां पर दूध स्टोर करके रखा जाएगा. इस बैंक में छह साल तक मां के दूध को स्टोर करने की कैपेसिटी है. इस बैंक को बनाने में अमेरिका के रोटरी क्लब ने भी सहायता की है. देश का ये पंद्रहवां मिल्क बैंक है. ऐसे बैंक्स की ज़रूरत नवजात शिशुओं को पड़ती है. कई मामलों में बच्चा अपनी मां का दूध नहीं पी पाता. जैसे अगर मां बीमार हो या फिर उसे जन्म देने वाली मां को दूध न आता हो. ऐसे में ये मिल्क बैंक काफी काम आते हैं.
Milk Bank 2 ये मिल्क बैंक स्वैच्छिक डोनेशन के बलबूते चलते हैं. (सांकेतिक तस्वीर)


# FICCI ने इस शूटर को दिया स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर का खिताब
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ़ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (FICCI) ने अपने सालाना स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ़ द ईयर अवार्ड्स घोषित कर दिए हैं. इस साल ये अवॉर्ड कुश्ती पहलवान बजरंग पूनिया और शूटर एलावेनिल वलारिवन को दिया गया है. वलारिवन शूटर हैं. गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.
उन्होंने अवॉर्ड पाने पर कहा,
मैंने अपने परिवार को धन्यवाद देना चाहूंगी. हमेशा मेरे साथ खड़े रहने के लिए. मेरे मेंटर गगन नारंग और कोच नेहा चौहान को भी धन्यवाद देना चाहूंगी, जिन्होंने हमेशा मुझमें भरोसा बनाए रखा. मैं नेशनल राइफल असोसिएशन ऑफ इंडिया की भी शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमेशा मुश्किल समय में हमारा सपोर्ट किया और हमें आगे बढ़ने की ताकत दी. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का भी धन्यवाद कि उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि हमें ज़रूरत की हर चीज़ उपलब्ध हो.
बजरंग और एलावेनिल दोनों ने ओलिम्पिक्स 2020 के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन COVID-19 महामारी की वजह से ओलिम्पिक्स पोस्टपोन कर दिए गए.
# स्मृति इरानी की चप्पल ख़बरों में
BJP नेता और केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने अपने instagram हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की. इसमें वो लॉन में बैठकर लैपटॉप पर काम करती हुई दिख रही हैं. फोटो का शीर्षक है– पैन्डेमिक मॉर्निंग्स. तस्वीर में देखा जा सकता है कि इस दौरान उन्होंने हवाई चप्पल पहन रखी थी. इस पर एक यूजर ने कमेन्ट किया- हवाई चप्पल.
स्मृति इरानी ने चुटकी लेते हुए उसे जवाब दिया,
अरे भाई हवाई चप्पल है 200 रुपए वाली. अब ब्रांड न पूछो. लोकल है.
उनके इस रिप्लाई के बाद से ही उनके पोस्ट को लेकर लोग सोशल मीडिया पर लगातार बात कर रहे हैं.

# गूगल ने नौकरी से निकाला, अब CEO सुंदर पिचाई माफ़ी मांग रहे हैं
तिमनित गेबरू. गूगल की एथिकल AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टीम में सीनियर रिसर्चर रही हैं. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कंपनी के भीतर ही एक ईमेल भेजा था. BBC की रिपोर्ट के अनुसार, तिमनित ने इस ईमेल में आरोप लगाए थे कि कंपनी हाशिए पर मौजूद लोगों की आवाज़ को दबाने का काम कर रही है. तिमनित ब्लैक साइंटिस्ट हैं. उनके इस ईमेल के बाद उनको फायर किया गया, ऐसा उनका आरोप है.
इसके बाद हजारों साइंटिस्ट्स और रिसर्चर्स ने उनके समर्थन में ओपन लेटर लिखे, और साइन किए. तब गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने बुधवार को स्टेटमेंट दिया. कंपनी को भेजी ईमेल AXIOS द्वारा एक्सेस की गई, जिसमें कथित रूप से सुंदर पिचाई ने लिखा,
मैंने डॉक्टर गेबरू के जाने को लेकर आई प्रतिक्रियाओं को सुना है. इसने शक के बीज बोये हैं. हमारे समूह में कई लोगों को गूगल में उनकी जगह पर सवाल खड़े करने पर मजबूर किया है. मैं कहना चाहता हूं कि मुझे इसके लिए खेद है. मैं आपके विश्वास को दुबारा जीतने की जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं.
हालांकि तिमनित इस प्रतिक्रिया को लेकर खुश नहीं हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा,
गूगल का ईमेल ये नहीं कहता, ‘हमने जो किया, वो गलत था और हम उसके लिए माफ़ी चाहते हैं. उन्होंने जो लिखा, उससे ऐसा लगता है कि वो कहना चाह रहे हैं कि हम माफ़ी चाहते हैं कि ये मामला इस तरह बढ़ गया, लेकिन हमने जो कुछ इसके साथ किया, उसके लिए हम सॉरी नहीं हैं.
Timnit Gebru तिमनित को सोशल मीडिया पर काफी सपोर्ट मिल रहा है. (तस्वीर: ट्विटर)


#आज की ऑडनारी
इस सेक्शन में हम आपको मिलवाते हैं, एक ऐसी आम महिला या लड़की से, जो कोई सिलेब्रिटी नहीं होती. लेकिन उससे देश की सभी महिलाएं प्रेरणा ले सकती हैं. आज की ऑडनारी हैं पोनुंग डोमिंग. अरुणाचल प्रदेश से हैं. राज्य से पहली महिला लेफ्टिनेंट कर्नल हैं.  2005 में उन्होंने महाराष्ट्र के वालचंद इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. उसके बाद SSB (सर्विस सेलेक्शन बोर्ड) की तैयारी में लग गईं. प्राइवेट जॉब भी जारी रखी. आखिर में उन्होंने SSB क्रैक किया, और 2008 में भारतीय सेना जॉइन कर ली. OTA (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडेमी) चेन्नई में उनकी ट्रेनिंग हुई. चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी पोनुंग UN के पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो नाम के देश भी जा चुकी हैं. ऐसी टीमों में अधिकतर पुरुष ऑफिसर्स के मुकाबले महिला ऑफिसर्स की संख्या बेहद कम होती है. लेकिन पोनुंग साल 2014 में इसका हिस्सा बन चुकी हैं.
Ponung 3 पोनुंग ने कई मामलों में मिसाल कायम की है. (तस्वीर: फेसबुक)


तो ये थीं आज की ख़बरें. अगर आप भी जानते हैं ऐसी महिलाओं को, लड़कियों को, जो दूसरों के लिए मिसाल हैं, तो हमें उनके बारे में बताइए. मेल करिए lallantopwomeninnews@gmail.com
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