बीच प्रेग्नेंसी में महिला दोबारा प्रेग्नेंट कैसे हो जाती है?
प्रेग्नेंट होते हुए दोबारा प्रेगनेंट हो जाना संभव है!

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
अमेरिका में एक स्टेट है टेक्सेस. यहां 30 साल की कारा विन्होल्ड रहती हैं. पिछले कुछ सालों में उनके तीन मिसकैरिज हो चुके थे. पिछले साल मार्च में वो प्रेग्नेंट हुईं. अब ख़बर ये नहीं है कि वो प्रेग्नेंट हुईं. ख़बर ये है कि इस प्रेग्नेंसी के कुछ हफ़्ते बाद वो फिर से प्रेग्नेंट हो गईं. सही सुना आपने. एक प्रेग्नेंसी को कुछ हफ़्ते ही हुए थे कि वो दोबारा फिर से प्रेग्नेंट हो गईं. ये सुनने में अजीब लग सकता है, पर वाकई ऐसा हो सकता है.
अक्टूबर 2021 में उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया. और दोनों में केवल छह मिनट का फ़र्क था. अब ऐसा नहीं कि प्रेग्नेंट होते हुए, दोबारा प्रेग्नेंट होने का ये कोई पहला मामला है. ऐसा कई बार पहले भी हो चुका है. इसे कहते हैं सुपरफीटेशन. आज हम इसी के बारे में बात करेंगे. तो चलिए जानते हैं कोई महिला प्रेग्नेंट होते हुए दोबारा कैसे प्रेग्नेंट हो जाती है.
सुपरफीटेशन क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर ऋतू सेठी ने.

-सुपरफीटेशन का मतलब है एक प्रेग्नेंसी होते हुए भी, एक और प्रेग्नेंसी बच्चेदानी के अंदर ग्रो करना शुरू कर देती है.
-ये बहुत ही रेयर है.
-अभी तक दुनिया में इसके 10-15 केस ही रिपोर्ट किए गए हैं.
कारण-सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि सुपरफीटेशन और ट्विन प्रेग्नेंसी (जुड़वां बच्चे) में क्या अंतर है.
-ट्विन प्रेग्नेंसी का मतलब है कि एक ही अंडा फर्टलाइज़ हुआ है.
-फिर वो दो हिस्सों में टूट गया.
-या एक ही साइकिल में दो अंडे रिलीज़ हुए जो अलग-अलग स्पर्म से फर्टलाइज़ हो गए.
-फिर दो प्रेग्नेंसी ग्रो करना शुरू हो गईं.
-आमतौर जब प्रेग्नेंसी बच्चेदानी में ठहर जाती है तो महिला के शरीर में बच्चेदानी अंडे बनाना बंद कर देती है.
-जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट होना संभव नहीं होता.
-गर्भाशय की लाइनिंग भी दूसरी प्रेग्नेंसी को कुछ दिनों के लिए सपोर्ट नहीं कर पाती जैसा सुपरफीटेशन में होता है..
-क्योंकि प्रेग्नेंसी के हॉर्मोन्स गर्भाशय की लाइनिंग को इतना ज़्यादा मोटा कर देते हैं कि एक और प्रेग्नेंसी उसमें ग्रो नहीं कर पाती.
-एक और कारण भी है.
-बच्चेदानी से जो म्यूकस प्लग निकलता है वो स्पर्म से लड़ता है.
-जिसकी वजह से स्पर्म अंडे तक नहीं पहुंच पाते बच्चेदानी के अंदर.
-लेकिन अगर इनमें से कोई एक भी चीज़ नहीं हो पाती.
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-यानी प्रेग्नेंसी होने के बावजूद भी बच्चेदानी से अंडा निकल रहा है.
-या कहीं न कहीं गर्भाशय की लाइनिंग दूसरी प्रेग्नेंसी को ग्रो करने दे रही है.
-या महिला के अंदर दो बच्चेदानी हैं.
-या बच्चेदानी के अंदर एक झिल्ली बनी हुई है जिसकी वजह से गर्भाशय दो हिस्सों में बंटा हुआ है.
-ऐसे केस में सुपरफीटेशन हो सकता है.
डायग्नोसिस-सुपरफीटेशन का पता अल्ट्रासाउंड से ही चलता है.
-आमतौर पर एक प्रेग्नेंसी का तो पता चल जाता है.
-कुछ समय के बाद देखा गया कि एक और प्रेग्नेंसी साथ-साथ ग्रो हो रही है.
-हो सकता है इन दोनों प्रेग्नेंसी में कुछ दिनों का फ़र्क हो.
-या कुछ हफ़्तों का फ़र्क हो.
-कुछ केसों में महीनों का भी फ़र्क होता है.
-अगर केवल कुछ दिनों का फ़र्क है तो इससे दोनों प्रेग्नेंसी पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़ता.
-लेकिन अगर कुछ हफ़्तों का या महीनों का फ़र्क है तो ऐसे में एक प्रेग्नेंसी बहुत ज़्यादा ग्रो करेगी.
-दूसरी प्रेग्नेंसी बहुत कम ग्रो करेगी अपने साइज़ के हिसाब से.
ऐसे केस में डिलीवरी कैसे की जाती है?-सुपरफीटेशन में दोनों प्रेग्नेंसी की डिलीवरी एक साथ ही करनी पड़ती है.
-तो इससे प्रॉब्लम ये होती है कि एक बच्चे की ग्रोथ तो पूरी हो जाती है.

-क्योंकि वो समय पर पैदा हो रहा है.
-लेकिन अगर दूसरी प्रेग्नेंसी के अंदर बहुत ज़्यादा गैप होता है.
-तो दूसरा बच्चा बहुत ही ज़्यादा प्रीमच्योर पैदा होता है.
-या बहुत ही कम वज़न का हो सकता है.
प्रेग्नेंट होते हुए दोबारा प्रेग्नेंट हो जाना संभव है और ऐसा बहुत रेयर होता है. डॉक्टर्स की तो यही राय है कि इस केस में दोनों बच्चों की डिलिवरी एक साथ ही करनी पड़ती है. ऐसे में हो सकता है एक बच्चा हेल्दी पैदा हो और दूसरा नहीं. हालांकि सुपरफीटेशन का पता अल्ट्रासाउंड से आसानी से लग जाता है.
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