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शाबाश विराट! आपने 'देशभक्ति' की नुमाइश के बजाय अपनी पत्नी के साथ होना चुना

पैटरनिटी लीव लेने का कोहली का ये फैसला लोगों को इतना चुभ क्यों रहा है?

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बाएं से दाएं: ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए टेस्ट मैच के दौरान विराट कोहली (फोटो- PTI). विराट के बर्थडे के समय ये तस्वीर अनुष्का ने इंस्टाग्राम पर डाली थी.
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लालिमा
23 दिसंबर 2020 (Updated: 23 दिसंबर 2020, 07:57 AM IST) कॉमेंट्स
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इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर चले गए हैं. समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ट सीरीज़ का ज़िम्मा अजिंक्य रहाणे को सौंपकर कोहली 22 दिसंबर की सुबह ऑस्ट्रेलिया से भारत के लिए रवाना हो गए. ताकि वो वाइफ और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा के साथ उनकी डिलीवरी के दौरान रह सकें. विराट कोहली के पैटरनिटी लीव पर जाने की वजह से वही हुआ, जो अपने यहां अक्सर होता है. ट्रोलिंग, तरह-तरह के 'नैतिकता' वाले सवाल पूछे जाने लगे. लोगों ने कहा कि इतने बुरे वक्त में कोहली अपनी टीम को कैसे छोड़कर जा सकते हैं.

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की टेस्ट सीरीज़ चल रही है. पहला मैच हो गया है, जिसमें भारत को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. इस मैच की कप्तानी कोहली ही कर रहे थे. भारतीय टीम ने पहली इनिंग तो बढ़िया खेली, लेकिन दूसरी पारी टीम बहुत जल्दी आउट हो गई. 21 ओवर और दो गेंदों में 9 विकेट के नुकसान पर महज़ 36 रन ही बना सकी. जीत ऑस्ट्रेलिया के खाते में गई. मैच 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चला. इंडियन क्रिकेट टीम के इतने खराब प्रदर्शन के बाद तथाकथित कुछ क्रिकेट लवर्स ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरू कर दिया. यही कहा कि कोहली को ऐसे मुश्किल वक्त में अपनी पैटरनिटी लीव कैंसिल कर देनी चाहिए. ट्रोलिंग भी शुरू हो गई. लोगों ने कैसी-कैसी बातें लिखी, और लिख रहे हैं, आप सीधे उनके पोस्ट के ज़रिए ही जान लीजिए-

एक ने लिखा-

क्योंकि कोहली को पैटरनिटी लीव पर जाना था, इसलिए सारे खिलाड़ी जानबूझकर उनके लिए जल्दी-जल्दी आउट हो गए.

Paternity Leave (2) दूसरे ने लिखा-

अगर मैं विराट कोहली होता तो आज के मैच का स्कोर देखकर पैटरनिटी लीव नहीं लेता. टीम का ऐसा प्रदर्शन देखकर मेरे लिए उन्हें छोड़कर जाना मुश्किल हो जाता.

Paternity Leave (1) एक और ने लिखा-

भारतीय आर्मी में 1.4 मिलियन जवान हैं. उनकी भी पत्नियां और बच्चे हैं, लेकिन वो कभी पैटरनिटी लीव नहीं लेते. उनके लिए देश ही सबसे पहले आता है. क्या परिवार देश से ज्यादा ज़रूरी है?

Paternity Leave (4) और ऐसा लिखकर इन भाई साहब ने विराट कोहली, गौतम गंभीर, कपिल देव और हरभजन सिंह को टैग कर दिया.

इन सबके अलावा एक और यूज़र सामने आए, जिन्होंने विराट कोहली के पिता के निधन का समय याद किया. लिखा-

जब आपके (यानी विराट कोहली) पिता का निधन हुआ था, तो कितनी मजबूती के साथ आप काम पर लौटे थे और शतक बनाया था. और आज जब टीम को आपकी ज़रूरत है तो आप तथाकथित पैटरनिटी लीव ले रहे हो, आपने शाबाशी पाने का अधिकार खो दिया. आप अब एक नेशनल लीडर नहीं हो.

Paternity Leave (3) वैसे, भले ही विराट के कुछ सो-कॉल्ड फैन्स उनके पैटरनिटी लीव लेने पर गुस्सा जता रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो उनके फैसले को सही बता रहे हैं. कुछ क्रिकेटर्स ने भी विराट के फैसले का सपोर्ट किया है. ऑस्ट्रेलिया के ही क्रिकेटर स्टीव स्मिथ का कहना है कि विराट पैटरनिटी लीव लेने के लिए क्रेडिट डिज़र्व करते हैं. स्टीव स्मिथ ने कहा,

"मैंने पहले भी कहा है, और अभी भी कहूंगा कि वो खड़े हुए और उन्होंने कहा कि वो घर जाकर अपनी पत्नी के साथ होना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें क्रेडिट जाता है. ये एक मील का पत्थर है, जिसे ज़ाहिर तौर पर वो मिस नहीं करना चाहते. और मैं जानता हूं कि उनके ऊपर सीरीज़ में रुकने का बहुत दबाव रहा होगा, लेकिन उन्होंने अपना फैसला लिया, इसके लिए उन्हें क्रेडिट जाता है."

क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने भी विराट को सपोर्ट किया. और उनकी आलोचना करने वालों को जवाब दिया. टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रज्ञान ने कहा,

"हमें हर किसी की पर्सनल लाइफ की रिस्पेक्ट करनी चाहिए. जब कोई कुछ फैसला लेता है, तो वो उनका अपना फैसला होता है. विराट कोहली इस बात को लेकर स्पष्ट थे कि अपने बच्चे के जन्म के समय मौजूद रहना चाहते हैं. उनकी पत्नी को उनके सपोर्ट की ज़रूरत है. और ये मैसेज उन्होंने टूर के शुरू होने के पहले ही BCCI को दे दिया था. मैच हारने के बाद किसी के परिवार को आप बीच में कैसे ला सकते हो. उनकी पर्सनल लाइफ को प्रोफेशनल लाइफ में मत लेकर आओ."

पहले भी हो चुके हैं ट्रोल

विराट कोहली ने पैटरनिटी लीव पर जाने का फैसला हारे हुए मैच के बाद अचानक एक सुबह उठकर नहीं ले लिया. ये फैसला उन्होंने टूर शुरू होने के पहले ही ले लिया था और इसके लिए BCCI को पहले ही सूचना भी दे दी थी, उनकी लीव BCCI ने पहले ही अप्रूव भी कर दी थी. अपने फैसले के बारे में कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के साथ नवंबर में हुई वनडे सीरीज़ के पहले मैच के बाद भी बात की थी. उन्होंने कहा था,

"ये फैसला मैंने सेलेक्शन मीटिंग के पहले ही ले लिया था. और इस बारे में मैंने सेलेक्टर्स को भी बता दिया था. ये कि मैं पहले टेस्ट के बाद भारत वापस आ जाऊंगा. ये पूरी तरह से इस फैक्ट पर आधारित था कि हमें आने-जाने, दोनों तरफ क्वारंटीन पीरियड का सामना करना होगा. और मैं अपने बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी के साथ रहना चाहता हूं."

लोगों ने धोनी से भी कम्पेयर किया था

सबसे पहले 9 नवंबर को खबर आई थी कि विराट कोहली पैटरनिटी लीव लेंगे. और तीनों टेस्ट मैच में मौजूद नहीं रहेंगे. उस दौरान भी कोहली को लोगों ने जमकर ट्रोल किया था. पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से उनकी तुलना की थी. दरअसल, फरवरी 2015 के वर्ल्ड कप के दौरान धोनी की बेटी जीवा का जन्म हुआ. इस वक्त धोनी ऑस्ट्रेलिया में थे, पत्नी के साथ नहीं थे. 'PTI' की रिपोर्ट के मुताबिक, जब धोनी से पूछा गया कि क्या वो इस वक्त भारत में न होना मिस कर रहे हैं. इस पर धोनी ने जवाब दिया था-

"नहीं. अभी के लिए मैं नेशनल ड्यूटी पर हूं, तो मुझे लगता है कि बाकी सारी चीज़ें वेट कर सकती हैं."

धोनी की इसी बात को लेकर लोगों ने विराट को ट्रोल किया था. लोगों ने कहा था-

कोहली पूरे टेस्ट मैच में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, वो पैटरनिटी लीव ले रहे हैं. 2015 में हमारे पास धोनी थे, जो जीवा के जन्म के वक्त भारत नहीं आए थे. प्राथमिकताएं मैटर करती हैं.

एक और ने लिखा था-

मैं कोहली के फैसले की रिस्पेक्ट करता हूं, उनका पैटरनिटी लीव लेना सही है. और इसी वजह से एमएस धोनी स्पेशल बन जाते हैं, क्योंकि जब जीवा का जन्म हो रहा था, तो उनकी पहली प्राथमिकता उनका देश था. एमएस धोनी बनने के लिए बहुत साहस की ज़रूरत होती है.

धोनी का बेटी के जन्म के समय भारत न जाना, उनका अपना फैसला था. इस पर हम सवाल उठाने वाले कोई नहीं होते. ठीक उसी तरह कोहली का पैटरनिटी लीव लेना उनका अपना फैसला है. इस पर भी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. एक औरत जब मां बनती है, तो उसे सबसे ज्यादा अपने पार्टनर के सपोर्ट की ज़रूरत होती है. ज़ाहिर है डिलीवरी के वक्त होने वाला कष्ट पार्टनर कम नहीं कर सकता, लेकिन उसकी मौजूदगी भावनात्मक मज़बूती देती है, जिसकी वजह से किसी भी कष्ट से निपटने की हिम्मत मिलती है.

क्या कॉन्सेप्ट है पैटरनिटी लीव का भारत में?

हेल्पलाइन लॉ, भारत के लॉयर्स का एक नेटवर्क है, जो लीगल सजेशन देता है. इसकी वेबसाइट के मुताबिक, भारत सरकार ने 1999 में सेंट्रल सिविस सर्विसेज़ (लीव) रूल्स 551 (ए) के तहत पैटरनिटी लीव का एक प्रावधान जारी किया था. नोटिफिकेशन के ज़रिए. ये प्रावधान केंद्र सरकार के पुरुष कर्मचारियों के लिए था. इसके मुताबिक, केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन की पैटरनिटी लीव देने की मंज़ूरी दी गई थी. ये लीव बच्चे के जन्म से लेकर छह महीने के बीच ली जा सकती है. हालांकि ये प्रावधान सरकारी कर्मचारियों के लिए लाया गया था, इसलिए प्राइवेट सेक्टर्स इसे लागू करने के लिए बाध्य नहीं थे. हालांकि कुछ प्राइवेट कंपनियां भी अपनी-अपनी सहुलियत के हिसाब से अपने पुरुष कर्मचारियों को पैटरनिटी लीव देती हैं.

जो सवाल हमें पूछने चाहिए 

हमारे कल्चर में ऐसा माना जाता है कि चूंकि बच्चे पैदा करने की भूमिका कुदरत ने औरत को दी है, उसे पालने-पोसने और उसको बड़ा करने का ज़िम्मा भी अकेले औरत पर ही रहना चाहिए. ऐसे में ये सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए कि जिस बच्चे को जन्म से ही पिता का नाम, धर्म और जात असाइन कर देने का चलन है, उस पिता का क्या बच्चे के पालन में हाथ नहीं होना चाहिए? अगर अनुष्का जैसी सफल एक्ट्रेस और प्रड्यूसर अपने करियर पर अल्विराम का चिह्न लगा सकती हैं, तो क्या विराट कोहली एक सीरीज़ छोड़कर अपने घर नहीं लौट सकते?

एक सवाल और पूछना चाहिए हमें. कि क्रिकेट जैसे एक खेल को, जिसमें हार-जीत दोनों ही मिलते हैं, उसको देश की प्रतिष्ठा का सवाल बनाना कितना सही है? एक खिलाड़ी का नाज़ुक वक़्त में अपनी पत्नी के साथ होने को देश के साथ नाइंसाफ़ी के तौर पर देखना कितना सही है?

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