ट्रांस फैट मतलब जान का खतरा, इससे बचना है तो कुछ चीजों को खाना अभी बंद करें
ट्रांस फैट शरीर के लिए सबसे ख़तरनाक फैट होता है. इससे ब्लड वेसेल्स यानी खून की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं.

बिजी लाइफ जीते हैं, लंच और डिनर करने का टाइम नहीं मिलता? बाहर से कुछ पैक्ड फूड खरीद कर खा लेते हैं. इस तरह के खाने में ट्रांस फैट (Trans Fat) बड़ी मात्रा में होता है. जितने भी तरह के फैट आपके खाने में इस्तेमाल किए जाते हैं, या पहले से मौजूद होते हैं, उनमें से ट्रांस फैट सबसे ख़तरनाक होता है. ये आपकी सेहत का दुश्मन है. ट्रांस फैट वाले खाने से मोटापा (obesity) बढ़ता है. मोटापा बढ़ा तो डायबिटीज और दिल की बीमारियां (Diabetes and Heart Disease) आपको पकड़ लेती हैं. आज हम एक्सपर्ट्स से जानेंगे ट्रांस फैट क्या होता है, ये किन खाने की चीज़ों में पाया जाता है और ये आपकी सेहत को किस तरह से नुकसान पहुंचाता है.
ट्रांस फैट क्या होता?ये हमें बताया न्यूट्रीशनिस्ट गीतिका बजाज ने.

> ट्रांस फैट शरीर के लिए सबसे ख़तरनाक फैट होता है.
> इससे ब्लड वेसेल्स यानी खून की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं.
> दिल की बीमारियों का ख़तरा रहता है.
> सेहत से जुड़ी और समस्याएं भी हो सकती हैं.
ट्रांस फैट कितने प्रकार के होते हैं?ये हमें बताया डॉ देबजानी बनर्जी ने.

> ट्रांस फैट अनसैचुरेटेड फैट का एक प्रकार है.
> ये फैट हमें दो तरह से मिलता है. एक है नेचुरल सोर्स और दूसरा है आर्टिफिशियल.
> नेचुरल सोर्स से मिलने वाले ट्रांस फैट को हम सीमित मात्रा में ले सकते हैं. लेकिन आर्टिफिशियल तरीके से मिलने वाला ट्रांस फैट शरीर के लिए ठीक नहीं है.
नेचुरल और इंडस्ट्रियल ट्रांस फैट किन चीज़ों में पाया जाता है?> ट्रांस फैट का नेचुरल फॉर्म हमें मीट में मिलता है.
> भेड़ और बकरी के दूध में भी ये पाया जाता है.
> पर ये किस हद तक सेफ़ है, इस पर अभी भी रिसर्च चल रहा है, लेकिन सीमित मात्रा में इसे लिया जा सकता है.
> लेकिन आर्टिफिशियल ट्रांस फैट बिल्कुल भी नहीं लेना है. जैसे पिज़्ज़ा, ब्रेड, हैम, रेडी टू ईट स्नैक, केक, बिस्कुट, चॉकलेट, ब्रेकफास्ट सीरियल, फ्रेंच फ्राइज़ और फ्राइड चिकन में काफी ट्रांस फैट होता है.
> प्रोसेस्ड खाने में आर्टिफिशियल ट्रांस फैट होता है. ये शरीर के लिए एकदम ठीक नहीं है.
ट्रांस फैट से सेहत को किस तरह का नुकसान होता है?ये हमें बताया डॉ आशीष अग्रवाल ने.

> ट्रांस फैट के सेवन से शरीर में HDL कोलेस्ट्रॉल, जो कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है, वो कम होता है. वहीं LDL कोलेस्ट्रॉल जो कि बुरा कोलेस्ट्रॉल है, वो बढ़ता है.
> बुरा कोलेस्ट्रॉल एक बहुत ही चिपचिपा पदार्थ होता है.
> शरीर में जब इसकी मात्रा ज़्यादा हो जाती है तब ये खून की धमनियों में धीरे-धीरे जमा होने लगता है.
> इसके जमा होने के कारण धमनियों की दीवार में सूजन पैदा होती है.
> ऐसा होने से खून की धमनियों के काम करने की क्षमता कम हो जाती है.
> इसके बाद दिल और दिमाग को पर्याप्त मात्रा में खून मिलना कम हो जाता है.
> अगर लंबे समय तक खून की ये सप्लाई कम रहती है तो दिल की नसों में ब्लॉकेज आने से पेशेंट को चलने या बैठे रहने पर एनजाइना हो सकता है. इसको हार्ट अटैक के नाम से जानते हैं.
> ट्रांस फैट का सेवन कम से कम करना चाहिए ताकि दिल और सेहत ठीक रहे.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)