The Lallantop
Advertisement

तान्या शेरगिल: सेना दिवस पर परेड का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अफ़सर

इस तरह परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया.

Advertisement
Img The Lallantop
ऐसा नहीं है कि किसी महिला ने पहली किसी टुकड़ी को रिपब्लिक परेड में लीड नहीं किया. लेकिन आर्मी डे परेड में एडजुटेंट के पद पर पहली बार कोई महिला ऑफिसर चुनी गई इस साल ,और गणतंत्र दिवस पर भी वो इसी कैपेसिटी में लीड करेंगी आर्मी परेड को. (तस्वीर साभार: ssbcrack)
font-size
Small
Medium
Large
16 जनवरी 2020 (Updated: 16 जनवरी 2020, 12:56 IST)
Updated: 16 जनवरी 2020 12:56 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
15 जनवरी को आर्मी दिवस मनाया जाता है भारत में. इस दिन आर्मी परेड निकालती है. दिखाती है कि उसके पास कौन-कौन सी टुकड़ियां हैं. कैसे हथियार हैं. इसके दौरान आर्मी, नेवी, और एयरफ़ोर्स के चीफ भी मौजूद होते हैं. दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में ये परेड हुई.
लेकिन इस वाली परेड में एक बेहद ख़ास बात ये थी कि इसे पहली बार कोई महिला लीड कर रही थी. इनका नाम है तान्या शेरगिल. ये इस परेड एडजुटेंट के रोल में थीं.
Tanya Ssb 3 700x400 तान्या ने 2019 में आर्मी कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स जॉइन किया था. परेड एडजुटेंट के सेलेक्शन का दौरान ही उन्हें ये एहसास हो गया था कि अगर वो चुनी गईं तो ये इतिहास में पहला मौका होगा. (तस्वीर साभार: ssbcrack)


इनके पहले की तीन पीढ़ियां (इनके पिता, दादाजी, परदादाजी) भी आर्मी में सेवाएं दे चुकी हैं. इनके परदादा जी सिख रेजिमेंट में थे, और उन्होंने पहले विश्व युद्ध में लड़ाई लड़ी थी. तान्या पंजाब के होशियारपुर से हैं. इन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उसके बाद चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से उन्होंने अपनी ट्रेनिंग ली. तान्या ने भारतीय आर्मी के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स में दो साल पहले जॉइन किया था. ये आर्मी की एक शाखा है जो मिलिट्री कम्युनिकेशन सम्भालती है.
एडजुटेंट क्या करता है?
तान्या इस आर्मी डे परेड में परेड एडजुटेंट के रोल में थीं. इस पद पर मौजूद व्यक्ति आर्मी की परेड से जुड़ी सारी जिम्मेदारी संभालता है. आम तौर पर एडजुटेंट वो होता है जो कमांडिंग अफसर को असिस्ट करता है, और कॉरेस्पोंडेंस (आपस में संपर्क) की जिम्मेदारी सम्भालता है. जिन टुकड़ियों को तान्या लीड कर रही थीं, उनमें सभी पुरुष थे.
इवेंट के बाद तान्या ने PTI से बातचीत के दौरान कहा,
‘ये एक गर्व भरा एहसास था, कुछ पा लेने और किसी लायक होने की भावना थी’.
जब उनसे पूछा गया कि वो बाकी लड़कियों को क्या सलाह देंगी, तो द प्रिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया,
'जब हम यूनिफ़ॉर्म पहन लेते हैं, उसके बाद हम सिर्फ ऑफिसर्स होते हैं. उस समय जेंडर मायने नहीं रखता. जो मायने रखता है वो है मेरिट. जो भी लड़कियां और महिलाएं अपने सपने पूरे करने की कोशिश में  लगी हुई हैं, उनको खुद पर भरोसा करना सीखना होगा. इससे फर्क नहीं पड़ता अगर कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि वो लड़कों और पुरुषों से किसी मायने में कम हैं. मैं उन्हें बस यही बोलूंगी कि अपने गोल्स पर फोकस करो, और उन्हें पाने के लिए जी-जान से मेहनत करो.' 
आनंद महिन्द्रा ने भी तान्या की परेड के वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा कि इसे ट्रेंड करना चाहिए. आनंद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन हैं. आर्मी डे हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है. इसी दिन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा ने 1949 में भारतीय सेना की कमान संभाली थी. आखिरी ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर से कमांडर इन चीफ़ का पद पहली बार किसी भारतीय के पास गया था.
आने वाली 26 जनवरी को भी तान्या आर्मी की परेड में एक टुकड़ी लीड करेंगी. इसमें भी उनका पद परेड एडजुटेंट का ही रहेगा. इस पोजीशन पर परेड कराने वाली वो पहली महिला ऑफिसर होंगी. पिछले साल लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने गणतंत्र दिवस की परेड में आर्मी सर्विस कॉर्प्स की टुकड़ी को लीड किया था.


वीडियो: छपाक और तान्हाजी से चर्चा में आया टैक्स फ्री का कॉन्सेप्ट कैसे काम करता है?

 
 

thumbnail

Advertisement

Advertisement