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Russia-Ukraine War में महिला सैनिकों पर फैलाई जा रही गंदगी हद से ज़्यादा खतरनाक है!

युद्ध के बीच में जनता महिला योद्धाओं पर सेक्सिस्ट कमेन्ट करने से बाज़ नहीं या रही.

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ट्विटर पर वायरल हुए दो थ्रेड्स से पता चलता है कि चीन में लगातार सोशल मीडिया पर यूक्रेनी महिलाओं को लेकर भोंडे, बेहूदे चुटकुले बनाए जा रहे हैं. (बाईं तरफ़ महिला योद्धाओं पर एक ट्वीट दाईं तरफ़ महिला योद्धाएं)
28 फ़रवरी 2022 (Updated: 1 मार्च 2022, 15:36 IST)
Updated: 1 मार्च 2022 15:36 IST
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चीन में एक वंश हुआ था, शैंग वंश. उनका एक राजा था वू डिंग. उस वक्त अगल - बगल से राज्यों से दोस्ती बनाए रखने के लिए बड़े-बड़े राजा वहां की बेटियों से शादी कर लिया करते थे. राजा वू डिंग ने ऐसी ही एक लड़की को अपनी रानी बनाया. शादी के वक़्त उसकी ऊम्र 18 भी नहीं थी. ये शादी एक युद्ध के बीच हुई थी. उस वक़्त वू डिंग की सेना अपने राज्य की उत्तरी सीमा पर युद्ध लड़ रही थी. नयी - नयी रानी फू हाओ ने पति से कहा- 'मैं युद्ध में जाऊंगी'.
राजा ने कहा -  'तुम जाकर क्या करोगी, घर पे रहो.'
रानी ने जवाब दिया-  'इतने दिन से तुम्हारे इतने सैनिक लड़ रहे हैं, वो क्या कर पाए हैं? जो वो न कर सके, शायद मैं कर दूं.'
बेमन होकर राजा ने रानी को सेनापति बनाकर भेज दिया. जब फू हाथ में कुल्हाड़ी लेकर चीखती हुई दुश्मन पर चढ़ाई करती, सेना जोश से भर जाती. दुश्मन जल्द ही हार गया. इसके बाद फू ने अपने पति के लिए कई युद्ध जीते. 13,000 सैनिकों का अकेले नेतृत्व करने वाली फू हाओ कई बच्चों की मां बनी. वो जब भी युद्ध से लौटती, राजा बांहे खोले उसका इंतजार करता. कहते हैं 33 की उम्र में फू बच्चा जनते हुए मरी. कुछ कहते हैं कि असल में युद्ध में मिलने वाले घावों से उसकी मौत हुई. दुनिया में पहले भी फ़ीमेल वॉरियर रह चुकी हैं  ये कहानी जानते हैं कितनी पुरानी? 100-200 साल नहीं, बल्कि 1200 ईसा पूर्व. यानी जबसे हमारा कैलेंडर शुरू होता है उससे भी हजार साल पहले. फू की कहानी उन चंद कहानियों में से है जो समय के साथ जीवित रह गईं. इस कहानी का ख़ास ज़िक्र इसलिए किया गया है क्योंकि इतिहासकार मानते हैं कि फू की कहानी उपलब्ध रीसर्च के मुताबिक़ दुनिया की पहली महिला वॉरियर की कहानी है. इसके बाद हजारों लाखों महिलाओं हुईं जिन्होंने अलग-अलग युद्ध में हिस्सा लिया. अपने देश का इतिहास ही देखने लगेंगे तो पाएंगे कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसी योद्धाओं के इतिहास से भरा पड़ा है.
झांसी की रानी
अपने देश में झांसी की रानी ऐसी वीरांगना थी जिन्होंने अंग्रेजों के साथ जाबाज़ी के साथ युद्ध किया.
जब युद्ध में यूक्रेन की महिलाओं ने उठाए हथियार  अभी चल रहा है 2022 और युद्ध इस समय एक ही है. रूस यूक्रेन के अंदर घुस चुका है. आम यूक्रेनियों ने हथियार उठा लिए हैं. इन आम लोगों में महिलाएं भी हैं.
अनास्तानिया

ये तस्वीर पूर्व मिस ग्रैंड इंटरनेशनल अनास्तासिया लेना की है. ये ब्यूटी पैजेंट विनर हैं, मॉडल हैं. मगर सोशल मीडिया पर इन्होंने हाल ही पोस्ट किया कि ये बन्दूक चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं क्योंकि देश को उनकी ज़रूरत है.
पिछले साल के डाटा के मुताबिक़ यूक्रेन की आर्म्ड फोर्सेज में 31,000 महिलाएं हैं. जिनमें से 4000 अफसरों के पदों पर हैं.
युद्ध की स्थिति लाचार और मजबूर करने वाली होती है. लड़की ही क्यों, किसी सिविलियन पुरुष को भी अगर हथियार उठाने पड़ें तो ये बेशक बहादुरी का काम है, मगर साथ ही साथ त्रासद है. उन लोगों के परिवारों के लिए, उनके बच्चों के लिए. लेकिन कुछ महानुभावों को युद्ध की त्रासदी के बीच भी कुंठाएं जाहिर करनी ज़रूरी हैं.
युद्ध के बीच सोशल मीडिया पर यूक्रेनी महिला सोल्जर्स की तस्वीरें वायरल है जिसके साथ लोग लिख रहे हैं कि वे कितनी खूबसूरत हैं. ये ट्वीट देखिये:
ल

 
 
 ट्वीट में लिखा है,
'बम गोला बारूद के बीच डटी रहीं खूबसूरत महिला सोल्जर्स, दिलफेंक हुए रूसी सैनिक.'
 
ये एक और ट्वीट, जिसमें ब्यूटीफुल फीमेल यूक्रेन सोल्जर्स लिखते हुए उनकी तस्वीर पोस्ट की गयी है.
ब्यूटीफुल फीमेल यूक्रेन सोल्जर

 
एक और खबर जिसे देखकर ही लग रहा है कि सीधे वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से आई है.
सिड्यूस कर गोली मार रहीं

इसमें लिखा है कि;
"यूक्रेन की महिला सोल्जर्स टिंडर पर रूसी सैनिकों को सिड्यूस कर रही हैं और रात में उन्हें बुलाकर उनके सर पर गोली मार रही हैं. इस तरह यूक्रेनी महिला सैनिकों ने 30 रूसी सैनिकों को मार गिराया है."
इसके अलावा,
बैटल ग्राउंड में आई लड़कियां

'बैटलग्राउंड में आईं यूक्रेन की खूबसूरत लड़कियां.'
वतन के लिए जान देंगी

'यूक्रेन की खूबसूरत लड़कियां वतन के लिए जान देंगी.'
सबसे खूबसूरत महिला ने उठाई बंदूक

'यूक्रेन की सबसे खूबसूरत महिला ने उठाई बंदूक.'
टुकड़ा टुकड़ा गैंग

'भारत के टुकड़ा टुकड़ा गैंग को इनसे सीख लेनी चाहिए, वगैरह वगैरह.'
 
आप ध्यान दीजिये कि जो पुरुष युद्ध में गए हैं, किसी के लिए हैंडसम, गुडलुकिंग जैसे शब्द आप मीडिया रिपोर्ट्स में नहीं पढ़ेंगे. लेकिन चूंकि महिलाएं हैं तो उनकी खूबसूरती को हाईलाइट करना ज़रूरी हो जाता है.
लोग यहां नहीं रुके. ये एक भारतीय हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी से गुज़ारिश की है कि यूक्रेन की खूबसूरत लड़कियों को भारत लाने का प्रबंध किया जाए. वो ट्वीट देखिए:
मोदी भारत लाने का प्रबंध

युध्द में जाती महिलाओं के लिए लोगों ने लिखी सेक्सिस्ट बातें  बात भारत या रूस तक सीमित नहीं है. ट्विटर पर वायरल हुए दो थ्रेड्स से पता चलता है कि चीन में लगातार सोशल मीडिया पर यूक्रेनी महिलाओं को लेकर भोंडे, बेहूदे चुटकुले बनाए जा रहे हैं. जिसमें कहा जा रहा है ,
"वो यूक्रेन की महिलाओं को "शरण" देना चाहते हैं. शरण देने का मतलब तो आप समझ ही रहे होंगे. कुछ और ट्वीट में लिखा हुआ है कि 10 से 26 साल की यूक्रेनियन महिलाएं मेरे घर में शेल्टर लें."
 
या

10 साल! सीरियसली! 10 साल की बच्ची जो युद्ध में फंसी हो, अगर उसके यौन शोषण को लेकर लोग चुटकुले बना सकते हैं तो उनके दिमाग का स्तर क्या होगा, इसकी कल्पना करना मुश्किल है.
इंटरनेट पर एक सो कॉल्ड चुटकुला पढ़ा कुछ दिन पहले. कि घर से बाहर निकलने की आजादी मांगने वाली फेमिनिस्ट्स उस समय किचन में घुस जाती हैं जिस वक़्त युद्ध में लड़ने के लिए बुलावा आता है. कितना हास्यास्पद है ये. क्योंकि यूक्रेन से इसके उलट सैकड़ों तस्वीरें आ रही हैं. और इतना ही नहीं, पूरा दुनिया का इतिहास वीरांगनाओं के किस्सों से भरा पड़ा है जो उस वक़्त भी घर से निकलकर सड़कों पर आ गईं जब उनसे कहा गया कि तुम घर बैठो.
बंदूकें उठाना तो एक पहलू है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में महिलाओं ने नर्स, ड्राइवर्स, युद्ध से जुड़े दफ्तरों में अलग अलग भूमिकाओं में काम किया और युद्ध के विनाश को कम करने में अपना योगदान दिया. ये  तस्वीर देखिए.
मॉरिस बार्मी पोस्टर

ये तस्वीर विश्व युद्ध के समय ऑस्ट्रेलिया में छपे एक रिक्रूटमेंट पोस्टर का है. उस वक़्त के जाने- माने ऑस्ट्रेलियाई आर्टिस्ट मॉरिस बार्मी ने बनाया था. इसमें औरतों को अलग- अलग भूमिकाओं में आगे आकर साथ देने के लिए कहा जा रहा है.
तो कोई ये चुटकुला बना रहा है कि युद्ध में लड़कियां घर पर बैठी हैं. फनी ये है कि जो लड़कियां युद्ध में जा रही हैं, उनको लेकर कितनी घटिया और कुंठित बातें सोशल मीडिया पर लिखी जा रही हैं.
यकीन मानिए, लगाकर शिकायतें करते रहना किसी लड़की को अच्छा नहीं लगता. लेकिन कोई ऐसा दिन नहीं जाता जब लड़कियों के साथ कोई मूड ख़राब कर देने वाला काम न हो रहा हो. जो जनता युद्ध के बीच में लड़कियों को सेक्स ऑब्जेक्ट मानने का काम कर सकती है. वो आम दिनों में अपनी महिलाओं को कैसे सुरक्षित रखेगी?
क्या राय है आपकी कमेंट सेक्शन में बताएं.

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