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Shot डियो का विज्ञापन बनाने वालो, रेप कल्चर को बढ़ावा देने की बेहूदगी क्रिएटिविटी नहीं होती

क्रिएटिविटी के नाम पर भद्दे और डबल मीनिंग डायलॉग वाले लेयर शॉट बॉडी स्प्रे के इस ऐड से सोशल मीडिया पर काफी बवाल हो रहा है.

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Layer Shot controversial Ad
बाएं से दाएं. विवादित ऐड से स्क्रिनग्रैब और बॉडी स्प्रे की सांकेतिक फोटो. साभार- सोशल मीडिया
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श्वेता सिंह
4 जून 2022 (Updated: 4 जून 2022, 09:09 PM IST) कॉमेंट्स
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'क्रीम लगाई, तो करियर बन जाएगा', 'परफ्यूम छिड़का, तो लड़कियां पट जाएंगी, आकर्षित होकर आपकी तरफ दौड़ी चली आएंगी', ‘अच्छे पति हैं, तो कूकर से कैसे इनकार कर सकते हैं’. ऐसे कई तरह के ऐड लंबे समय से औरतों के प्रति छोटी, असंवेदनशील और भेदभाव की मानसिकता दिखाते आ रहे हैं. बड़ी दिक्कत ये है कि वक्त तो आगे बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह के विज्ञापनों का स्तर और पिछड़ता ही जा रहा है. कम से कम बॉडी स्प्रे Layer'r शॉट का ऐड देखकर, तो यही लग रहा है. इस डियोड्रेंट ऐड पर लोग भड़के हुए हैं. रेप कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है. हम आगे कुछ और बताएं, उससे पहले आप खुद ऐड देखिए-


ऐड में क्या है?

कूल बनने और वर्ड प्ले करने की वाहियात कोशिश वाले इस ऐड को देखकर लोगों का भड़कना तो लाजमी है. सोशल मीडिया पर लोगों ने कंपनी को आड़े हाथों लिया है. कंपनी के दो ऐड इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं.

पहले ऐड में एक स्टोर पर चार लड़के आपस में बात कर रहे हैं. 'हम चार और ये सिर्फ एक, तो शॉट कौन लेगा?' इस डायलॉग के बाद कैमरा वहीं खड़ी एक लड़की पर पैन होता है, जो इनकी बात सुनकर सकपका कर पीछे मुड़ती है. पहले परसेप्शन ये बनाया जाता है कि ये लाइन लड़की के लिए कही गई है. वहीं, लड़की के मुड़ते ही ऐसा प्रीटेंड किया जाता है कि लड़के बॉडी स्प्रे की बात कर रहे हैं.

इसी स्प्रे के एक दूसरे ऐड में एक लड़का-लड़की या ऐसा कह सकते हैं कि एक कपल रूम में बैठा होता है, तभी चार लड़के कमरे में घुस आते हैं. आते ही कमरे में पहले से मौजूद लड़के से पूछते हैं- 'हे ब्रो, शॉट मारा लगता' लड़का हां में जवाब देता है, तो वो कहते हैं कि अब हमारी बारी. ये सुनते ही लड़की के चेहरे पर असहजता साफ दिखाई देती है. लेकिन, लड़के तो कथित वर्ड प्ले कर रहे होते हैं ना. तो वो आगे बढ़ते हैं और वहां रखा स्प्रे खुद पर छिड़कर, 'शॉट' तो बनता है वाला डायलॉग बोलते हैं.

Shot के खिलाफ एक्शन की मांग

क्रिएटिविटी के नाम पर भद्दे और डबल मीनिंग डायलॉग वाले इस ऐड से सोशल मीडिया पर काफी बवाल हो रहा है. लोग ऐड को वापस लेने और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. लोगों ने इसे 'रेप' और 'गैंगरेप' को बढ़ावा देने वाला बताया है.

एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने आईबी मंत्रालाय, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और नेशनल कमीशन फॉर वीमेन को टैग करते हुए इस ऐड को पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

बेहद ही आपत्तिजनक. कृपया इसे देखें.

मोनिका मनचंदा नाम की एक वेरिफाइड यूजर ने इस ऐड थ्रेड को शेयर करते हुए लिखा,

विज्ञापन बनाने के लिए कुछ रेग्यूलेशन होने चाहिए. ये शॉट डीओ ऐड वास्तव में घृणित से कम नहीं है. हालांकि मुझे पता था कि यह एक विज्ञापन था और कुछ नहीं होगा, (लेकिन) एक पल के लिए मुझे जो डर लगा, वो असली था. लाखों महिलाओं के डर पर एक विज्ञापन बनाने की कल्पना करें!

मोनिका ने इसी थ्रेड में कंपनी का एक पुराना ट्वीट शेयर किया, जो वीमेंस डे पर किया गया था.

इस ऐड पर दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भी सवाल उठाए. उन्होंने ऐड शेयर करते हुए लिखा,

परफ्यूम का एड बना रहे हैं या गैंगरेप मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं? किस स्तर के घटियापन को क्रिएटिविटी की आड़ में छुपाकर बेच रहे हैं. ऐसे वाहियात ऐड TV पर चलने से पहले कोई चेक नहीं करता? मैं पुलिस और I&B मंत्रालय को लिख रही हूं इनपर FIR करने के लिए और ऐड को तुरंत बंद करने के लिए.

कई यूजर्स ने कंपनी के अलावा ऐड से जुड़े अन्य लोगों पर भी सवाल खड़े किए. सवाल उठा कि क्या प्रोड्यूसर, ऐड में काम करनेवाले एक्टर्स या इसे पास करने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐड में समस्या नहीं नजर आई? लोगों का कहना है कि ऐड फिल्म ऑन ऐयर होने से पहले कई प्रक्रियाओं और लोगों के सामने से होकर गुजरी होगी, लेकिन ताज्जुब की बात है कि किसी एक को भी ये ऐड खटका नहीं. लोगों ने सवाल किया कि ऐसे ऐड के लिए पैसे कौन देता होगा?

ASCI  ने भेजा नोटिस

लोगों ने विज्ञापन को लेकर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) से भी सवाल किए. जिसके बाद ASCI ने संज्ञान लेते हुए कंपनी को नोटिस भेजने की बात कही है.

एक ट्वीट में ASCI ने लिखा,

हमें टैग करने कि लिए शुक्रिया. ये विज्ञापन ASCI कोड का गंभीर उल्लंघन कर रहा है और जनहित के खिलाफ है. हमने तत्काल कार्रवाई की है और विज्ञापनदाता को ये विज्ञापन सस्पेंड करने के लिए सूचित किया है. इसपर जांच अभी लंबित है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ऐड इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान सोनी लिव पर प्रसारित किए हुए. 

अपडेट- केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इस एड को हटाने के आदेश दिए. साथ ही साथ जांच भी शुरू कर दी है. 

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