शाहरुख की 'अम्मा' बनीं किशोरी बल्लाल, इतनी बड़ी एक्ट्रेस थीं, ये उनकी मृत्यु के बाद पता चला
स्वदेस फिल्म में मोहन भार्गव की कावेरी अम्मा का किरदार अमर कर दिया.
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बाईं ओर स्वदेस फिल्म के सेट्स पर से एक सीन में किशोरी बल्लाल, दायीं ओर किशोरी की दूसरे सीन के दौरान तस्वीर. (तस्वीर: ट्विटर)
हिंदी फिल्में देखने वाले लोग उन्हें स्वदेस फिल्म की वजह से याद रखते हैं. इस फिल्म में मोहन भार्गव (शाहरुख खान) को पाल-पोस कर बड़ा करने वाली कावेरी अम्मा का किरदार उन्होंने निभाया था. लेकिन उनके करियर में कई दूसरी भी फिल्में रहीं जिनकी वजह से वो जानी गईं. उनकी मौत के बाद स्वदेस के डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. ट्वीट में उन्होंने लिखा,
किशोरी बल्लाल जी के निधन को लेकर बेहद दुखी हूं. किशोरी जी, आप अपने दयालु, ऊष्म और प्रेमिल व्यक्तित्व के लिए याद की जाएंगी. और स्वदेस में आपकी कावेरी अम्मा की परफॉरमेंस के लिए भी. आपकी कमी बेहद खलेगी.
किशोरी बल्लाल ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर थीं. मैंगलोर, कर्नाटक में जन्मीं. भरतनाट्यम डांसर श्रीपति बल्लाल से शादी हुई.HEARTBROKEN! 😥 Terribly sad about the passing away of #KishoriBallal
— Ashutosh Gowariker (@AshGowariker) February 18, 2020
ji!! Kishori ji... you will be remembered for your generously kind, warm and affable persona! And your unforgettable performance as #Kaveriamma
in #Swades
!! You will surely be missed!! 🙇♂️ pic.twitter.com/DIAlnhLOgu
दुर्गा खोते प्रोडक्शन्स के ज़रिये इनको विज्ञापनों में आने का मौका मिला. फिल्मों में डेब्यू किया 1960 में. नाम था इवालेंता हेन्दती. इसके अलावा हानी हानी, सूर्यकान्ति,और कैरी ऑन मराठा नाम की फिल्मों में भी काम किया. इसके साथ उन्होंने कई मराठी नाटकों में भी काम किया, जिनके कन्नड़ संस्करण भी बने. 1984 में उन्हें कन्नड़ राज्योत्सव अवॉर्ड और कन्नड़ नाटक अकादमी प्रशस्ति सम्मान दिया गया था.

बॉलीवुड फिल्मों में स्वदेस के अलावा उन्होंने अइय्या फिल्म में पृथ्वीराज सुकुमारन के किरदार सूर्या की मां का रोल निभाया था. 2012 में शुरू हुए अमृतवर्षिनी टीवी सीरियल में भी उन्होंने परिवार की मुखिया दादी का रोल निभाया था. हालांकि कुछ समय पहले तक उसमें भी उनकी भागीदारी कम होती गई थी. वजह थी उनकी गिरती हुई सेहत.
स्वदेस में उनका किरदार लोगों को इसलिए भी याद है, क्योंकि उन्होंने मोहन भार्गव की कावेरी अम्मा का किरदार अमर कर दिया था. एक ऐसी औरत का किरदार जिसका पाला हुआ बच्चा अरसे बाद उसके पास लौट कर आता है. वो बच्चा, जिसे उसने अपना दूध पिलाया था. जिसे विदेश भेजकर शर्त लगाई थी, कि एक न एक दिन वो ज़रूर लौटेगा. वो कावेरी अम्मा जिसके लिए मोहन भार्गव स्वदेस लौटा. और यहीं का हो कर रह गया. कावेरी अम्मा में उसे अपना घर वापस दिख गया. यशोदा का मोहन और उसकी कहानी आज भी बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है.
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