जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर पर पुरुष ड्राइवरों ने जो कहा, वो ज़रूर जानना चाहिए
गरीब परिवार से आने वाली पूजा अपने सात बरस के बच्चे को साथ लेकर काम पर जाती है.

पूजा देवी. करीब तीस बरस की हैं. जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में रहती हैं. सोशल मीडिया पर उनकी बड़ी तारीफ हो रही है. क्यों? क्योंकि वो अपने राज्य की पहली महिला पैसेंजर बस ड्राइवर हैं. वो काम तो कथित तौर पर पुरुषों का समझा जाता था, वो काम पूजा बड़ी आसानी और गर्व से कर रही हैं. जम्मू-कठुआ रूट पर यात्रियों को लाना-ले जाना कर रही हैं.
पूजा ने बताया, क्यों चुना ड्राइवर बनना?
'इंडिया टुडे' के सुनील भट की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा कहती हैं कि वो हमेशा से ट्रक या बस ड्राइवर बनना चाहती थीं. सपने में भारी-भरकम वाहन चलाते वो खुद को देखती थीं. पूजा ने बताया,
"मैं बहुत गरीब परिवार से आती हूं. मेरे पिता एक किसान थे. मेरा परिवार मुझे पढ़ाने के काबिल नहीं था, लेकिन मैंने ड्राइविंग को अपना करियर बनाने का फैसला किया."
दिक्कतें कई आईं
पूजा ने बताया कि ऐसा नहीं है कि उनके फैसले में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आई, बहुत दिक्कतें आईं. शुरू में तो उनके परिवार और पति ने ही उनके फैसले का विरोध किया था. पूजा ने बताया,
"मेरे पति शुरुआत में मेरे फैसले के खिलाफ थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि ड्राइविंग महिलाओं के लिए अच्छा काम नहीं है. लेकिन मैंने कहा कि मैं अपने सपनों का पीछा करना चाहती हूं."
पूजा ने ठान ली, तो अपने रास्ते पर आगे भी बढ़ गईं. अपने अंकल राजिंदर सिंह से ट्रक चलाना सीखा. फिर भारी-भरकम वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया. पूजा बताती हैं,
"शुरुआत में, मैं कार चलाती थी. फिर मैं एक ड्राइविंग स्कूल में ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर बनी. मैं टैक्सी भी चलाया करती थी. फिर मैंने भारी-भरकम गाड़ियां चलाने का फैसला किया. राजिंदर सिंह जी ने मुझे ट्रक चलाना सिखाया. मैं उनकी शुक्रगुज़ार हूं. एक ऐसा वक्त भी आया, जब मुझे लगा कि कोई मुझे बस ड्राइव नहीं करने देगा. लेकिन फिर जम्मू-कठुआ बस यूनियन ने मुझ पर भरोसा जताया."
सात बरस का बेटा साथ जाता है
पूजा के पति मज़दूरी करते हैं. दोनों के तीन बच्चे हैं. बड़ी बेटी दसवीं में है, उससे छोटा बेटा सातवीं में है और सबसे छोटा बेटा दूसरी में है. वो अभी सात बरस का है. पूजा बताती हैं कि छोटा बेटा उनके बिना घर पर नहीं रह सकता और पति भी काम पर चले जाते हैं, ऐसे में पूजा अपने बेटे को अपने साथ बस में लेकर जाती हैं. पूजा चाहती हैं कि सरकार आर्थिक तौर पर उनकी थोड़ी मदद करे.
पूजा की तारीफ हर जगह
पूजा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी पूजा की तस्वीर ट्वीट की और लिखा,
"जम्मू-कश्मीर के कठुआ से राज्य को पहली महिला बस ड्राइवर पूजा देवी मिली, गर्व है."
Proud to have from district #Kathua, #JammuAndKashmir, the first women bus driver Pooja Devi. pic.twitter.com/7wTMa272kC
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) December 25, 2020
पूजा को पुरुष बस ड्राइवर्स का भी सपोर्ट मिल रहा है. कुलदीप सिंह नाम के एक बस ड्राइवर का कहना है,
"ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. उन्होंने बहुत हिम्मत दिखाई. बाकी महिलाओं को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. महिलाएं हर फील्ड में अच्छा कर रही हैं. वो फाइटर प्लेन्स भी उड़ा रही हैं. उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर की कुछ और महिलाएं भी पैसेंजर बसों को ड्राइव करना शुरू करेंगी."
पूजा की बस में बैठने वाले पैसेंजर्स भी उनके फैसले की तारीफ करते हैं. उनके बस ड्राइवर बनने को ऐतिहासिक बताते हैं. एक यात्री ने कहा,
"ये देखना बहुत सुखद है कि महिलाएं आगे आ रही हैं और टैबू को तोड़ रही हैं. पूजा देवी ने इतिहास बनाया है. हमें उन पर गर्व है."