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कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामले बढ़े? ICMR की स्टडी में क्या पता चला?

अगर कोविड हुआ है तो वर्कआउट शुरू करने से पहले एक बार दिल की जांच जरूर करा लें.

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कोविड के बाद लोगों को अपने दिल का खास ख्याल रखना चाहिए (सांकेतिक फोटो)
7 नवंबर 2023
Updated: 7 नवंबर 2023 17:19 IST
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कोविड (Covid 19) के बाद एक सवाल हर इंसान के मन में है. आखिर कोविड के दौरान ऐसा क्या हुआ कि अचानक लोगों को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट पड़ने लगे हैं. किसी को नाचते हुए. किसी को एक्सरसाइज करते हुए. किसी को एकदम अचानक. आई दिन ख़बरें आ रही हैं कि कम उम्र के लोगों को, युवाओं को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट पड़ रहे हैं.

हाल ही में नवरात्र के दौरान गुजरात में जगह-जगह गरबा इवेंट हो रहे थे. हैरान करने वाली बात ये है कि 24 घंटे के अंदर नाचने से 10 लोगों की मौत हो गई. इनमें से एक की उम्र केवल 17 साल थी. अब आप ख़ुद सोच लीजिए सिचुएशन कितनी सीरियस है. अभी तक कोविड और हार्ट अटैक के कनेक्शन को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थीं, पर अब इस पर ICMR यानी Indian Council of Medical Research ने एक स्टडी की है. इस स्टडी में क्या पता चला है, कोविड और हार्ट कनेक्शन के बीच क्या लिंक निकला, सब आगे तफ़्सील से बताएंगे. साथ ही डॉक्टर से ये भी जानेंगे कि कोविड के एक्स मरीज़ हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचें.

फ़िलहाल यूनियन हेल्थ मिनिस्टर डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने ये साफ़ कहा है कि जिन लोगों को सीरियस वाला कोविड हुआ था, उन्हें लगभग 1-2 साल हैवी एक्टिविटी से परहेज़ करना चाहिए. जैसे ज़्यादा एक्सरसाइज, भागना, नाचना, स्ट्रेस लेना. कुछ भी ऐसा जिससे शरीर पर ज़्यादा जोर पड़े. तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं कि ICMR ने अपनी स्टडी में क्या कहा है?

ICMR ने कोविड और कार्डियक अरेस्ट  पर क्या कहा?

ये हमें बताया डॉक्टर डॉ. निशीथ चंद्रा ने.

(डॉ. निशीथ चंद्रा, प्रिंसिपल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजिस्ट, फोर्टिस, नई दिल्ली)

- ये देखने में आया है कि कई लोग 'सडन कार्डियक अरेस्ट' के शिकार हो रहे हैं. इनमें युवा लोगों की संख्या काफी ज़्यादा है.

- ICMR ने अपनी स्टडी में ये पाया कि जिन मरीज़ों को गंभीर कोविड हुआ था, उन्हें कठिन वर्कआउट करने पर 'सडन कार्डियक अरेस्ट' की संभावना बढ़ जाती है.

- इसलिए जिन लोगों को गंभीर कोविड हुआ था, वो कठिन वर्कआउट से बचें.

- अगर आपका काम ऐसा है जिसमें शरीर पर जोर पड़ता है तो आप पहले डॉक्टर से अपने दिल की जांच कराएं.

- इसके लिए तीन टेस्ट होते हैं ECG, इको और ट्रेडमिल टेस्ट.

- ये तीनों टेस्ट अगर नॉर्मल आते हैं तो ये कहा जा सकता है कि मरीज़ के दिल पर कोविड का ज़्यादा असर नहीं पड़ा है.

हार्ट अटैक और कोविड के बीच क्या लिंक निकला है?

- ये देखा गया है कि कोविड के बाद लोगों में अचानक से हार्ट अटैक की दिक्कत बढ़ रही है.

- कोविड के कारण दिल की नसों में सूजन आ जाती है.

- इसके अलावा खून गाढ़ा होकर दिल की नसों में जमने लगता है.

- इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक आ जाता है.

कोविड के मरीज़ों को हार्ट अटैक का ज़्यादा रिस्क क्यों?

- गंभीर कोविड होने पर मरीज़ों को वेंटिलेटर पर जाना पड़ा या फिर स्टेरॉइड और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी.

- ऐसे मरीज़ों में हार्ट अटैक की समस्या ज़्यादा हो रही है. ऐसे लोगों को अपने दिल की जांच जरूर करानी चाहिए.

बचाव और इलाज

- कोविड के बाद लोगों को अपने दिल का खास ख्याल रखना चाहिए,

- रोजाना 20 से 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें,

- अगर कोविड हुआ है तो वर्कआउट शुरू करने से पहले एक बार दिल की जांच जरूर करा लें.

- अच्छा खाना खाएं, तली हुई चीज़ों से परहेज़ करें.

- फल और सब्ज़ियों की मात्रा को बढ़ाएं.

- अगर डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें.

- अगर वजन बढ़ा हुआ है तो इसे घटाएं, एक्टिव लाइफस्टाइल रखें.

- इन सब चीजों को अपनाने से कोविड के बाद भी आप अपने दिल को हेल्दी रख सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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