गूगल करता था महिलाओं के साथ भेदभाव, 920 करोड़ रुपये का जुर्माना लग गया
केली एलिस ने गूगल में चार साल तक काम किया और फिर आरोप लगाया कि कंपनी महिलाओं को एक तरह के 'करियर ट्रैप' में फंसाती है

टेक-जाइंट Google पर एक लॉ-सूट चल रहा था. लॉ-सूट में ये कहा गया था कि गूगल महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव करता था. उन्हें ऊंचे पदों तक जाने नहीं देता और कम बोनस देता था. 12 जून को गूगल ने घोषणा की कि अपने ख़िलाफ़ चल रहे लॉ-सूट को सेटल करने के लिए वो जुर्माना देने के लिए तैयार है. 118 मीलियन का जुर्माना. यानी क़रीब 920 करोड़ रुपये.
Google पर क्या केस चल रहा था?मामला 2017 का है. Google के तीन पूर्व कर्मचारियों ने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में कंपनी पर मुक़दमा दायर किया. केस का नाम था 'एलिस बनाम गूगल'. केली एलिस एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हैं, जिन्होंने गूगल में ही चार सालों तक काम किया था. मुक़दमे में आरोप ये था कि कंपनी ने एक ही पोस्ट के लिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन दिया. इसके अलावा आरोप लगा कि कम वेतन की वजह से बराबर वर्क-एक्सपीरियंस रखने के बावजूद, महिलाओं को कंपनी में निचले पदों पर नियुक्त किया जाता था.
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, मुक़दमे में मोटा-माटी बात ये निकल के आई कि Google महिलाओं को एक तरह के 'करियर ट्रैप' में फंसाता है, जिसकी वजह से उन्हें आगे भी कम वेतन और कम बोनस मिलते हैं. एलिस के अलावा तीन और शिकायतकर्ता थे. होली पीज़, केली विसुरी और हेइडी लैमर. सभी ने गूगल के साथ काम किया हुआ था.
गूगल पर ये भी आरोप लगा कि कंपनी ने कैलिफोर्निया के समान वेतन अधिनियम और उचित रोजगार और आवास अधिनियम का भी उल्लंघन किया. मुक़दमे को बाद में केवल भेदभाव का भुगतान करने तक सीमित कर दिया गया.
कंपनी ने अब इस मुक़दमे का निपटारा कर लिया है, जिसमें कैलिफोर्निया में कार्यरत 15,000 से ज़्यादा महिलाएं शामिल हैं. 236 अलग-अलग जॉब टाइटल्स की महिलाएं, जो सितम्बर 2013 से काम कर रही हों. न्यूज़ एजेंसी AFP को दिए एक बयान में Google ने कहा,
गूगल इस मामले में 'हिस्ट्री-शीटर' रहा है"हम अपनी नीतियों और कार्यशैली की समानता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं. लगभग पांच साल तक चले मुक़दमे के बाद, हम इस समझौते पर पहुंचकर बहुत खुश हैं. दोनों पक्षों ने इस समाधान पर सहमति व्यक्त की है. ये सभी के हित में है."
118 मीलियन डॉलर के इस निपटान को अदालत से मंज़ूरी मिलनी है. ऐसा होता है या नहीं, 21 जून को पता चलेगा. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब Google अपने कर्मचारियों को लेकर विवादों में हो. इस मामले के अलावा, पिछले साल एक ऐसे ही मुक़दमे को सेटल करने के लिए Google ने $2.5 मिलियन का भुगतान किया था. तब कंपनी पर महिला इंजीनियरों को कम वेतन देने और नस्लभेद के आरोप लगे थे.
संयोग से 2017 में ही अमेरिकी श्रम विभाग ने पूरे वर्कफ़ोर्स में महिलाओं के ख़िलाफ़ सिस्टमैटिक ग़ैर-बराबरी को लेकर Google पर एक दूसरा मुक़दमा दायर किया था. द फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक़, उस मामले को 2021 में सुलझा लिया गया. इसमें कंपनी ने लगभग 5,000 से अधिक कर्मचारियों और नौकरी के आवेदकों को 3.8 मिलियन डॉलर से ज़्यादा का भुगतान किया था.