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यौन उत्पीड़न मामला: गार्गी कॉलेज की लड़कियों की वो मांगें, जिन्हें लेकर वो पांच दिन से धरने पर हैं

10 गिरफ्तार. 20 संदिग्धों की पहचान हुई.

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गार्गी कॉलेज में यौन शोषण की घटना के विरोध में प्रदर्शन करते स्टूडेंट्स. फोटो- PTI
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लालिमा
14 फ़रवरी 2020 (Updated: 13 फ़रवरी 2020, 03:05 AM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली यूनिवर्सिटी का गार्गी कॉलेज. यहां छह फरवरी को हुए यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने 10 स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है. ज्यादातर लड़कों की उम्र 19 से 23 साल के बीच है. एक लड़का रामानुजन कॉलेज में फर्स्ट ईयर में है. एक लड़का PGDAV कॉलेज का है. सबके खिलाफ हॉज खास पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है. इस बीच, गार्गी कॉलेज की स्टूडेंट ने वो सारी मांगें बताई हैं, जिनको लेकर स्टूडेंट्स लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 32 सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं. 20 और संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है. इस वक्त उनके एड्रेस को वेरीफाई करने की कोशिश हो रही है. पुलिस की 11 टीमें इस पर काम कर रही हैं. हालांकि उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. एड्रेस वेरीफाई होने के बाद पूछताछ होगी. उसके बाद ही गिरफ्तारी को लेकर तस्वीर साफ हो पाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी. मांग की गई थी कि गार्गी कॉलेज की घटना की जांच CBI के हवाले कर दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली जाए. इसके बाद वकील एमएल शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका डाली. मामले की CBI जांच की मांग की. अभी दिल्ली पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है.


Gargi College
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल यौन शोषण की घटना के बाद गार्गी कॉलेज गई थीं. तस्वीर- DVW ट्विटर.

पांच दिन से हड़ताल चल रही है

गार्गी कॉलेज की स्टूडेंट्स पिछले पांच दिन से हड़ताल पर हैं. वो क्लासेस अटेंड नहीं कर रही हैं. 14 फरवरी को हड़ताल का पांचवां दिन है. स्टूडेंट्स का कहना है कि उनकी कुछ मांगें हैं, जिनके पूरा होने के बाद ही हड़ताल खत्म होगी.

एक लड़की ने पहचान न बताने की शर्त पर इंडिया टुडे को वो सारे कारण बताए, जिन्हें लेकर स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. आगे वो मांगें लिखी हैं-

- उन सारे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो, जो छह फरवरी की घटना में शामिल थे.

- एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी (FCC) बनी है, जो 15 फरवरी को अपनी रिपोर्ट पब्लिश करेगी. इसमें ये बताया जाएगा कि छह फरवरी को क्या हुआ था, क्या नहीं हुआ था, क्यों हुआ? कौन शामिल था? लेकिन स्टूडेंट्स की मांग है कि एक इंटरनल कम्प्लेंट सेल (ICC) भी बने.

- हम चाहते हैं कि फेस्ट के लिए जो डिसाइड हुआ था, वो हमें दिखाया जाए. ताकि हमें ये पता चल सके कि सिक्योरिटी के लिए कितने पैसे खर्च हुए थे. वो काफी था या नहीं? बजट नहीं दिखाया गया है.

- हमने प्रिंसिपल से लिखित में माफीनामा मांगा था, वो सामने आईं. घटना की निंदा की, लेकिन अभी तक हमें माफीनामा नहीं मिला है.

- स्टूडेंट्स 10 लोगों की गिरफ्तारी के मामले पर भी पुलिस से बात करना चाहते हैं.

स्टूडेंट्स क्लासरूम में नहीं जा रहे, तो टीचर्स क्या कर रहे?

एक स्टूडेंट ने बताया कि बहुत से प्रोफेसर तो FCC के मेंबर्स हैं. कई प्रोफेसर से पुलिस पूछताछ कर रही है. कई प्रोफेसर स्टूडेंट्स की हड़ताल को सपोर्ट कर रहे हैं.

स्टूडेंट्स ने इंस्टाग्राम पेज स्पीकअप गार्गी
भी बनाया है. इसमें स्ट्राइक को लेकर लगातार अपडेट दी जा रही है.

छह फरवरी को हुआ क्या था?

फेस्ट का तीसरा और आखिरी दिन था. दो दिन ठीक चले थे, लेकिन आखिरी दिन कॉलेज में बवाल मच गया. कुछ लड़के कॉलेज में गेट और बैरिकेड फांदकर अंदर घुस आए. आरोप है कि उन्होंने लड़कियों से बदतमीजी की. लड़कियों ने सोशल मीडिया पर अपने-अपने एक्सपीरियंस भी शेयर किए. बताया कि जो लड़के कॉलेज में घुसे वो नशे में थे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे.

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