प्रेग्नेंट महिला को तीन तलाक दिया, फिर जेठ के साथ हलाला के लिए डाला दबाव
महिला पर मायके से पांच लाख रुपये लाने का दबाव बना रहे थे पति और ससुराल वाले.

उत्तरप्रदेश का लखनऊ. यहां तीन तलाक देने और फिर जेठ से हलाला करने का दबाव बनाने का मामला सामने आया है. शख्स ने पहले अपनी गर्भवती पत्नी को तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया. पीड़िता ने अपनी मां को पूरी आपबीती सुनाई. पीड़िता की मां ने रिश्तेदारों की मदद से मामला सुलझाने की कोशिश की. आरोप है कि ससुरालवालों ने पीड़िता पर जेठ के साथ हलाला करने का दबाव बनाया और दहेज के नाम पर पांच लाख रुपये मांगे.
हलाला का पूरा मामला क्या है?आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि ससुर, देवर और घर की दो महिलाओं के कहने पर पति पीड़िता के साथ बदसलूकी करता था. और फिर उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया गया. पीड़िता ने पुलिस को बताया,
"16 जून, 2019 को मेरा निकाह सुफियान अली उर्फ बाबर से हुआ था. अपनी हैसियत के हिसाब से दहेज भी दिया गया. लेकिन ससुराल पहुंचने के बाद ही मुझ पर पांच लाख रूपये दहेज में लाने का दबाव बना रहे थे. बीते 22 अप्रैल को सुफियान ने मुझे तलाक दे दिया. इसी बीच मुझे बेटा हुआ. अब मेरे पिता की मौत हो चुकी है. तलाक दिए जाने के बाद मेरी मां ससुराल बात करने पहुंची. तो दहेज और हलाला करने की शर्त रखी गई."
सहादतगंज के थाना अध्यक्ष सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि महिला को दिए तीन तलाक की शिकायत में पुलिस ने IPC धारा 498(ए) (दहेज प्रताड़ना), 323 (मारपीट) , 504 (शांतिभंग) और मुस्लिम महिला विवाह अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम 2019 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार सुरक्षा कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना अपराध के दायरे में आता है और ऐसा करने वाले शख्स को तीन साल तक की जेल हो सकती है.
क्या है हलाला?हलाला यानि 'निकाह हलाला.' शरिया के मुताबिक, अगर एक मुस्लिम शख्स अपनी पत्नी को तलाक दे देता है. लेकिन बाद वो उसी महिला से दोबारा शादी करना चाहता है तो औरत को हलाला करना पड़ता है. इसके तहत महिला को किसी और पुरुष के साथ निकाह करना होता है, दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते हैं और उसके बाद वो व्यक्ति महिला को तलाक दे देता है. इसे निकाह हलाला कहते हैं, इसके बिना दो लोगों की आपस में दोबारा शादी नहीं हो सकती है.