एक्सरसाइज़ की ये आम गलतियां बहुत महंगी पड़ सकती हैं
डॉक्टर ने बताया वर्क आउट का सही तरीका और इंजरी का इलाज.
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जिम में एक्सरसाइज़ के दौरान लोग सेल फ़ोन या हेड फ़ोन इस्तेमाल करते हैं. इससे ध्यान भटक सकता है
वर्तिका 25 साल की हैं. फ़रीदाबाद की रहने वाली हैं. अब कोरोना के चक्कर में इतने महीने लॉकडाउन रहा तो सबकी तरह वर्तिका भी घर पर बंद थी. इस दौरान उन्होंने काफ़ी वेट गेन कर लिया. अब कुछ दिन पहले वर्तिका को लगा कि बस बहुत हो गया. अब एक्सरसाइज़ करनी चाहिए. तो वर्तिका सुबह उठी. एक्सरसाइज़ करनी चालू की. पर दस मिनट बाद उनके पैरों में ज़बरदस्त दर्द उठा. और बढ़ता ही गया. शाम तक डॉक्टर के पास जाने की नौबत आ गई. पता चला एक्सरसाइज़ करते समय उनके पैर में इंजरी हो गई. वैसे जो वर्तिका के साथ हुआ वो बहुत आम है. मेरे साथ भी हो चुका है. हम जोश-जोश में एक्सरसाइज़ करना शुरू कर देते हैं. कभी घर पर, कभी जिम में. पर अगर ये एक्सरसाइज़ सही तरह से न की जाएं तो लेने के देने पड़ सकते हैं. ऊपर से ठंड का मौसम, इस मौसम में तो दर्द वैसे भी बढ़ जाता है. तो आज बात करते हैं कुछ ऐसी आम इंजरी की जो आपको एक्सरसाइज़ करने के दौरान हो सकती हैं और आप इनसे कैसे बच सकते हैं?
एक्सरसाइज़ करते समय किस तरह की इंजरी हो सकती है?
इनके बारे में हमें बताया डॉक्टर नंदन ने.

डॉक्टर नंदन मिश्रा, ऑर्थोपेडिक सर्जन, लखनऊ
-जिम या घर में एक्सरसाइज़ के दौरान गर्दन में खिंचाव
-कमर में दर्द
-अलग-अलग जोड़ों में दर्द या चोट लग सकती है, अलग-अलग जोड़ जैसे कंधे, कलाई, घुटने या एड़ी
इनसे कैसे बचें?
-अगर आप महिला हैं और आपकी उम्र 55 से ज़्यादा है या आप किसी मेडिकल कंडीशन से ग्रस्त हैं. जैसे दिल की बीमारी, शुगर या सांस लेने की तकलीफ़ तो आपको अपने डॉक्टर से मिलकर ही एक्सरसाइज़ प्लान करनी चाहिए
-एक्सरसाइज़ शुरू होने से पहले आपको वार्म अप करना चाहिए. वार्म अप यानी अपने शरीर को एक्सरसाइज़ के लिए तैयार करना.
-विभिन्न प्रकार के वार्म अप हैं जैसे साइकिलिंग, स्किपिंग और 5 से 10 मिनट की जॉगिंग
-एक्सरसाइज़ ख़त्म करने के बाद कूल डाउन करना चाहिए. इसका मतलब है आप 5 से 10 मिनट तेज़ी से चलें
-वार्म अप से पहले और कूल डाउन के बाद विभिन्न जोड़ों की स्ट्रेचिंग करनी चाहिए
-इसके बाद आता है क्रॉस-ट्रेनिंग. इसका मतलब होता है अलग-अलग दिन, अलग-अलग मांसपेशियों की एक्सरसाइज़
-इससे एक मांसपेशी पर ज़्यादा भार नहीं आता है और इंजरी की संभावना कम हो जाती है

-इसके बाद आपको एक्सरसाइज़ धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए. जैसे अगर आप वेट लिफ्टिंग कर रहे हैं तो पहले दिन सबसे कम वज़न उठाना चाहिए. समय के साथ वजन बढ़ा सकते हैं
-ठंड का मौसम चल रहा है. अगर पहले से जोड़ों में अर्थराइटिस की दिक्कत है तो अभी ये दर्द बढ़ सकता है
-इसके लिए डॉक्टर या ट्रेनर से सलाह लें
-शरीर को हाइड्रेटेड रखिए. एक्सरसाइज़ से 2 से 3 घंटा पहले लगभग आधा लीटर पानी पीना चाहिए
-जिम में एक्सरसाइज़ के दौरान लोग सेल फ़ोन या हेड फ़ोन इस्तेमाल करते हैं. इससे ध्यान भटक सकता है और चोट लग सकती है
-जितनी ज़रूरी एक्सरसाइज है उतना ही ज़रूरी रेस्ट भी है
-हर हफ़्ते एक से दो दिन आपको रेस्ट भी करना चाहिए
डॉक्टर साहब ने इंजरी से बचने की जो टिप्स बताई हैं उन्हें कहीं नोट डाउन कर लें. बहुत काम आएंगी. अब अगर आप इन टिप्स का पालन नहीं करते हैं. आपको इंजरी हो जाती है, तब क्या करें? तो इलाज भी जान लीजिए.
इलाज
-अगर आपको एक्सरसाइज़ करने के दौरान चोट लग जाती है तो RICE प्रोटोकॉल फॉलो करना चाहिए
-RICE का मतलब होता है रेस्ट, आइस, कम्प्रेशन और एलीवेशन
-चोटिल पार्ट को रेस्ट देना है
-बर्फ़ लगानी है
-चोट पर कॉम्प्रेसिव बैंडेज लगानी है

-इससे सूजन वहां पर कम हो जाएगी
-मामूली चोट 3 से 4 हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाती है
-अगर ये दर्द बढ़ता चला जाए और आपके दिनचर्या को इफ़ेक्ट करने लगे तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और इलाज करवाना चाहिए
-इंजरी के दौरान किसी भी तरह की एक्सरसाइज़ न करें
डॉक्टर साहब ने जो बातें बताईं उनपर ज़रूर गौर करिएगा. घर पर या जिम में एक्सरसाइज़ करते समय डॉक्टर्स ने जो टिप्स बताईं हैं, उनका भी ज़रूर ख़याल रखिएगा.
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