अभय देओल ने बताया 'देव डी' के वक्त अनुराग कश्यप से किस बात को लेकर पंगे हुए थे
अगर अभय देओल की मानी जाती तो 'देव डी' फिल्म की शक्ल ही दूसरी होती.
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देव डी अपने हटके अंदाज़ के लिए बहुत फेमस हुई थी. इस फिल्म में पारो का रोल माही गिल (बाएं) और चन्दा का रोल कल्कि केक्लौं (दाएं) ने किया था. बीच में अभय देओल हैं, जिन्होंने देव का रोल किया था. अनुराग कश्यप के साथ ये उनकी इकलौती फिल्म रही.
इसके बाद अब अभय देओल ने बताया है कि उनके अनुराग कश्यप के साथ क्या डिफरेंसेज रहे. उनके हिसाब से फिल्म की एंडिंग क्या होनी चाहिए थी. और ये भी कि ‘देवदास’ के मॉडर्न वर्जन में वो लीडिंग लेडीज को और ज्यादा मज़बूत दिखाना चाहते थे.
अपने पोस्ट में अभय लिखते हैं,
एक साल तक मैं फिल्म का आइडिया लोगों को नैरेट करता रहा था, तब आखिर में अनुराग ने इसे डायरेक्ट किया. लोग जब मेरा नैरेशन सुनते थे तो कहते थे 'ये कुछ ज्यादा ही आर्ट फिल्म जैसी' है. ये मेरे लिए लकी रहा कि अनुराग ने इसका डायरेक्शन किया.
अभय बताते हैं कि उन्होंने शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास देवदास पढ़ा और उन्हें लगा कि देवदास का कैरेक्टर स्त्रीद्वेषी, घमंडी, और हक़ जमाने वाला है. फिर भी उसे कई दशकों तक रोमैंटिसाइज किया गया. वहीं दूसरे हाथ पर महिलाएं बेहद मजबूत और ईमानदार थीं. फिर भी उनसे ये उम्मीद की जाती थी कि वो देवदास से प्रेम करेंगी, चाहे कुछ भी क्यों न हो जाए.
अभय ने लिखा,
'मैं ये बदलना चाहता था. मैं उन्हें ताकत देना चाहता था. ‘सुशील, संस्कारी, समर्पित महिला’ की इमेज से बाहर निकालना चाहता था. ये समय था उन्हें आज़ाद बनाने का. अपने प्रेमी पुरुष के ज़रिए परिभाषित होने का नहीं, किसी भी पुरुष के द्वारा परिभाषित होने का नहीं. इसीलिए पारो देवदास की गलतियों पर पर्दा नहीं डालती. उन पर सवाल उठाती है. उसे उसकी जगह दिखाती है.'

अभय ने बताया कि उनके वर्जन में देव को पुलिस की गोली लगती है और किताब की तरह ही यहां भी उसकी मौत हो जाती है. पारो के दरवाज़े पर. चन्दा को उससे प्रेम नहीं होता. और उसे अपने ईस्ट यूरोपियन एस्कॉर्ट होने पर कोई शर्म भी नहीं है. वो तीनों किरदारों में से सबसे मजबूत है. और किसी के द्वारा जज किए जाने से उसे डर नहीं लगता. देव को इस कदर टूटा हुआ देखकर वो उससे हमदर्दी जताती है.

अभय लिखते हैं,
'अनुराग को लगा कि एक हैपी एंडिंग हो तो फिल्म दर्शकों द्वारा ज्यादा स्वीकार की जाएगी. और उनका ट्विस्ट था कि देव और चन्दा को प्रेम हो जाए एक दूसरे से. मेरा विजन बहुत डार्क था. मैं फ्लो के साथ चलता गया. बाक़ी इतिहास है.'अभय देओल अपने सोशल मीडिया पर उन फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें बॉलीवुड बनाने से इनकार कर देता है. इसके साथ वो हैश टैग चला रहे हैं, मेकिंग व्हाट बॉलीवुड वुड नॉट. यानी वो बनाना जो बॉलीवुड नहीं बनाएगा.
वीडियो: अनुराग कश्यप का अभय देओल के साथ काम करने का अनुभव अच्छा नहीं रहा!