जम्मू-कश्मीर की लड़की ने टॉप किया, हिजाब ना पहनने पर हत्या की धमकी मिलने लगी!
टॉपर बोली- 'हिजाब से नहीं, दिल से मुसलमान हूं.'
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जम्मू कश्मीर स्टेट बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन. यानी जम्मू कश्मीर में शुरुआती पढ़ाई का सरकारी बोर्ड. 8 फ़रवरी को बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट जारी किया. जिस लड़की ने टॉप किया, उसे 500 में से 499 नंबर मिले. ख़बर बनी. तस्वीरें वायरल हुईं. लेकिन फिर इस लड़की को एक अलग ही विवाद में घसीट लिया गया. वही विवाद जो बीते 2 हफ़्ते से पूरे देश का 'हॉट टॉपिक' बना हुआ है. यानी कर्नाटक हिजाब विवाद.
टॉपर का विवाद से क्या लेना-देना?
12वीं के रिज़ल्ट का दिन जीवन में याद ज़रूर रहता है. स्कूल लाइफ़ ख़त्म हो रही होती है और 12-14 सालों का हिसाब कथित तौर पर वही एक मार्कशीट होती है. हालांकि, मार्कशीट जीवन का अंतिम सत्य नहीं होती, लेकिन उस समय तो ऐसा ही बताया जाता है. थोड़ा उत्साह, थोड़ी अनिश्चितता और बहुत सारा डर. जिसकी अपेक्षा पार नहीं होती, उसे दो-तीन दिन उबरने में लगते हैं और जो टॉप कर जाता है, उसकी तो क्या ही पूछ होती है! लेकिन कश्मीर के स्टेट बोर्ड की टॉपर के लिए टॉप करने का अनुभव सामान्य टॉपरों से बहुत अलग रहा.
श्रीनगर के इलाही बाग़ की अरूसा परवेज़. बोर्ड टॉपर. साइंस स्ट्रीम में 500 में से 499 नंबर स्कोर किए. यानी 99.8%. मीडिया और सोशल मीडिया पर यह ख़बर आई. लोगों ने खूब वाहवाही की. स्थानीय मीडिया ने अरूसा और उसके परिवार की तस्वीरें भी खींची, जैसे सामान्यतः बोर्ड के टॉपर्स की तस्वीरें और इंटरव्यू आते हैं. हमने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर अरूसा की ख़बर पोस्ट की. कुछ लोगों ने हंसते हुए यह भी कमेंट किया कि इतने में तो 3 लोग पास हो जाते. हंसी मज़ाक, यहां तक मामला ठीक था. लेकिन कुछ लोगों ने अरूसा और उसके परिवार को निशाना बनाना शुरू कर दिया. ये लोग कर्नाटक हिजाब विवाद को बीच में खींच लाए. दरअसल, अरूसा की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, उसमें उन्होंने हिजाब नहीं पहना हुआ था. कट्टरपंथी सोच रखने वालों को यह बात हज़म नहीं हुई और वो अरूसा को बधाई देने की जगह, लानते भेजने लगे. पूछने लगे कि हिजाब क्यों नहीं पहना हुआ है? हरिकेन सैय्यद नाम के एक यूज़र ने लिखा,Aroosa Parvaiz from Srinagar secured first position in Science stream of 12th class annual exam conducted by J&K Board. She got 499/500. Congratulations young lady. Keep it up. pic.twitter.com/wlbefghsmv
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) February 8, 2022
"जो तालीम औरत के सर से चादर और मर्द के दिल से खौफ़ दूर करे, ऐसी तालीम से अनपढ़ रहना बेहतर है."
"कर्नाटक में मुस्लिम महिलाएं हिजाब के लिए लड़ रही हैं और हमारे कश्मीर में हमारी बहनें बिना चेहरा ढके अपनी तस्वीरें डाल रही हैं. एक महिला एक अजनबी के सामने अपना चेहरा दिखाए, इस बात की इजाज़त नहीं है. ख़ुदा का खौफ़ करो."
"बेगैरत! पर्दा नहीं किया. इसकी गर्दन काट दो."एक दूसरे यूज़र ने लिखा, वन सोल टू आइज़ नाम के एक यूज़र ने तो सीधे गर्दन काटने की बात कह दी लिखा, इसी तरह अरूसा को और भी डेथ थ्रेट्स भेजे गए. यह कोई सामान्य ट्रोलिंग का मसला नहीं है, यह साफ़ साफ़ ऑनलाइन हरासमेंट है. और वह भी एक ऐसे मौक़े पर जो अरूसा और उसके परिवार के लिए एक उत्सव जैसा हो सकता था. 'हिजाब से नहीं, दिल से मुसलमान हूं' इस विवाद के बीच अरूसा की भी प्रतिक्रिया आई. स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अरूसा ने बताया कि यह उसके परिवार के लिए बहुत मुश्किल वक़्त है, उन्हें कुछ ऐसा हो जाने की उम्मीद नहीं थी. अरूसा ने उन्हें ट्रोल करने वालों को कहा कि हिजाब पहनना या ना पहनना उनके धर्म में किसी के विश्वास को परिभाषित नहीं करता. कहा, 'हो सकता है मैं अल्लाह को इन ट्रोल्स से ज़्यादा प्यार करती हूं. मैं हिजाब से नहीं, दिल से मुसलमान हूं.' अरूसा के टीचर्स ने भी इस बात पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बताया कि इस तरह का धर्मांध माहौल उन लोगों ने कभी नहीं देखा. जिस चीज़ को सेलिब्रेट करना चाहिए, उस पर इस तरह की प्रतिक्रिया देखना उनके लिए दुखद है. इस बीच कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है, लेकिन हाईकोर्ट से बाहर लोग अपने-अपने पुख़्ता मत के साथ खड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं डाली गई हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं.