ठंड के मौसम में भी हथेलियों में पसीना आता है तो आपको ये बीमारियां हो सकती हैं
डॉक्टर ने बताया हाइपरहाइड्रोसिस का इलाज.
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यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
हितेश सूरत के रहने वाले हैं. 30 साल के हैं. हिमांशु पटना के रहने वाले हैं 22 साल के हैं. और पुनीत दमन एंड दीव के रहने वाले हैं, उम्र 27 साल है. इन तीनों में एक चीज़ कॉमन हैं. इनकी हथेलियों और तलवों से बहुत पसीना निकलता है. इन सबने हमें मेल किया. सेम परेशानी के साथ. ये दिक्कत तीनों को काफ़ी समय से है. और ऐसा नहीं कि इनको पसीना सिर्फ़ गर्मी में आता है. ठंड हो. बारिश हो. कोई भी मौसम हो. इन तीनों को ये दिक्कत रहती है. पर कोई जानता नहीं ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे वजह है हाइपरहाइड्रोसिस. हितेश, हिमांशु और पुनीत जानना चाहते हैं कि इससे कैसे बचें.
क्या है हाइपरहाइड्रोसिस?
ये हमें बताया डॉक्टर कमाल ने.
डॉक्टर तारिक कमाल, एमबीबीएस, एमडी, रीवा
हाइपर का मतलब होता है बहुत ज़्यादा. हाइड्रोसिस यानी पसीना आना. बहुत ज़्यादा पसीना आने की अवस्था को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं.
क्यों होता है हाइपरहाइड्रोसिस?
-एक कारण है कि हाइपरहाइड्रोसिस जेनेटिक हों, यानी आपके जींस या शरीर की बनावट ऐसी है कि पसीना ज्यादा आता है.
-किसी के शरीर में पसीने की ग्रंथि ज़्यादा हों तो भी हाइपरहाइड्रोसिस हो सकता है. ये किसी बीमारी के कारण नहीं है
-दूसरी अवस्था. ज़्यादा पसीना आना एक लक्षण होता है और उसके पीछे कोई दूसरी बीमारी छुपी होती है
-जैसे थायरॉइड, डाईबीटीज़, हार्ट की नलियां ब्लॉक हों, या मेनोपॉज़
बहुत ज़्यादा पसीना आने की अवस्था को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं
कारण आपको पता चल गए. अब जानते हैं कि अगर आपको हाइपरहाइड्रोसिस है, तो उसका आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है? और सबसे ज़रूरी इसका इलाज क्या है?
ज़्यादा पसीना आने से क्या सेहत को कोई नुकसान पहुंचता है?
-ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको पसीना किस कारण से आ रहा है, अगर जेनेटिक हैं तो सामान्य बात है. पर अगर ये किसी कारण से हो रहा है जैसे थायरॉइड, डाईबीटीज़, ब्लड प्रेशर, मेनोपॉज़, तो उस बीमारी के कॉम्प्लिकेशंस आपको झेलने पड़ेंगे.
इलाज
-अगर किसी बीमारी के कारण पसीना आ रहा है तो उसका इलाज किया जाएगा. उस बीमारी के ठीक होने या कंट्रोल में आने से पसीना ज़्यादा आने की दिक्कत भी ठीक हो जाएगी
-अगर ये समान्यत: हो रहा है तो बहुत ज़्यादा इलाज की ज़रूरत नहीं होती, इलाज की ज़रूरत तब पड़ती है जब इसका असर आपकी डेली लाइफ पर पड़ रहा हो. जैसे पसीने के कारण लिख न पाना या हाथ न मिला पाना.
-इसके लिए शुरुआती उपाय है नेचुरल फाइबर से बने कपड़े या जूते पहनें, जैसे खादी, कॉटन.
Antiperspirant भी लगा सकते है जिससे पसीने की ग्रंथियां बंद हो जाती हैं
-Antiperspirant
12 से 14 घंटे वो अपना काम करता है, पसीना आना कम हो जाता है.
-अगर ये समस्या बहुत ज़्यादा है तो इसका कॉस्मेटिक इलाज भी है, जिसमें माइक्रोवेव के द्वारा पसीने की ग्रंथियों को ब्लॉक कर दिया जाता है या उनको ख़त्म कर दिया जाता है
-कभी-कभी इसमें सर्जरी भी की जाती है. जैसे अगर किसी को बगल में ज़्यादा पसीना आता है तो इसके लिए एक छोटी सर्जरी होती है
-पानी ज़्यादा पिएं
-खान-पान ठीक करें
-खुली हवा में रहें
-हलके और ढीले कपड़े पहनें
उम्मीद है डॉक्टर साहब ने जो बातें बताई हैं, वो आपके काम ज़रूर आएंगी.
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