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चेन्नई: महिला के घर के बाहर पेशाब करने वाले ABVP के पूर्व अध्यक्ष दो साल बाद गिरफ्तार

आरोपी का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

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शुरुआत में महिला की शिकायत पर मामला दर्ज नहीं हुआ था. (फोटो: सोशल मीडिया)
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19 मार्च 2022 (Updated: 19 मार्च 2022, 13:59 IST)
Updated: 19 मार्च 2022 13:59 IST
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ABVP के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुब्बैया षणमुगम को चेन्नई पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. षणमुगम को एक 2 साल पुराने मामले में हिरासत में लिया गया है. पार्किंग स्पॉट पर शुरू हुआ विवाद, षणमुगम की 'हरकत' के बाद बढ़ गया था. 2 साल पहले मामले से जुड़ी एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. पुलिस में शिकायत दर्ज हुई थी. शिकायत वापस भी ले ली गई और अब पुलिस ने षणगुम को गिरफ़्तार कर लिया है. इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव ने इस बात की पुष्टि की है. क्या हुआ था? ABVP के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम चेन्नई के हैं. सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं. सपाट लहजे में कहें तो कैंसर के सर्जन हैं. जुलाई 2020 में षणमुगम की पड़ोसी ने उनके ऊपर हरासमेंट का आरोप लगाया था. पुलिस में शिकायत की थी कि षणमुगम उनके दरवाज़े पर कूड़ा फेंक देते हैं. इस्तेमाल किए हुए मास्क फेंक देते हैं. दरवाज़े पर पेशाब कर देते हैं. और ये सब क्यों? क्योंकि महिला और षणमुगम के बीच बिल्डिंग के पार्किंग स्पॉट को लेकर विवाद था. कुछ घटनाओं की CCTV रिकार्डिंग भी पुलिस को सौंपी गई थी. मामले से जुड़ा ये CCTV वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस मामले में महिला ने पहली शिकायत 11 जुलाई 2020 को की थी. बहुत दिनों तक FIR दर्ज नहीं हुई. फिर आख़िरकार 25 जुलाई को जाकर दर्ज हुई. कहा गया कि सोशल मीडिया पर चले कैम्पेन के दबाव में पुलिस को FIR दर्ज करनी पड़ी. फिर इसके बाद महिला ने शिकायत वापस ले ली थी. 25 जुलाई को इतनी मुश्किल से दर्ज हुई FIR, 26 जुलाई को वापस. परिवार वालों ने स्थानीय मीडिया को बताया था कि महिला पर बिल्डिंग में रहने वाले दूसरे लोगों ने दबाव डाला कि शिकायत वापिस लेकर बातचीत से मामला सुलझा लिया जाए. BJP और RSS के दबाव मे भी शिकायत वापस लेने की बातें कही गईं फिर ख़बरें बनीं कि आपसी सहमति से मामला 'सेटल' हो गया. इस मामले में एक फ़ोन कॉल की रिकार्डिंग भी सामने आई थी. इस 45 मिनट लम्बी कॉल में षणमुगम कथित तौर पर अपने किसी जानने वाले से इस बारे में बात की थी. कह रहे थे कि महिला के पास कोई साक्ष्य नहीं हैं और उनका नाम ख़राब हो रहा है, इसलिए वो इस मामले में समझौता करने को तैयार हैं. इसलिए उन्होंने दूसरे पड़ोसियों से भी बात की है.

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