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कर्नाटक का ये कॉलेज महिला स्टाफ को सैलरी और लीव बैलेंस काटे बिना पीरियड लीव देगा

कॉलेज प्रशासन ने हाल ही में ये फैसला किया है.

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कॉलेज के चेयरमैन ने कहा कि, "यह काम के परिवेश में बदलवा लाने की तरफ़ एक महत्वपूर्ण कदम है." (सांकेतिक फोटो )
15 मार्च 2022 (Updated: 16 मार्च 2022, 11:25 IST)
Updated: 16 मार्च 2022 11:25 IST
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कल ही मेरी एक कलीग को पीरियड्स आए हुए थे. वो दफ़्तर में थी और पीरियड्स के कारण काम करने में असहज थी. खुद या किसी और को पीरियड्स में असहज होते हुए काम करते देखना हमारे लिए कोई नई बात नहीं थी. हालांकि ऐसे में लीव बैलेंस या सैलेरी कटे बिना ही छुट्टी मिल जाए तो कोई अधूरी ख्वाहिश पूरी होने जैसी फीलिंग आती है. कर्नाटक के मैसूर शहर के एक कॉलेज की महिलाकर्मियों की ये अधूरी ख्वाहिश पूरी हुई है.
इस कॉलेज का नाम है दक्षा पीयू कॉलेज. यहां के प्रशासन ने महिलाओं के हक में ये प्रोग्रेसिव कदम उठाया है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिनों इंटरनैशनल विमेंस डे के उपलक्ष्य में कॉलेज प्रशासन ने महिला स्टाफ़ के लिए 'पीरियड लीव' की शुरुआत की थी. ये एक दिन की छुट्टी होगी जो उनकी बाकी छुट्टियों में नहीं गिनी जाएगी. ये लीव कॉलेज की महिला स्टाफ़ महीने में एक बार ले सकती हैं.
दक्षा कॉलेज के चेयरमैन पी जयचंद्र राजू ने इस बारे कहा था,
"ये काम के परिवेश में बदलाव लाने की तरफ़ एक महत्वपूर्ण कदम है."
वहीं कॉलेज के प्रिन्सिपल अभिषेक का कहना था,
"दक्षा कॉलेज की महिला कर्मचारी अब मेन्सट्रुअल लीव ले सकती हैं क्योंकि वे उस दौरान शारीरिक असहजता और भावनात्मक पीड़ा से गुज़रती हैं. उन्हें ऐसे समय में रेस्ट की ज़रूरत होती है."
फ़ीमेल स्टाफ़ ने क्या कहा? कॉलेज की इस नई योजना को वहां की महिला स्टाफ़ ने बहुत सराहा है. कॉमर्स डिपार्टमेंट की हेड जीएन शोभा ने कहा,
"हमारे इन्स्टिट्यूशन ने सभी फ़ीमेल स्टाफ़ को इसका हिस्सा होने पर गौरवान्वित महसूस करवाया है, क्योंकि ये हमारी तकलीफ और स्ट्रेस को समझ रहा है. हम अपने पीरियड्स के दौरान चुपचाप दिक्कत सहते थे, जबकि हमें उस दौरान फिज़िकल और मेंटल रेस्ट की ज़रूरत होती है."
पीरियड्स में कई महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द होता है. (सांकेतिक फोटो )
पीरियड्स में कई महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द होता है. (सांकेतिक फोटो )
वहीं इकॉनमिक्स डिपार्टमेंट की महालक्ष्मी माया ने कहा,
"पीरियड्स के दौरान महिलाएं क्रैम्प्स, मूड स्विंग्स, थकान और असहजता से गुज़रती हैं. ऐसे में छुट्टी से हमें बहुत मदद मिलती है. इससे हमें समय मिलता है कि हम आराम कर सकें और पौष्टिक खाना खा सकें. काश सभी संस्थान ऐसा ही करते."
पहले भी हुई है पहल साल 2020 में फूड डिलीवरी ऐप ज़ोमैटो और 2021 में स्विगी ने अपनी महिला कर्मचारियों को महीने में दो दिन के लिए पीरियड्स लीव देने की शुरुआत की थी. ये छुट्टियां स्वैच्छिक होती हैं. यानी ये महिलाकर्मी की मर्जी है कि वो पीरियड लीव यूज करे या ना करे. और अब दक्षा पीयू कॉलेज के रूप में एक शिक्षा संस्थान ने ये पहल की है. उम्मीद है कि आगे चलकर हर संस्थान, हर सेक्टर में विमेंस हेल्थ की जरूरतों को ध्यान में रखकर ऐसे इनिशिएटिव लिए जाएंगे..

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