शेरू जिस गली में पैदा हुआ, उसी में बड़ा हुआ. बाकी भाई-बहन मर गए. सड़क के कुत्ते कितना ही जी पाते हैं. शेरू ने किसी पर हमला नहीं किया. बस इतना था कि हर घर पर उसकी रोटी बंधी थी. गली जहां ख़तम होती, वहां से ब्लैकी का इलाका शुरू होता था. अक्सर ब्लैकी और शेरू में लड़ाई होती. गली के मोड़ पर उमेश अंकल रहते थे. उनके पास तबसे ‘मारुती 800’ थी जब गाड़ियां केवल फिल्मों में हुआ करती थीं. उमेश अंकल को रोज़ कुत्तों की आवाज़ सुननी पड़ती. देखे वीडियो