दिल्ली और आसपास के इलाक़ों में केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. और ऐसे में दो भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयान आए हैं. बयान ऐसे जो केंद्र के दावों से उलट जाते हैं. बात ये कि राज्य सारे उत्पादों को प्रतिबंधित नहीं कर सकते हैं. कृषि अधिकतर राज्यों की ज़िम्मेदारी है, और चूंकि केंद्र का क़ानून है तो ये सवाल उठ सकते हैं कि राज्यों से विमर्श क्यों नहीं हुआ और राज्य फ़सलों को रोक तो सकते हैं लेकिन किसानों का आपराधिक ट्रीटमेंट नहीं कर सकते हैं. किसी भी अवस्था के लिए क़ानून ज़रूरी है. देखिए वीडियो.