"अभी ऑपरेशन में जा रहा हूं, बाद में बात करूंगा." 13 सितंबर को सुबह 6:45 पर कर्नल मनप्रीत सिंह ने फोन पर अपनी पत्नी जगमीत कौर से यही कहा था और फोन रख दिया था. जगमीत को ऐसी बातचीत की आदत थी. क्योंकि उनके पति कर्नल मनप्रीत जम्मू-कश्मीर में तैनात 19 राष्ट्रीय राइफल्स के CO थे. कश्मीर में तैनात RR बटालियन्स साल के 365 दिन चौबीसों घंटे किसी न किसी ऑपरेशन में व्यस्त रहती हैं. इसीलिए जब 13 सितंबर की सुबह कर्नल मनप्रीत ने फोन काटा, तो वो समझ गईं कि थोड़ी देर लगेगी, लेकिन फोन आएगा. लेकिन तकरीबन 2 घंटे तक फोन नहीं आया. खबर आई. कि अनंतनाग में आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट वीरगति को प्राप्त हो गए. जगमीत कौर के घर वालों को कुछ समझ नहीं आया. तो उन्होंने एक रात ये बात अपनी बेटी से छिपाए रखी. लेकिन कभी तो बताना ही था, सो आज सुबह उन्हें ये बताया गया कि उनके पति ने ड्यूटी पर प्राण दे दिए. आज हमारा शो तीन शहीदों के नाम है - कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं. हम इन तीनों की कहानियां आपको बताएंगे. और उस ऑपरेशन की जानकारियां भी देंगे, जिसमें इनका बलिदान हुआ. और इस सवाल का जवाब भी खोजेंगे कि ये घटना क्या जम्मू कश्मीर में आतंक के किसी नए पैटर्न पर रोशनी डालती है.