जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, किसानों को अन्नदाता कहकर लोग उनके साथ खड़े होरहे हैं. कहा जा रहा है कि अपनी पैदा की गई फसल की कीमत के लिए भी किसानों को लड़ाईलड़नी पड़ रही है. दूसरी तरफ एक रिपोर्ट दिखाती है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI)में भारत की रैंकिंग 103 रही है. सरकार सस्ता खाद्यान्न बांटने पर हर साल 1.5 लाखकरोड़ रुपए खर्च करती है. लेकिन एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि देश में भारीमात्रा में अनाज की बर्बादी होती है. साल 2016 की एक स्टडी बताती है कि हर सालतकरीबन 92,651 करोड़ रुपए का कृषि उत्पाद बर्बाद हो जाता है. ये आंकड़े पीएम मोदीकी उस अपील की पुष्टि करते हैं, जिसमें उन्होंने खाद्यान्न स्टोरेज की क्षमता कोतेजी से बढ़ाने की बात की है. देखिए वीडियो.