दिल्ली से चली ब्रह्मपुत्र मेल जिसमें पैर रखने तक की जगह नहीं थी. मुकेश को लगा कि ये समय ज़ल्द ही बीत जाएगा और ये अजीब सा स्टेशन गाइसाल भी. 30 किलोमीटर दूर किशनगंज स्टेशन में प्रवेश कर रही अवध-असम एक्सप्रेस के ड्राईवर आर. रॉय को शायद पता था कि वो एक खतरनाक जगह की ओर बढ़ रहा है. बोडो आतंकवादियों ने अभी कल ही बारपेटा और सारुपेटा के बीच के ट्रैक के कुछ हिस्सों को उड़ा दिया था.