पुतिन की चेतावनी, ऐसा किया तो NATO देशों को भुगतने होंगे गंभीर नतीजे
पुतिन ने कहा, NATO के इस कदम को युद्ध की घोषणा माना जाएगा.
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यूक्रेन में युद्ध के बीच पुतिन ने NATO और पश्चिमी देशों को अब सीधी चेतावनी दे दी है. पुतिन ने कहा है कि रूस पर किसी भी तरह के प्रतिबंध को 'डेक्लेरेशन ऑफ वॉर' यानी युद्ध के ऐलान जैसा ही माना जाएगा. पुतिन ने यूक्रेन को नो फ्लाइंग ज़ोन घोषित करने की बात पर चेतावनी दी है.
पूरा मामला समझिए
यूक्रेन पर रूस की 'विशेष सैन्य कार्रवाई' के बाद से ही यूक्रेन चाह रहा है कि उसके एयरस्पेस को नो फ्लाईंग जोन घोषित किया जाए. यूक्रेन ने NATO से अपील की, जिसे नकार दिया गया. इसी को लेकर पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ, तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे. अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक पुतिन ने कहा,
"यूक्रेन में अगर किसी (NATO) ने नो-फ्लाईंग ज़ोन घोषित करने की कोशिश भी की, तो रूस की तरफ से इसे सैन्य संघर्ष की तरफ बढ़ता हुआ कदम माना जाएगा. इस तरह के कदम से यूरोप और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे."दरअसल, जो बात पुतिन कह रहे हैं, इसी बात का अंदेशा NATO के जनरल सेक्रेटरी जेन्स स्टोलेनबर्ग जता चुके हैं. स्टोलेनबर्ग ने यूक्रेन की मांग पर कहा था कि, हम यानी नाटो इस युद्ध का हिस्सा नहीं है. इस युद्ध को यूक्रेन से आगे बढ़ने से रोकना उनकी ज़िम्मेदारी है. क्योंकि ये ज्यादा खतरनाक और अधिक विनाशकारी होगा. नाटो की तरफ से मांग पूरी ना होने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाराज़गी जाहिर की थी. यूक्रेन ने एक बार फिर से नाटो से नो फ्लाईंग ज़ोन घोषित करने की मांग दोहराई है.
इधर पुतिन ने एक बार फिर से अपनी पुरानी बात दोहराई,
"हमारा मकसद यूक्रेन के 'डीमिलिटराइज़ेशन और 'डीनाज़िफिकेशन' के माध्यम से रूसी भाषी समुदायों की रक्षा करना है. ताकि रूस का पूर्व सोवियत पड़ोसी देश तटस्थ हो जाएं और आगे से रूस के लिए खतरा न हो."
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन. (फोटो: AP)
हालांकि पुतिन की इस बात से ज्यादातर देश सहमत नहीं है. यही वजह है कि युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. पुतिन ने रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों पर भी पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है. पुतिन ने कहा,
"ये जो प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, युद्ध की घोषणा के समान हैं. लेकिन भगवान का शुक्र है कि अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है."नाटो, पश्चिमी देशों और यूरोपियन यूनियन ने भले ही यूक्रेन का साथ देने के लिए अपनी सेनाओं को युद्ध में नहीं उतारा है. लेकिन रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाकर उसे दूसरी तरह से घेरने की कोशिश की है. यूरोपियन यूनियन ने रूस के 7 बैंको को SWIFT (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) से हटा दिया. वहीं ब्रिटेन ने भी रूस के 5 बैंकों पर प्रतिबंध लगाया है. इसके अलावा ब्रिटेन ने पुतिन की संपत्ति और बैंक अकाउंट्स को सीज़ किया है. अमेरिकी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अपने देश में एंट्री पर बैन लगाया है. इसके अलावा रूस के चार बैंक और रूसी एनर्जी कंपनी गजप्रोम सहित 12 कंपनियों पर रोक लगाई है.