यूक्रेन में भारतीय दूतावास का ये कदम क्या फंसे छात्रों को निकाल पाएगा?
भारतीय दूतावास ने एक गूगल फॉर्म जारी किया है.
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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की देश वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है. जो छात्र यूक्रेन से निकलकर दूसरे देशों में पहुंच गए हैं, उन्हें भारत लाया जा रहा है. लेकिन अभी भी यूक्रेन के कुछ शहरों में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में यूक्रेन में भारतीय एंबेसी ने छात्रों तक पहुंचने के लिए नई पहल की है. एंबेसी ने एक गूगल फॉर्म जारी किया है, जिसमें यूक्रेन में अलग अलग इलाकों में फंसे लोगों से जानकारी मांगी गई है.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट किया और अब जो लोग यूक्रेन में बचे हैं, उनसे एक गूगल फॉर्म भरने को कहा.
All Indian nationals who still remain in Ukraine are requested to fill up the details contained in the attached Google Form on an URGENT BASIS .
Be Safe Be Strong @opganga
@MEAIndia
@PIB_India
@DDNewslive
@DDNational
https://t.co/4BrBuXbVbz
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 6, 2022
ट्वीट में कहा गया है,
"सभी भारतीय नागरिक जो अभी भी यूक्रेन में बचे हैं, उनसे अनुरोध है कि वो इस गूगल फ़ॉर्म में जानकारी तुरंत दर्ज कराएं."दरअसल यूक्रेन में लगातार गोलीबारी, बमबारी और मुठभेड़ जारी है. ऐसे में जो छात्र वहां अभी भी फंसे हैं, उनका निकलना मुश्किल हो रहा है. बाहर निकलने पर हमले की चपेट में आने का खतरा है. दूसरी तरफ उनके पास खाने और पानी तक की किल्लत हो रही है. छात्र यूक्रेन में परेशान हैं और उनके परिवार भारत में परेशान हैं. भारत सरकार छात्रों को निकालने की कोशिश कर रही है. पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से फोन पर इस बारे में बात भी की. विदेश मंत्रालय ने छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन और रूस से बात की है.
यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को निकाला गया (फाइल फोटोः PTI)
आपको बता दें कि ऑपरेशन गंगा के तहत छात्रों को लेकर फ्लाइट्स लगातार भारत पहुंच रही हैं. पांच मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया,
"अगले 24 घंटों में 16 और फ्लाइट्स भारत पहुंच रही हैं. अबतक इस ऑपरेशन के तहत 16,000 भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है, जिसमें से 13,000 लोग भारत पहुंच चुके हैं. सरकार ने यूक्रेन के चार नजदीकी देशों में रूसी भाषा बोलने वाली टीमों को भेजा है. एक कंट्रोल रूम का भी सेटअप किया है. 4 मार्च तक 16,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से निकल चुके हैं.”आपको बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद वहां के एयर स्पेस को 24 फरवरी से ही बंद कर दिया गया है. जिसके चलते जो भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, उन्हें रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पौलैंड जैसे पड़ोसी देशों से एयरलिफ्ट किया जा रहा है.