'कश्मीर फाइल्स' की शूटिंग करने वाले ने क्यों कहा, 'फिल्म की तारीफ सुनकर अच्छा नहीं लगता'?
उदय सिंह मोहिते ने बताया फिल्म के किस सीन के बाद सन्नाटा पसर गया था.
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कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है. फिल्म को लेकर विवाद भी हो रहा है. इधर ये बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया कमाई कर रही है. इस बीच फिल्म के डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी उदय सिंह मोहिते ने आजतक के साथ फिल्म शूटिंग से जुड़े अनुभव साझा किए हैं. मोहिते ने बताया कि फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के साथ काम करने का ये उनका तीसरा अनुभव था. उन्होंने कहा,
"जब विवेक ने मुझे कहानी सुनाई, तो मैं स्तब्ध रह गया. मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ कभी हुआ. उस समय मैं स्कूल में था. कभी ऐसी न्यूज नहीं सुनी. जब मैंने रिसर्च मटेरियल ऑफ डॉक्यूमेंट्री देखीं तो मुझे काफी शर्म महसूस हुई कि मुझे इसके बारे में कोई आइडिया नहीं था."एक्टर्स परेशान हो गए उदय ने बताया कि फिल्म को शूट करने का अनुभव काफी डिप्रेसिंग था. उन्होंने बताया,
"हमने दूसरी फिल्मों की ही तरह इस फिल्म को भी शूट करना शुरू किया था. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो इस फिल्म को शूट करने का पूरा अनुभव डिप्रेसिंग था. एक्टर्स आते और चुपचाप अपने शॉट्स देते. कुछ दिनों की शूटिंग के बाद पता चला कि पूरा कास्ट डिप्रेशन में है. इस दर्द को छिपाने के लिए सेट पर जबरदस्ती का हंसी मजाक किया जाता. लेकिन सबको पता होता कि ये बस माहौल को हल्का करने के लिए किया जा रहा है. हैरानी की बात है कि केवल मेन एक्टर्स ही नहीं बल्कि साइड और स्थानीय एक्टर्स भी परेशान हो जाते थे."उदय सिंह मोहिते ने आगे बताया,
"पूरी फिल्म की शूटिंग 30 दिन तक चली. ज्यादातर शूटिंग मसूरी और देहरादून में हुई. उन जगहों को ही हमें कश्मीर बनाना पड़ा. लेकिन कुछ सीन ऐसे थे, जिन्हें कश्मीर के बाहर शूट नहीं किया जा सकता था. इसलिए हमने करीब एक हफ्ते का शूट कश्मीर में रखा. एक सीन डल झील में फिल्माना था. शॉकिंग बात ये थी कि पूरी झील जमी हुई थी. स्थानीय बिजनेसमैन ने बताया कि 30 साल बाद डल झील जमी है. वो कह रहा था कि जब कश्मीरी पंडितों के साथ वो त्रासदी हुई, आखिरी बार तब ही डल में बर्फ जमी थी. अब ऐसा होना बस एक इत्तेफाक है."कश्मीर में ऐसा था माहौल उदय ने कश्मीर में शूटिंग के माहौल के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया,
"हम सुबह-सुबह डल झील में शूटिंग करने वाले थे. ये शूटिंग का आखिरी हिस्सा था. उस दिन विवेक भी मेरे साथ थे. तापमान शून्य से भी नीचे था. ठंड इतनी थी कि उंगलियां सूजकर नीली पड़ गई थीं. किसी ने मुझसे कहा कि मैं कार में बैठूं और हीटर चला लूं. इसी तरह से चलता. मैं नाव के जरिए कार में हीटर चलाकर बैठता और फिर थोड़ी देर बाद शूटिंग करने जाता. वहां पर सबकुछ जमा हुआ था."मोहिते ने बताया कि शूटिंग के एक दिन पहले डल झील में एक लड़की की मौत हुई थी. आसपास के लोगों ने सावधानी बरतने को कहा था. मोहिते ने बताया कि वहां एक सप्ताह के लिए फतवा जारी होने की भी खबरें थीं, लेकिन विवेक ने इन सबका फर्क नहीं पड़ने दिया. उन्होंने बताया कि शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों ने बहुत मदद की.
'द कश्मीर फाइल्स' का पोस्टर. इस फिल्म में अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार और मिथुन चक्रवर्ती ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं.
मोहिते ने आजतक से फिल्म के सबसे चर्चित सीन के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि एक्ट्रेस भाषा का वो आरी वाला सीन पूरे प्रोडक्शन के लिए काफी मुश्किल था. मोहिते ने आगे कहा कि कई बार टेक्निकल चुनौतियों का तो समाधान हो जाता है लेकिन भावनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता. मोहिते ने बताया कि आरी वाले सीन के बाद सन्नाटा पसरा रहा. एक्ट्रेस भाषा का तो बुरा हाल था, उसका ब्लड प्रेशर लो हो गया था. शायद ही किसी ने खाना खाया हो.
द कश्मीर फाइल्स के डॉयरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी ने आगे बताया कि उन्हें फिल्म की तारीफ सुनकर अच्छा नहीं लगता. उन्होंने बताया कि प्रोडक्शन के लोग नाम के लिए ही काम करते हैं, लेकिन इस फिल्म को लेकर अगर कोई तारीफ करता है तो बहुत अच्छा नहीं लगता. मोहिते कहते हैं कि मन से मिली-जुली प्रतिक्रिया निकलती है. कई बार कनफ्यूजन होती है कि तारीफों पर कैसै रिएक्ट किया जाए. मोहिते ने बताया कि फिल्म के बाद ज्यादा अच्छा फील नहीं कर पा रहे हैं. इसमें दिखाए गए दर्द की वजह से शायद खुशी वाली भावनाएं कहीं दब गई हैं.