BJP सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा- टारगेट सेट करके दूसरे धर्म के लोगों को हिंदू बनाना चाहिए
तेजस्वी सूर्या ने मठों और मंदिरों को दी गई अपनी इस सलाह को वापस लेने की बात कही है
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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या (Tejasvi Surya) ने धर्म परिवर्तन से जुड़े अपने विवादित बयान को बिना किसी शर्त के वापस लेने की बात कही है. उन्होंने यह बयान 25 दिसंबर को उडूपी के श्री कृष्ण मठ में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में दिया था. सूर्या ने अलग-अलग धर्मों के लोगों को हिंदू धर्म में परिवर्तित करने की बात कही थी. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ और लोगों ने उनकी खूब आलोचना की. इसके बाद आज 27 दिसंबर को अपना बयान वापस लेते हुए तेजस्वी सूर्या ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा,
"दो दिन पहले उडूपी के श्री कृष्ण मठ में आयोजित 'भारत में हिंदू पुनरुत्थान' नाम के कार्यक्रम में मैंने अपनी बात रखी थी. मेरे भाषण के कुछ हिस्सों ने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से विवाद खड़ा कर दिया है. इस विवाद से बचा जा सकता था. इसलिए मैं बिना किसी शर्त के अपने बयान वापस लेता हूं."
तेजस्वी सूर्या ने क्या कहा था? दरअसल, 25 दिसंबर को आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में तेजस्वी सूर्या ने एक के बाद एक कई आपत्तिजनक बातें कही थीं. मसलन, सूर्या ने कहा कि हिंदुओं के पास अब केवल एक ही विकल्प बचा है, और वो है कि जो लोग अपने मूल धर्म से बाहर चले गए हैं, उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाना, उनकी घर वापसी कराना. तेजस्वी सूर्या ने दावा कि किया इतिहास में बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोगों का अलग-अलग धर्मों में धर्मांतरण कराया गया. सूर्या के मुताबिक, ऐसा करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया गया. मसलन, कभी उन्हें डराया गया तो कभी उन्हें लालच दिया गया. सूर्या ने कहा,At a program held in Udupi Sri Krishna Mutt two days ago, I spoke on the subject of ‘Hindu Revival in Bharat’.
Certain statements from my speech has regrettably created an avoidable controversy. I therefore unconditionally withdraw the statements. — Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 27, 2021
"जिन हिंदुओं को उनके मूल धर्म से बाहर निकाल लिया गया, उनको वापस लाना ही होगा. इस गलती को सुधारने का केवल यही विकल्प है. हिंदुओं को वापस लाने का काम युद्ध स्तर पर होना चाहिए. हमें पाकिस्तान के मुसलमानों का धर्म परिवर्तन हिंदू धर्म में कराना चाहिए. हमें घर वापसी को प्राथमिकता देनी होगी. पाकिस्तान अखंड भारत के विचार में शामिल है."सूर्या ने आगे कहा कि दूसरे धर्म के लोगों का धर्म परिवर्तन हिंदू धर्म में कराने के लिए मठों और मंदिरों को नेतृत्व करना चाहिए. ऐसा करने के लिए मठों और मंदिरों के पास वार्षिक टारगेट होने चाहिए. सूर्या ने यह भी कहा कि साम्यवाद और उपनिवेशवाद ही वो कारण हैं, जिसकी वजह से हिंदू धर्म आज कमजोर है. सूर्या ने दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता ने हिंदू धर्म पर गलत असर डाला है और इसकी वजह से मुसलमानों और ईसाइयों ने हिंदुओं का उत्पीड़न किया. बयान की आलोचना तेजस्वी सूर्या के इस पूरे भाषण की खूब आलोचना हुई. एक यूजर ने ट्वीट किया,
"क्या हम आश्चर्यचकित हैं? इस व्यक्ति के खिलाफ तो यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे हैं. सांप्रदायिक घृणा फैलाना बस इनकी एक और उपलब्धि है."
Are we surprised? This incredible individual also has “allegations” of sexual assault against him. Spreading communal hatred is just another feather in his already well-decorated cap! https://t.co/7qRVKJypbo — A_Narain (@a_narain) December 27, 2021एक और यूजर ने ट्वीट किया,
"क्या आपने कभी तेजस्वी सूर्या को विकास, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, महिला सुरक्षा, विज्ञान और तकनीक पर बात करते सुना है?"
Have you ever heard @Tejasvi_Surya talking about Human welfare, Unemployment,Healthcare, Education, Women safety, science, technology and development? https://t.co/0Daz7PGQqc — St . Sinner. (@retheeshraj10) December 27, 2021डॉक्टर शर्मिला नाम की यूजर ने ट्वीट किया,
"रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए वार्षिक टारगेट सेट करने की जगह यह व्यक्त धर्मांतरण के लिए टारगेट सेट कर रहा है. यह बात साफ है कि पढाई-लिखाई कर लेने से आदमी बुद्धिमान नहीं हो जाता."
Instead of setting yearly targets for job creation, building infrastructure like hospitals , educational institutions etc… this moron is setting targets for religious conversion Clearly education does not mean intellect ♀️♀️♀️#HinduTerrorism #BJPExposedAgain https://t.co/qT5NgVjmDN — Dr Sharmila (@DrSharmila15) December 26, 2021तेजस्वी सूर्या का बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब देश में धर्म संसद के नाम से आयोजित किए गए कार्यक्रमों में एक समुदाय विशेष के नरसंहार के नारे लगे और हिंदू धर्म के लोगों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित किया गया. इन कार्यक्रमों में देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी अपशब्द कहे गए और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की गई. इन कार्यक्रमों में की गई बेहद ही भड़काऊ और आपत्तिजनक बयानबाजी पर अभी तक सत्ता में बैठे लोगों की प्रतिक्रिया नहीं आई है. सूर्या का बयान ऐसे समय में भी आया है, जब हाल ही में कर्नाटक विधानसभा में धर्म परिवर्तन विरोधी बिल पास हुआ है. इस बिल को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. इस विधेयक के जरिए 'गैरकानूनी' धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.