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PM मोदी से मुलाकात के बाद कच्चे तेल पर रूसी विदेश मंत्री की ये बात अमेरिका को बुरी लगेगी!

निर्मला सीतारमण की बात तो और 'चिढ़ाने' वाली है.

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पीएम मोदी और भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद लावरोव ने कहा रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. फोटो- PTI और आजतक
2 अप्रैल 2022 (Updated: 2 अप्रैल 2022, 09:52 IST)
Updated: 2 अप्रैल 2022 09:52 IST
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भारत दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने भी कहा है कि अगर भारत चाहे तो मॉस्को कच्चे तेल की सप्लाई के लिए तैयार है. लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मीटिंग के बाद ये बात कही.

सर्गेई लावरोव ने ये भी कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. भारत-रूस के बीच इस हाईलेवल मीटिंग के पहले से ही इस तरह के संकेत मिल रहे थे कि भारत डिस्काउंटेड रेट पर रूस से तेल खरीदने वाला है और दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार के लिए इच्छुक हैं. इस मुद्दे पर लावरोव ने कहा,


अगर भारत रूस से कुछ भी खरीदना चाहता है, तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं.

आपको बता दें कि चीन का दो दिवसीय दौरा खत्म करने के बाद रूसी विदेश मंत्री 31 मार्च को नई दिल्ली पहुंचे थे. यूक्रेन में हमले के बीच ये उनका पहला भारत दौरा है. शुक्रवार, 1 अप्रैल को लावरोव ने पहले अपने भारतीय समकक्ष जयशंकर से मुलाकात की. इसके बाद, वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले. ये दौरा उस वक्त हुआ, जब इसके एक दिन पहले ही अमेरिका ने रूस पर लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों को 'परिणाम भुगतने' की चेतावनी दी थी.

भारतीय विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद रूस के मंत्री ने कहा,


भारत की विदेश नीति की विशेषता है कि ये स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय हितों पर आधारित है. यही नीति रूस की भी है और यही हमें, दो बड़े देशों को, अच्छे दोस्त और वफादार पार्टनर बनाता है.

आपको यहां बता दें कि कई अन्य प्रमुख देशों के उलट, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है. भारत ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर हुई वोटिंग प्रक्रिया से भी खुद को दूर रखा है.

दूसरी तरफ, अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर अलग-अलग तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. कच्चे तेल की ही बात करें तो अमेरिका और कनाडा ने रूस के कच्चे तेल के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ब्रिटेन ने घोषणा की है कि वो साल के अंत तक रूस से कच्चे तेल की खरीद को बंद कर देगा. कच्चे तेल के रूसी कार्गो खरीदार ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि कई प्रमुख कंपनियां अपनी 'प्रतिष्ठा' की चिंताओं पर रूसी कच्चे तेल की खरीद से बच रही हैं.

वहीं, शुक्रवार 1 अप्रैल को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ये कंफर्म कर दिया कि भारत रूस से छूट पर कच्चा तेल खरीद रहा है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा,


हमने (रूस से तेल) खरीदना शुरू कर दिया है. हमें काफी बैरल मिल चुके हैं. मैं 3-4 दिनों की आपूर्ति के बारे में सोचूंगी और यह जारी रहेगा. भारत के समग्र हित को ध्यान में रखा गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस से तेल खरीदने की पुष्टि की है. फोटो- PTI
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस से तेल खरीदने की पुष्टि की है. फोटो- PTI

वित्त मंत्री ने CNBC-TV18 की तरफ से आयोजित 'इंडिया बिजनेस लीडर अवार्ड्स' में ये बातें कहीं. सीतारमण ने कहा कि उन्होंने और विदेश मंत्री जयशंकर ने कई बार (रूस-यूक्रेन मामले पर) भारत की स्थिति को स्पष्ट किया है. कच्चे तेल की खरीदारी पर उन्होंने कहा,
मैं अपने देश के राष्ट्रीय हित को सबसे पहले रखूंगी, और ऊर्जा सुरक्षा को पहले रखूंगी. अगर कहीं ईंधन उपलब्ध है और छूट पर उपलब्ध है, तो मुझे इसे क्यों नहीं खरीदना चाहिए? मुझे अपने लोगों के लिए इसकी आवश्यकता है, इसलिए हमने पहले ही खरीदारी शुरू कर दी है.

रूस से कच्चे तेल की खरीददारी के अलावा भारत पहले से ही कई सैन्य उपकरणों की डील भी जारी रख रहा है. कई विशेषज्ञों ने अनुमान जताई थी कि रूसी विदेश मंत्री लावरोव की भारत यात्रा के दौरान भारत रूस पर विभिन्न सैन्य हार्डवेयरों के साथ-साथ S-400 मिसाइल सिस्टम के घटकों की समय पर डिलीवरी के लिए दबाव डाल सकता है.


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