The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Yogi adityanath government moves to withdraw rape case against Swami Chinmayanand

रेप विक्टिम से बिना पूछे आरोपी बाबा से केस वापस ले रही योगी सरकार

ये यूपी को अपराधमुक्त बनाने की निन्जा टेक्निक है. इसी 25 फरवरी को आरोपी चिन्मयानंद से मिले थे सीएम.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
आशुतोष चचा
10 अप्रैल 2018 (Updated: 10 अप्रैल 2018, 08:11 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
स्वामी चिन्मयानंद नाम के एक बाबाजी हैं. शाहजहांपुर में इनका भारी सा मुमुक्षु आश्रम है. पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इन पर सात साल से चल रहा बलात्कार का केस वापस लेने की तैयारी चालू हो गई है. इसके लिए 9 मार्च 2018 को शाहजहांपुर के जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी यानी सीनियर प्रोसीक्यूटिंग ऑफिसर को चिट्ठी भेजी गई है. इस चिट्ठी पर ADM यानी एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सिग्नेचर हैं. चिट्ठी में लिखा है कि सरकार ने शाहजहांपुर कोतवाली में जो चिन्मयानंद पर धारा 376 और 506 का केस दर्ज है वो वापस लेने का फैसला किया है. अत: सरकारी आदेश का जल्द से जल्द पालन करके रिपोर्ट दी जाए.
केस वापस लेने के लिए ADM की चिट्ठी
केस वापस लेने के लिए ADM की चिट्ठी

केस क्या है

धारा 376 यानी बलात्कार का केस. केस की बुनियाद थोड़ी पुरानी है. 2003 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया. इसी फेरबदल में चिन्मयानंद को केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा मिला. इसके कुछ समय पहले चिन्मयानंद के संपर्क में बंदायूं की एक लड़की आई जो इनकी शिष्या और साध्वी बनी. 30 नवंबर 2011 को इस शिष्या ने चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई. रेप और जान से मारनी की धमकी का केस दर्ज हुआ. चिन्मयानंद को अरेस्ट होने का डर था इसलिए हाईकोर्ट पहुंचे. सफाई दी कि ये पॉलिटिकल साजिश है. उनकी इमेज खराब करने के लिए ये सब किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर स्टे लगा दिया. तब से केस चल रहा है स्वामी का कारोबार भी.
विक्टिम की तरफ से दर्ज कराया गया केस
विक्टिम की तरफ से दर्ज कराया गया केस

पावरफुल बाबा

चिन्मयानंद के भौकाल का अंदाजा इसी से लगा लो कि सीएम योगी आदित्यनाथ इनके आश्रम में मेहमान हुए थे. इसी 25 फरवरी को. मुमुक्षु युवा महोत्सव हो रहा था उसी में शिरकत करने पहुंचे थे. इस महोत्सव में बाबा जी की खूब आरती उतारी गई थी. उस आरती का जो वीडियो जारी हुआ था वो हमारे सिस्टम की पोल खोलने वाला था. बड़े आईएएस और पीसीएस अधिकारी आरती का थाल धामे हुए थे. ये थे शाहजहांपुर के मुख्य विकास अधिकारी यानी CDO संजीव सिंह और ADM जीतेंद्र शर्मा. मजे की बात ये है कि शासन की तरफ से केस वापस लेने की जो चिट्ठी भेजी गई है उसमें इन्हीं जीतेंद्र शर्मा के दस्तखत हैं. पीड़िता के पति का आरोप है कि स्वामी ने रसूख, पैसे और महंगे वकीलों का इस्तेमाल करके केस के साथ खूब खेला है.
चिन्मयानंद की आरती उतारते अफसर
चिन्मयानंद की आरती उतारते अफसर

सीएम योगी और पीएम मोदी के साथ चिन्मयानंद
सीएम योगी और पीएम मोदी के साथ चिन्मयानंद

विक्टिम को केस वापसी के विषय में जानकारी नहीं

सीएम योगी ने पिछले साल ही कह दिया था कि राजनीतिक कारणों से दर्ज मुकदमे वापस लिये जाएंगे. चिन्मयानंद के लिए इससे सुनहरा मौका और क्या हो सकता था. विक्टिम से हमारी फोन पर बातचीत हुई तो पता चला कि उनसे बिना कोई बातचीत किये सरकार ने खुद फैसला ले लिया. सरकार का काम पीड़ित को न्याय दिलाना होता है. लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है. योगी जी बलात्कार के आरोपी के साथ गलबहियां कर रहे हैं. उनके अफसर उसी आरोपी बाबा की आरती उतार रहे हैं. सभी आरोपियों से केस वापस कर लो तो अपराध ऐसे ही खत्म हो जाएंगे. फिलहाल विक्टिम के पति ने राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को इस मामले में चिट्ठी लिखी है.


ये भी पढ़ें

यूपी में BJP विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के पिता की जेल में मौत

यूपी के उस BJP विधायक की पूरी कहानी, जिसपर एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया है

2019 लोकसभा चुनाव से पहले आई ये आफत मोदी-योगी को सबसे ज्यादा सता रही होगी

जब एक धर्म गुरु के कहने पर 913 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली

Advertisement

Advertisement

()