यस बैंक गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. 5 मार्च को रिजर्व बैंक ने यस बैंक परनकेल कस दी. आरबीआई ने कामकाज पर आंशिक रूप से रोक लगा दी. 3 अप्रैल तक के लिए अबयस बैंक का कामकाज RBI के जिम्मे होगा. एक महीने में 50,000 से ज़्यादा की रक़म नहींनिकाली जा सकती. RBI का कहना है कि यस बैंक की वित्तीय स्थिति में लगातार गिरावट आईहै. इसका कारण ये रहा कि संभावित ऋण घाटे से उबरने के लिए यस बैंक पूंजी जुटाने मेंअसमर्थ रहा. बैंक के साथ गंभीर गवर्नेंस इश्यूज़ हैं. यस बैंक अपने को रिस्ट्रक्चरकर पाए, इसके लिए RBI ने उसे हरसंभव सहयता दी. साथ ही उसे मौके दिए कि वो कुछ पैसेबैंक के लिए इकट्ठा कर पाए. लेकिन इन सब से कोई फायदा होता नहीं दिखा. बैंक केबोर्ड को 30 दिनों की अवधि के लिए अधिगृहीत किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक केपूर्व सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्तकिया गया है. अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तयकी गई है.