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हर रोज हजारों नौकरियां जाने की खबर, अमेरिकी कंपनियों में ही ऐसा क्यों हो रहा है?

क्या कोई बड़ा संकट आने वाला है?

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टेक कंपनियों से कर्मचारियों की छंटनी (सांकेतिक तस्वीर: आजतक)
19 जनवरी 2023 (Updated: 19 जनवरी 2023, 22:42 IST)
Updated: 19 जनवरी 2023 22:42 IST
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कंपनियां अपने वर्कफोर्स में कमी ला रही हैं. खासकर अमेरिकी टेक और IT कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं. हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने छंटनी का ऐलान किया. कंपनी लगभग 10 हजार कर्मियों को निकालने जा रही है. इससे पहले 5 जनवरी को एमेजॉन (Amazon) ने 18 हजार कंपनियों को निकालने की जानकारी दी थी. उसी दिन सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी सेल्सफोर्स (Salesforce) ने अपने 8 हजार कर्मियों को निकालने का ऐलान किया था.  

छंटनी की वजह

सॉफ्टवेयर, सोशल मीडिया और कई टेक कंपनियों में छंटनी के इस सिलसिले की शुरुआत पिछले साल से ही हो गई थी. मेटा, ट्विटर और एमेजॉन जैसी दिग्गज कंपनियों ने पिछले साल से ही छंटनी शुरू कर दी थी. कंपनियों में छंटनी का रिकॉर्ड रखने वाली वेबसाइट layoffs.fyi के मुताबिक, बीते साल 2022 में 1 हजार से अधिक कंपनियों ने 1,52,000 कर्मियों को नौकरी से निकाला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक कंपनियों में सबसे बड़ी छंटनी नवंबर में दर्ज की गई थी. लगभग 53,000 कर्मियों को नौकरी से निकाला गया था.

इस तरह टेक कंपनियों से कर्मचारियों की छंटनी क्यों हो रही है? एक्सपर्ट्स इसकी मुख्य तौर पर दो वजहें बताते हैं. पहली, कोरोना काल के दौरान टेक कंपनियों में हुई जबरदस्त हायरिंग और दूसरी वजह जो बताई जा रही है, वो है मंदी की आशंका. पहले बात कोरोना काल की ही कर लेते हैं.

टेक में आया ‘बूम’ गया!

COVID-19 महामारी और उस दौरान लगे लॉकडाउन को याद कीजिए. आप क्या कर रहे थे? वर्क फ्रॉम होम. इसके लिए क्या-क्या अरेंजमेंट करने पड़े थे? इंटरनेट और सॉफ्टवेयर सर्विसेज की डिमांड बढ़ गई थी. आप में से कई लोगों ने घर में वाई-फाई जरूर लगवाया होगा. ज़ूम कॉल और गूगल मीट जैसे शब्द हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए थे. काम से इतर आप अपनों से ऑनलाइन ही जुड़ पा रहे थे. खरीदना-बेचना सब ऑनलाइन था. जो लोग पहले ऑनलाइन सर्विसेज को अपनाने से बचते थे, उनके लिए भी दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा था. 

इस तरह कोरोना और इसके कारण लगे लॉकडाउन के दौर में टेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की डिमांड में अचानक जबदस्त इजाफा हुआ था. जाहिर है, ऐसे में टेक कंपनियों को अपना वर्कफोर्स बढ़ाना पड़ा. जमकर हायरिंग हुई. लेकिन अब, जब दुनिया कोरोना काल से पहले वाली जिंदगी में लौटने लगी है, तो डिमांड में भी कमी देखी जा रही है. IT और टेक सेक्टर में आया बूम बरकरार नहीं रहा, तो ये कंपनियां वर्कफोर्स घटा रही हैं.

जैसा कि Salesforce के CEO मार्क बेनिओफ ने भी 5 जनवरी को कंपनी के 8 हजार कर्मियों को निकालने के ऐलान पर कहा था. उन्होंने कहा था कि कोविड महामारी के दौरान लाखों अमेरिकी घर से काम कर रहे थे. इससे कंपनी की तकनीक की मांग बढ़ रही थी, लेकिन अब उस मांग में कमी आ रही है.

ये भी पढ़ें- टेक कंपनियों के लिए बहुत खराब रहा ये साल, लाखों नौकरियां गईं, भारत भी नहीं बचा

मंदी की आशंका

कई रिपोर्ट्स इस साल आर्थिक मंदी की आशंका जता रही हैं. 18 जनवरी, 2023 को जब माइक्रोसॉफ्ट से 10 हजार कर्मियों को निकाले जाने की खबर आई, तब कंपनी के CEO सत्या नडेला की ओर से जारी एक लेटर में मंदी का जिक्र किया गया. उन्होंने लिखा,

हर इंडस्ट्री में सावधानी बरती जा रही है. दुनिया के कुछ हिस्से मंदी की चपेट में हैं और बाकी हिस्से आर्थिक मंदी की आशंका जता रहे हैं.

मंदी और धीमी वृद्धि का डर कंपनियों को लागत में कटौती के लिए मजबूर कर रहा है. बड़ी-बड़ी नामी कंपनियां लोगों को नौकरी से निकालने लगी हैं. दुनिया का सबसे बड़ा IT हब यानी सिलिकॉन वैली अमेरिका में ही है. इसलिए लाजिमी है कि मंदी का असर अमेरिका पर ही सबसे ज्यादा पड़े. बीते साल के आखिरी 6-7 महीने टेक कंपनियों (Tech Companies) के लिए काफी बुरे भी साबित हुए हैं. 

वहीं ऐसा नहीं है कि मुश्किल वक्त गुजर गया है. टेक की दुनिया में इस साल और भी छंटनी के आसार हैं. ऐसे में बड़ी-बड़ी अमेरिकी कंपनियों में काम करने वालों पर नौकरी जाने का संकट मंडरा रहा है.  

खर्चा-पानी: क्या दुनिया मंदी की गर्त में फंस चुकी है?

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