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कौन है ये Binod, जिसका नाम इंटरनेट के हर कमेंटबॉक्स में कोरोना वायरस से ज़्यादा फैला है?

एक यूट्यूब के कमेंटबॉक्स से शुरू हुई कहानी, अब हर किसी के कमेंटबॉक्स तक जा पहुंची है.

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बिनोद बाहुबली
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आशीष मिश्रा
7 अगस्त 2020 (Updated: 7 अगस्त 2020, 01:16 PM IST) कॉमेंट्स
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Slayy Point करके एक यूट्यूब चैनल है. लोगों की ऊटपटांग आदतों का मज़ाक बनाता है. रोस्ट किया जाता है. अभ्युदय और गौतमी आते हैं, उसमें बिन लॉजिक की बात में लॉजिकल सवाल पूछ बहुत सही टांग खिंचाई करते हैं सबकी. उनने बनाया एक वीडियो. Why indian comment section is garbage नाम का और बताया कि कैसे लोग कमेंट्स में कुछ भी लिख देते हैं. ऐसे ही एक आदमी Binod Tharu का कमेंट दिखाया कि उसने कमेंट में अपना ही नाम Binod लिख दिया और 7 लोग आकर उसे लाइक भी कर गए और उसके बाद उस बन्दे की मौज ली. दिखाया कैसे उसके लिए हर बात का जवाब बिनोद ही होगा.  
वीडियो चला, लोगों का ध्यान Binod की बिनोदता पर गया तो उस कमेंट बॉक्स में भी बिनोद छा गया. वहां से उठा तो पूरे यूट्यूब पर छा गया. जिसके बाद फेसबुक-ट्विटर समेत सोशल मीडिया के तमाम कमेंटबॉक्स में फ़ैल गया. फिलहाल पोस्ट में बात राम मंदिर की हो या कोरोना वैक्सीन की कमेंट में बस बिनोद लिखा नज़र आता है. ये उस बिनोद की कथा है, जो कल कोई मेरे कमेंटबॉक्स में लिख गया और मैं भौंचक्का रह गया कि लोग Binod को क्यों याद कर रहे हैं. कुल जमा बिनोद एक नाम नहीं सोच है. ये हर उस आदमी का पर्याय है, जो कमेंट में इरिलेवेंट बात लिख जाता है. 15 जुलाई को आया स्ले पॉइंट का वीडियो, अब तक ग़दर काट रहा है और बिनोद नाम को कोरोना वाले वायरस से ज़्यादा फैला चुका है. इतनी कहानी अब तक आपको पता चल ही चुकी होगी, मौज तो बिनोद की बिनोदता में है, उसके फैलाव और विस्तार में है. Binod का इतना नाम इसलिए भी हुआ क्योंकि लोकल वोकल हो पड़ा, आत्मनिर्भर मेमेबाज़ों ने देसी मेमेंओं की बाढ़ ला दी. देखिए जनता ने #Binod पर कैसे-कैसे मीम बनाए, क्योंकि ट्रेंड का मज़ा तो बस उसी में है. हम सभी के मन में बिनोद बसा है. इसलिए लो ये मीम नवाज़ वाला. पर जो नवाज़, शरीफ है. ट्विटर न चलाए हो, बिनोद को यूट्यूब से न जान पाया हो, वो ऐसे दिग्भ्रमित बैठा होगा. मीम ही समाज का आईना है. हर सोशल मीडिया कमेंटबॉक्स की दशा बताता हुआ, ये मीम देखिए. आज से एक महीने बाद लोग कहेंगे कोई सेन्स था बिनोद की बात में, लेकिन हमें बहुत लग रही है इस वक़्त. जिन्हें बिनोद का अब भी पता नहीं है, वो पाषाणकाल में जी रहे हैं. कभी न कभी जागेंगे. शाहरुख खान को दो काम करने चाहिए. एक बार चेक करें उनका ट्विटर चला रहा लड़का/लड़की, किस-किसको ब्लॉक कर बैठा है. दूसरा ये कि अगली फिल्म में राहुल को बिनोद कर लें. जहां हमारा संघर्ष शुरू होता है, वहां बिनोद के सपने पूरे होते हैं. आलम ये है कि कमेंटबॉक्स मेंजिन्हें नहीं पता कि बिनोद कौन है, वो भी नाम लिखे जा रहे हैं, और जो बताने लगता है. उसे ऐसे घेर लेते हैं. मुंबई पुलिस ने भी मौके पर इंटरनेट जागरूकता अभियान चला डाला. 'क्या चल रहा है' वाले खरखोंचू सवाल का अंतत: जवाब मिल गया. बिनोद महेंद्र बिनोदबली भी हो सकता है. बिनोद एक नाम नहीं एक ब्रांड है. बिनोद प्रकरण पर नॉट सो क्रिएटिव मीम भी देखते जाएं. और अंत में मोदीजी :

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