नाक से खून बह रहा था, सचिन वक़ार के पास गए और मराठी में कहा, 'तुझ्या आयचा घो'
नवजोत सिंह सिद्धू दूसरे छोर पर इसकी गवाही दे रहे थे.
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Sachin Tendulkar Waqar Younis दोनों ने एकसाथ ही डेब्यू किया था
दिसंबर की सर्द सुबह. पाकिस्तान का सियालकोट. टीम इंडिया यहां पाकिस्तान के खिलाफ चौथा टेस्ट खेल रही थी. 14 दिसंबर, 1989. पांचवां और आखिरी दिन था. मैदान की हरी पिच से फास्ट बॉलरों को खूब मदद मिल रही थी. इमरान खान, वसीम अकरम औऱ वक़ार युनुस की गेंदें भारतीय बल्लेबाजों की छाती पर लग रहीं थी. इंडिया को मैच खोने का खतरा नहीं था. मगर यहां बात थी कि पाकिस्तान के इस खूंखार बॉलिंग अटैक को बहादुरी से फेस करने की.
इंडिया के चार विकेट 38 के स्कोर पर गिर गए. एक छोर पर ओपनिंग पर आए नवजोत सिंह सिद्धू खड़े थे. उन्हें भी कई गेंदें छाती पर लग चुकी थीं. रवि शास्त्री के ज़ीरो पर आउट होने के बाद मैदान पर 15 साल का लड़का बल्ला लिए आता है. नाम सचिन तेंडुलकर. दूसरे छोर पर सिद्धू ने सोचा अब इतनी खतरनाक गेंदबाजी के सामने ये लड़का भी क्या टिक पाएगा.
व़कार युनुस के हाथ में गेंद थी. सामने सचिन तेंडुलकर. कई गेंदें सचिन नहीं खेल पाए और व़कार सामने जाकर तेंडुलकर को घूर रहे थे. अगली गेंद सीधे तेंडुलकर की नाक पर लगी और वो क्रीज पर बैठ गए. देखा नाक से खून बह रहा है. सिद्धू ने कहा तुम रिटायर हर्ट हो जाओ. बाद में आ जाना. मगर सचिन ने मेडिकल टीम को वापस भेजा और सामने से आ रहे वकार युनुस को मराठी में कहा- तुझ्या आयचा घो. (तेरी मां की...) ये किस्सा खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने सुनाया है.
तेंडुलकर की तरफ से वकार की आक्रामकता का ऐसा जवाब देखकर सिद्धू की आंखों में चमक आ गई. अगली गेंद पर सचिन ने चौका मार दिया. फिर क्या था 15 साल के सचिन तेंडुलकर ने 57 रनों की पारी खेली. साथ में सिद्धू भी चार्ज हो गए और उन्होंने 97 रन मारे. यहीं से सचिन को दुनिया ने गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था. बाद में सचिन के पाकिस्तान के खिलाफ कई और बेहतरीन मौके आए जिन्हें दुनिया शायद ही भूल पाए. दो दशकों से ज्यादा लंबे करियर में 200 टेस्ट मैच खेले जिनमें 15921 रन बनाए. 51 शतक.
29 जून 2007 को सचिन ने वनडे क्रिकेट में 15000 रन पूरे किए थे. साउथ अफ्रीका के खिलाफ बेलफस्ट में खेलते हुए सचिन ने ये कीर्तिमान छुआ था. 463 वनडे खेलने वाले तेंडुलकर ने 18,426 रन बनाए. वनडे में सचिन के नाम 49 शतक हुए.
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