जब अतीक अहमद ने सोनिया गांधी की रिश्तेदार की जमीन पर कब्जा कर लिया था
सोनिया गांधी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था.

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सरेआम हुई हत्या की जांच जारी है. इस बीच अतीक के आपराधिक इतिहास की चर्चा खूब हो रही है. अतीक पर मर्डर, हत्या के प्रयास, अपहरण, जमीन कब्जाने, लूट जैसे 100 से ज्यादा केस दर्ज थे. जमीन हथियाने का एक किस्सा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी जुड़ा है. अतीक ने सोनिया गांधी की एक रिश्तेदार वीरा गांधी की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया था. वीरा गांधी, सोनिया गांधी के ससुर फिरोज गांधी के परिवार से आती हैं.
मामला साल 2007 का है, जब प्रयागराज इलाहाबाद हुआ करता था और जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी. अतीक अहमद तब फूलपूर से सांसद था. इंडिया टुडे से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक, वीरा गांधी की इलाहाबाद के सिविल लाइंस इलाके में प्रॉपर्टी थी. अतीक ने अपने लोगों से बोलकर इस प्रॉपर्टी पर कब्जा करवा लिया था. यह प्रॉपर्टी पैलेस टॉकीज के पीछे थी. जब वीरा गांधी को इसका पता चला तो उन्होंने जिला प्रशासन से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. अतीक सपा से ही लोकसभा सांसद था.
रिपोर्ट के मुताबिक, जब राज्य सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वीरा गांधी दिल्ली गईं. इसके बाद सोनिया गांधी ने मामले में हस्तक्षेप किया. तब जाकर अतीक ने जमीन पर अवैध कब्जे को छोड़ा. पूर्व आईजी लालजी शुक्ला ने इंडिया टुडे को बताया कि प्रयागराज में वीरा गांधी के परिवार की कई सारी प्रॉपर्टी हैं. लालजी शुक्ल के मुताबिक,
"अतीक उस जमीन पर इसलिए कब्जा करना चाहता था क्योंकि यह पैलेस टॉकीज के पीछे थी. उसने एक्सपेरिमेंट की तरह जमीन पर कब्जा किया था. अगर वह सफल हो जाता तो वह वीरा गांधी के परिवार की दूसरी प्रॉपर्टी पर भी कब्जा कर लेता."
अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज थे. उसके भाई अशरफ के खिलाफ भी 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. योगी सरकार बनने के बाद अतीक अहमद और उसके रिश्तेदारों-करीबियों की करीब 1 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति या तो जब्त हो चुकी है या बुल्डोजर से ध्वस्त की जा चुकी है.
15 अप्रैल को पुलिस हिरासत में हत्याबीती 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जब अतीक अहमद और अशरफ पर हमला हुआ, उस वक्त पुलिसकर्मी दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लेकर आए थे. इस दौरान मीडियाकर्मी अतीक और अशरफ की बाइट लेने की कोशिश कर रहे थे. तभी तीन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी. 18 राउंड फायरिंग के बाद तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था.
24 फरवरी के उमेश पाल हत्याकांड मामले में भी अतीक और उसका भाई अशरफ मुख्य आरोपी थे. केस में पूछताछ के लिए अतीक को दोबारा साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. 13 अप्रैल को कोर्ट ने उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा था. लेकिन इसी दौरान पुलिस की हिरासत में सरेआम उसकी हत्या कर दी गई.
वीडियो: अतीक मर्डर पर असदुद्दीन ओवैसी ने जो बताया सुन कर चौंक जाएंगे!

.webp?width=60)

