कोलकाता को तब कलकत्ता कहा जाता था. वनडे क्रिकेट में नया नया डे एंड नाइट क्रिकेट का दौर शुरू हुआ था. साथ ही थर्ड अंपायर का कॉन्सेप्ट भी एकदम नया था. ऐसे में इंडिया और वेस्टइंडीज हीरो कप के फाइनल में पहुंचीं. ये क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का जुबली टूर्नामेंट था. 27 नवंबर 1993 का दिन था और कलकत्ता में ये मुकाबला था. यहां रिकॉर्ड एक लाख लोग मैच देखने पहुंचे थे. ये रिकॉर्ड इसलिए क्योंकि इतने दर्शक कभी किसी क्रिकेट मुकाबले में नहीं देखे गए.
वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का फैसला किया और यहां भारतीय बल्लेबाजों ने 50 ओवरों में 225 रन बनाए. सबसे ज्यादा विनोद कांबली ने 68 और अजहरुद्दीन ने 38 रन बनाए. अब जब भारतीय टीम इस स्कोर को डिफेंड करने उतरी तो जीत की उम्मीद कम थी क्योंकि ब्रायन लारा टिकते दिख रहे थे. मगर सचिन ने लारा को 33 के स्कोर पर बोल्ड मार दिया. वेस्टइंडीज का ये दूसरा विकेट था. स्कोर 57/2. कपिल देव के दो और शिकारों के साथ स्कोर 63/4 हो गया.
मगर यहां जो हुआ वो इंडियन क्रिकेट में 20 साल तक रिकॉर्ड रहा. वनडे क्रिकेट में बेस्ट बॉलिंग फिगर्स का रिकॉर्ड. ये हुआ अनिल कुंबले के नाम. कुंबले ने नंबर पांच से लेकर आखिर तक सारे विकेट गिरा दिए. वो भी सिर्फ 4 रन देकर. कुंबले ने उस स्पेल में 26 गेंदें फेंकी और धड़ाधड़ 6 विकेट ले लीं. जो वेस्टइंडीज टीम 57/1 थी उसने अगले 9 विकेट 66 रनों पर ही गंवा दिए.
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इस तरह इंडिया ये मैच तो जीती ही, साथ ही अनिल कुंबले का ये 6.1 ओवरों में 2 मेडन के साथ 12 रन देकर 6 विकेट लेने का ये बेस्ट बॉलिंग फिगर बन गया. ये किसी भी भारतीय गेंदबाज का बेस्ट वनडे बॉलिंग फिगर रहा. उस मैच में कुंबले मैच ऑफ द मैच रहे थे. 1993 से 2014 तक ये रिकॉर्ड रहा. मगर जब स्टुअर्ट बिन्नी ने बांग्लादेश के खिलाफ 4 रन देकर 6 विकेट झटक लिए तो वो बेस्ट बॉलिंग फिगर्स बन गया.