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राम भक्त गोपाल ने मुस्लिम महिलाओं को उठाने वाले बयान के लिए गर्मी को जिम्मेदार बता दिया!

जामिया में क्यों गोली चलाई, इस पर भी बोला है.

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राम भक्त गोपाल को नहीं मिली जमानत. (दोनों फोटो वीडियो के स्क्रीन शॉर्ट हैं)
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डेविड
9 जुलाई 2021 (Updated: 9 जुलाई 2021, 11:15 AM IST)
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‘राम भक्त गोपाल’ पिछले कुछ दिनों से फिर चर्चा में है. ये वही शख्स है जिस पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सामने CAA और NRC के विरोध में निकले जुलूस पर फायरिंग करने का आरोप है. हाल में ग्रेटर नोएडा के जेवर के रहने वाले गोपाल को हरियाणा के पटौदी में हुई महापंचायत में खासतौर पर आमंत्रित किया गया था. यहां उसने लोगों की भीड़ के बीच भाषण दिया था. भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें गोपाल एक धर्म विशेष को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए नजर आया. इसके चलते उसकी गिरफ्तारी की मांग हुई. अब उसने अपने भाषण को लेकर सफाई दी है. आजतक के रिपोर्टर अरविंद कुमार ओझा ने पटौदी में दिए भाषण का जिक्र करते हुए राम भक्त गोपाल से पूछा कि उसने भाषण में मुस्लिम लड़कियों का अपहरण करने जैसी तमाम बातें क्यों कीं. इसके जवाब में गोपाल ने कहा,
मैं अपने बयान का स्पष्टीकरण करना चाहता हूं. वहां इतनी गर्मी होने के कारण, भीड़ जमा होने के कारण आवेश में आकर अज्ञानता के कारण मैं वहां उठा लेने शब्द का प्रयोग कर गया. मैं ये नहीं करने वाला था. मैं यूपी से बिलॉन्ग करता हूं. वहां एक शब्द होता है ब्याह, ब्याह करना मतलब शादी करना. मैं वहां उठा लेने की जगह ब्याह करने का शब्द प्रयोग करना चाहता था. आगे आप मेरा भाषण देखेंगे, पूरी क्लिप देखेंगे तो उसमें स्पष्ट पता चल जाएगा. मैंने उसमें आगे बोला है कि बहन-बेटियों को सम्मान के साथ सनातम धर्म में लाओ, उनको बुर्के से आजादी दिलाओ.
रिपोर्टर अरविंद ने जब गोपाल से पूछा के वो ये सब क्यों कर रहा है तो उसने कहा,
क्या आप नहीं मानते इस देश में महिला सशक्तिकरण होना चाहिए? इस देश में ऐसी मुस्लिम महिलाएं भी हैं जिन्होंने घर के बाहर सूरज नहीं देखा है. क्या मुस्लिम महिलाओं के खतना पर बात करने वाला कोई नहीं है? कहां चले जाते हैं महिला अधिकार वाले वो व्यक्ति? इंडिया एक डेवलप देश बनना चाहता है. जिन देशों की तरह इंडिया डेवलप देश बनना चाहता है, उन देशों ने बुर्का बैन कर दिया है. क्या उन देशों की तरह इंडिया को बुर्का नहीं बैन कर देना चाहिए?
गोपाल से ये भी पूछा गया कि क्या युवाओं के गोली चलाने भारत तरक्की करेगा. इस पर उसने कहा,
देश के गद्दारों के साथ क्या करना चाहिए. कानून कहां है? यही पूछना चाहता हूं. अमानतुल्ला खान जैसे लोग ट्विटर पर आकर धमकी देते हैं कि यति नरसिंहानंद जी की गर्दन काट देनी चाहिए. तब कानून व्यवस्था कहां चली जाती है इस देश की. जब ओवौसी बोलता है कि '15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो' तो कानून व्यवस्था कहां चली जाती है. वो तो मैं धन्यवाद करता हूं योगी आदित्यनाथ जी का जो उन्होंने पुलिस प्रशासन और कानून को सख्त कर रखा है. नहीं तो यूपी में इतनी घटनाएं होतीं कि हिन्दू बहुत ज्यादा विचलित हो जाता.
जामिया की घटना पर क्या बोला? जामिया में जो किया और हरियाणा में जो बयान दिया आप मानते हैं कि वो गलत है? इस पर गोपाल ने कहा,
हरियाणा के बयान पर मैं स्पष्ट करना चाहता हं. उसमें मैं कोई गलती नहीं मानता हूं. मैंने सिर्फ ये कहा था कि मुस्लिम बहन-बेटियां सम्मान के साथ सनातन धर्म में आएं. हम उनको खतना से, हलाला से, बुर्के से आजादी दिलाएंगे. जामिया के मामले में मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता. केस चल रहा है. उसकी कुछ संवैधानिक सीमाएं हैं.
गोपाल ने आगे कहा,
मैं देश विरोधी लोगों को एक संदेश देना चाहता था. गोली चलाने को समाधान नहीं मानता. मैं 17 साल का था. आवेश में आकर किया. देश का माहौल इस प्रकार से बना दिया था कि लोग रोड जाम करके बैठ गए थे. वहां से उठने का नाम नहीं ले रहे थे. एंबुलेंस तक नहीं निकल पा रही थी.
हरियाणा के भाषण को लेकर गोपाल ने कहा कि उसने 'मुल्ला' शब्द का प्रयोग किया था. मुसलमान शब्द का प्रयोग नहीं किया. वो किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. उसकी लड़ाई उनसे है जो देश विरोधी हैं. धर्म विरोधी हैं. गोपाल ने कहा कि वो हिंसा का समर्थन नहीं करता. संविधान पर भरोसा करता है.

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