कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद पंजाब की राजनीति में क्या बवंडर मचने वाला है?
पिछले विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला था, इस बार त्रिकोणीय से बढ़कर होगा.
3 काले कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला पंजाब में किसानों द्वारा शुरू किए गए लोगों के सबसे लंबे शांतिमय संघर्ष की जीत है. अन्नदाताओं को मेरा सलाम.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा,Decision to repeal 3 black farm laws is victory of longest peaceful people’s struggle that was started by farmers in Punjab. My salute to the Annadata.
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) November 19, 2021
काले कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में उठाया कदम है. किसान मोर्चे के सत्याग्रह को अभूतपूर्व सफलता मिली है. आपकी कुर्बानियों ने फल दिया है. एक रोड मैप के ज़रिए पंजाब में किसानी को पुनर्जीवित करना पंजाब सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.अकाली दल ने भी इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. साथ ही लखीमपुर खीरी मामले का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये इस सरकार (BJP-NDA) के चेहरे पर काले धब्बे की तरह रहेगा.
आम आदमी पार्टी पंजाब की राजनीति में अन्य प्रमुख दलों के बराबर ही सक्रिय है. उसके प्रमुख और दिल्ली क मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया है.While I congratulate farmers of Punjab, the country & the world, my first thoughts goes to families of 700 farmers martyred in the noble struggle! This, & the disgraceful incidents like #lakhimpurkheri will always remain a dark blot on this govt's face: Party patron PS.Badal(3/4)
— Shiromani Akali Dal (@Akali_Dal_) November 19, 2021
कुछ दिन पहले तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस से निकलकर अलग पार्टी बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया. कहा-मेरे किसान भाइयों को ऐतिहासिक आंदोलन की जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई। Press Conference | LIVE https://t.co/ydZdcdRXeJ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2021
गुरु नानक जयंती के पवित्र दिन हर पंजाबी की बात मान, 3 काले कानून रद्द करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का शुक्रगुज़ार हूं.
Great news! Thankful to PM @narendramodi ji for acceding to the demands of every punjabi & repealing the 3 black laws on the pious occasion of #GuruNanakJayanti. I am sure the central govt will continue to work in tandem for the development of Kisani! #NoFarmers_NoFood @AmitShah
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 19, 2021
पंजाब की राजनीति में अब आगे क्या?
पंजाब में 4 बड़ी पार्टियां हैं- कांग्रेस, शिरोमणी अकाली दल, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी. कृषि कानूनों से जुड़ी सियासत ने पंजाब के कई राजनैतिक समीकरण बदले हैं. जैसे- लंबे समय से चलता आया शिरोमणी अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गठबंधन इसी मुद्दे पर टूटा. कैप्टन ने पहले मुख्यमंत्री पद छोड़ा, फिर कांग्रेस पार्टी छोड़ खुद की नई पार्टी बनाई. उन्हें साथ मिला BJP का. शिरोमणी अकाली दल का बड़ा आधार पंजाब के गांव हैं. इसलिए शहरी इलाक़ों में पकड़ मज़बूत करने के लिए गठबंधन किया गया बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ. BSP पंजाब के दोआबा इलाके और शहरी हिस्सों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही है. वहीं आम आदमी पार्टी तय नहीं कर पा रही कि किसके साथ जाए. बैंस ब्रदर्स, टकसाली अकालियों समेत कई ऐसे पावर सेंटर हैं जो अपने-अपने इलाके में अच्छे वोट खींच सकते हैं. सब के बारे में क्रमवार बात करते हैं-#कांग्रेस
कांग्रेस इस वक्त सबसे मज़बूत स्थिति में दिख रही है. सत्ताधारी दल के पंजाब अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू किसान आंदोलन की शुरुआत से मोदी सरकार की आलोचना कर रहे थे. करतारपुर कोरिडोर खुलवाने में उनके योगदान की वजह से पंजाब की नानक नामलेवा संगत सिद्धू की प्रशंसा करती है. कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार, दोनों किसान आंदोलन के पक्ष में रही हैं. मुख्यमंत्री समेत पूरे कांग्रेस संगठन का दावा है कि वे 2017 से भी ज्यादा सीटें आगामी चुनाव में जीतेंगे. मोदी के कृषि कानून वापस लेने के ऐलान से दो दिन पहले (17 नवंबर) पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने मुख्यमंत्री चन्नी से मुलाकात की थी. ये मुलाकात कपास की खेती में गुलाबी कीड़े की वजह से हुए नुकसान के बारे में थी. मुख्यमंत्री चन्नी के मीटिंग के बाद कहा था कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और किसानों की मांगें मान ली गई हैं. पंजाब के इन किसान संगठनों ने पहले ऐलान किया था कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द ना हो जाएं, कोई भी पार्टी गांवों में प्रचार करने ना जाए. 18 नवंबर को चन्नी और पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन- भारतीय किसान यूनियन, उगराहां की मुलाकात हुई. किसान संगठन के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कहा-हम कांग्रेस के नेताओं, मंत्रियों का गांवों में विरोध कर रहे थे, वो आज से नहीं किया जाएगा.किसान यूनियन, उगराहां का पंजाब के 1400 से ज्यादा गांवों में आधार है. ढांचागत लिहाज से ये सबसे मज़बूत संगठन है. ये परोक्ष समर्थन कांग्रेस के लिए ये बड़ा प्लस पॉइंट है. हां, कृषि कानून वापस लेने की बात बोलकर BJP ने कांग्रेस से एक बड़ा मुद्दा ज़रूर छीन लिया है.
A delegation of farmers led by S Joginder Singh Ugrahan met me at my residence. All their demands have been accepted. They were satisfied with my decisions & meeting ended on a positive note. pic.twitter.com/slKBt80qRH
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) November 18, 2021